हवस और बदला
 
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हवस और बदला

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अपडेट 11
पूरा अंडरवर्ल्ड में अब सिर्फ़ DEVIL का नाम ही गूँज रहा था। यहाँ पर अंडरवर्ल्ड के बेस में एक मीटिंग थी।

A1: हमें कुछ करना होगा, इस DEVIL को जल्द से जल्द ख़त्म करना होगा। इसने पूरे UK से हमारे ड्रग्स का बिज़नेस ख़त्म कर दिया। और उसके साथ ही वेपन्स स्मगलिंग का भी।

A2: पर हम लोग करें क्या? आज तक किसी ने भी उसका चेहरा नहीं देखा। और ना ही उस पर कोई गोलियाँ काम करती हैं।

A1: बॉस के आने से पहले उसका पता लगाओ। वरना हमारा पता कोई नहीं लगा पाएगा।

इधर SRM अब एक मल्टीनेशनल कंपनी बन गई थी। और अब SRM कंपनी SRM GROUP OF COMPANY बन गई थी। जिसका पूरा का पूरा क्रेडिट सोनिया और विशाल को जाता है। उनकी ही मेहनत और दिमाग़ की वजह से आज यह भारत के टॉप में और वर्ल्ड टॉप 5 में थी।

सैम और दोस्तों की कॉलेज लाइफ़ भी मस्त जा रही थी। इनका कॉलेज में भी 1 साल हो गया था। इस 1 साल में सैम और माही का प्यार और बढ़ गया और इस प्यार को उन्होंने अच्छे से रूम में सेलिब्रेट भी किया था जब-जब सैम का कंट्रोल खोने लगता था। सैम और माही हर हफ़्ते में 3 बार सेक्स करते जिससे सैम की बॉडी हीट ना हो।

एक दिन सैम और माही एक साथ टाइम स्पेंड कर रहे थे तभी हरीश अंकल का कॉल आता है कि माही के मॉम डैड का किसी ने एक्सीडेंट करवा दिया और वो अभी हॉस्पिटल में हैं।

माही ने तो रोना शुरू कर दिया। सैम ने उसे संभाला और हॉस्पिटल आया। माही ने सीधे जाकर हरीश अंकल से पूछा।

माही: कैसे हुआ ये सब और कहाँ हैं वो?

हरीश अंकल: वो लोग वॉक पे निकले थे तभी एक ट्रक ने इन्हें टक्कर मार दी। और अभी डॉक्टर ट्रीटमेंट कर रहे हैं।

सैम: काल, अभी के अभी उस ट्रक का पता लगाओ।

कुछ देर बाद डॉक्टर बाहर आते हैं।

माही: डॉक्टर, मेरे मॉम डैड कैसे हैं?

डॉक्टर: आई एम सॉरी। उन दोनों का ख़ून बहुत बह चुका था। आपकी मॉम ने तो हॉस्पिटल आने से पहले ही दम तोड़ दिया था और आपके डैड के ब्रेन में 4 जगह से ब्लड निकल रहा है और बहुत ज़्यादा निकल रहा है। कुछ ही देर में वो उनके ब्रेन के टिश्यूज़ में फैल जाएगा। और उनकी...

माही ये सुनते ही वहीँ पे बेहोश हो जाती है। सैम जल्दी से उसे पकड़ लेता है। डॉक्टर उसका चेकअप करते हैं।

डॉक्टर: शॉक की वजह से बेहोश हैं। कुछ देर में होश आ जाएगा।

हरीश अंकल: उनके पास और कितना टाइम है?

डॉक्टर: 1 से 2 घंटे। आप लोग चाहें तो उनसे मिल सकते हैं।

हरीश अंकल: ओके डॉक्टर।

फिर सब वहीँ पे बैठ जाते हैं। सबकी आँखें नम थीं। और सैम की आँखों में गुस्सा।

सैम: काल!

काल: सर, मैंने उस ट्रक की पूरी डिटेल्स निकाल ली हैं। और वो इस वक़्त कहाँ से हैं, ये भी पता चल चुका है।

सैम: उसके ऊपर नज़र रखो।

काल: ओके सर।

थोड़ी देर में माही को होश आता है और वो सैम को पकड़ के ज़ोर-ज़ोर से रोने लगती है।

माही: सैम, मेरे मॉम डैड... ये बोल वो फिर से रोने लगती है।

सैम: चुप हो जाओ माही। चुप हो जाओ। मैं उनको मार दूँगा जिसने भी ये किया है। चलो पहले अंकल से मिल लेते हैं, उनके पास ज़्यादा टाइम नहीं है।

फिर सब एक-एक करके विक्रम अंकल के पास जाते हैं।

माही: डैड... सिर्फ़ इतना ही बोल पाती है और फिर से रोने लगती है।

विक्रम अंकल: मत रो माही। एक ना एक दिन तो जाना ही था और तुम्हारी मॉम के बिना मैं अकेला यहाँ क्या करता। और तुम अपने आप को अकेली क्यों समझ रही हो? तुम्हारे साथ हमारी ये मेहनत खड़ी है। सैम, इसका हमेशा ध्यान रखना। कभी भी अकेला मत छोड़ना।

सैम: मैं हमेशा इसका हाथ थामे रखूँगा अंकल। इसे कभी भी अकेला नहीं रहने दूँगा। आई प्रॉमिस।

हरीश अंकल: ये सब कैसे हुआ?

विक्रम अंकल: ये सब उसी फॉर्मूला की वजह से हुआ है। कुछ वक़्त पहले मेरे पास इंडिया से किसी सिन्हानिया और मल्होत्रा का कॉल आया था, वो मुझसे इस फॉर्मूला को बेचने को कह रहे थे। मैंने उन्हें वहीँ मना कर दिया।

वो कुछ दिन तक फोन पे धमकी देते रहे।

सैम: तो आपने उसी वक़्त मुझे क्यों नहीं बताया? मैं उसी वक़्त इस प्रॉब्लम को जड़ से मिटा देता।

विक्रम अंकल: क्योंकि ऐसे कॉल हमें पहले भी कई बार आ चुके थे, इसलिए मैंने सीरियसली नहीं लिया। और आज उन्होंने अपनी धमकी को पूरा कर दिया।

सैम: अब उन लोगों को इससे भी बुरी मौत मिलेगी DEVIL के हाथों।

विक्रम अंकल: मेरी एक लास्ट विश पूरी करोगे सैम?

सैम: आप ऑर्डर दें अंकल।

विक्रम अंकल: मेरी माही से शादी कर लो।

सैम: अंकल, ये आप क्या बोल रहे हैं, अभी तो हमारी पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई।

विक्रम अंकल: मैं अपनी बेटी का घर बसते हुए देखना चाहता हूँ। प्लीज़ मेरी लास्ट विश समझ कर इसे पूरा कर दो।

सैम: ठीक है अंकल, मैं तैयार हूँ।

फिर वहीँ पे सैम ने एक चाकू से थोड़ा ख़ून निकाल इंडियन स्टाइल में माही को सिंदूर की तरह लगा दिया।

विक्रम अंकल: थैंक यू बेटा। तुमने मेरी लास्ट विश पूरी की, अब मैं शांति से सो सकता हूँ।

माही वहीँ अपने डैड का हाथ पकड़ के बैठ जाती है। उसकी आँखों से आँसू तो अब भी बह रहे थे। थोड़ी देर बाद विक्रम अंकल अपनी आँखें बंद कर लेते हैं।

सबकी आँखों में आँसू थे। फिर उनका अंतिम संस्कार किया जाता है। जिसमें अशोक और उनकी फैमिली भी थी।

माही की मेंटल कंडीशन अभी ठीक नहीं थी, इसलिए संजना आंटी उसे अपने साथ ले जाती हैं।

सैम रात को DEVIL के गेटअप में उस ट्रक वाले को उठाता है।

सैम: आज तूने 2 लोगों का एक्सीडेंट किया था अपने ट्रक से। किसके कहने पे किया था?

ट्रक वाला तो DEVIL को देख कर ही समझ गया था, आज उसकी मौत पक्की है, फिर भी वो चांस लेता है।

ट्रक वाला: मैंने जानबूझ के नहीं किया, वो ब्रेक फेल हो गया था, प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो।

सैम ने गुस्से में अपनी स्वॉर्ड निकाली और उसका एक हाथ काट दिया।

ट्रक वाला चिल्लाने लगता है। और चिल्लाते हुए बेहोश हो जाता है।

सैम उसे होश में लाता है और बोलता है:

सैम: अब सच बोलेगा या कुछ और काटूँ?

ट्रक वाला: मुझे यहाँ के एक बिज़नेसमैन सिन्हानिया ने पैसे दिए थे उन्हें मारने के लिए।

सैम: अब कहाँ है वो?

ट्रक वाला: जहाँ तक मुझे पता है, वो कुछ साल से इंडिया में ही रहते हैं। वो यहाँ पे किसी काम से आए तो और मुझे उनको मारने के लिए कहा।

सैम ने गुस्से में आके उसके पूरे शरीर को ही चीर डाला। फिर पुलिस को बुलाके वहाँ से निकल जाता है। अब पुलिस के लिए भी DEVIL का कॉल मतलब किसी की कटी हुई लाश उठाना हो गया था।

सैम वहाँ से घर आता है। और सो जाता है। अगली सुबह वो माही के पास जाता है। उसकी हालत अब भी वैसी ही थी।

सैम: जिसने उनको मारा था, उसका पता चल गया है।

माही: मुझे उनको अपने हाथों से मारना है। कहाँ है वो?

सैम: इंडिया में।

माही: उन्होंने मेरे मॉम डैड को जैसे मारा है, मैं उनको इससे भी बुरी मौत दूँगी। हम इंडिया जाएँगे।

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अपडेट 12
सैम: मैं अशोक अंकल से बात करता हूँ।

तभी पीछे से आवाज़ आती है: तुम्हें कुछ कहने की ज़रूरत नहीं। मुझे सब पता है और आज मैं तुम्हें वो भी बताऊँगा जो इतने साल से किसी को नहीं पता है।

सैम: अशोक अंकल, आप यहाँ? मैं आपके पास ही आने वाला था।

अशोक: मुझे पता था। इसलिए मैं ख़ुद आ गया। और मुझे भी तुम्हें कुछ बताना है।

सैम: बोलिए, क्या बताना है?

अशोक: ये मल्होत्रा और सिन्हानिया सिर्फ़ माही के ही नहीं, तुम्हारे भी दुश्मन हैं।

सैम: मतलब?

अशोक: इन दोनों ने मिलकर तुम्हारी दादी और चाचा-चाची और बड़े भाई को बड़ी बेरहमी से मारा था।

सैम: क्या? लेकिन मेरे तो कोई चाचा हैं ही नहीं।

अशोक: तुम्हारे चाचा थे। चाची भी थीं और तुम्हारा बड़ा भाई भी था। लेकिन उनको और तुम्हारी दादी को इन लोगों ने बेरहमी से मारा था। और तुम्हारी चाची के साथ तो उन्होंने जो किया था, वो तो बोल भी नहीं सकता।

सैम: लेकिन मुझे कभी भी दादाजी या राजेश शर्मा ने कभी कुछ नहीं बताया।

अशोक: तुम्हारे दादाजी को पता था और वो बदले के लिए तड़प रहे थे। उन्हें लगा उनका बदला तुम्हारे पिता लेंगे, पर वो भी उसी तरह निकला।

सैम: पर उन लोगों ने ऐसा क्या किया?

अशोक: प्रॉपर्टी के लिए। उस वक़्त तुम्हारे दादाजी के पास उनसे ज़्यादा दौलत थी और ये बात उन्हें सहन नहीं हुई। उन्होंने शर्मा ग्रुप के शेयर ख़रीदना चाहा, लेकिन तुम्हारे दादाजी ने नहीं बेचा। उन्होंने बहुत धमकी भी दी। लेकिन तुम्हारे दादाजी नहीं हिले। तब तुम्हारे पिता अपनी ऐय्याशी के लिए बाहर गए हुए थे। और तुम्हारे चाचा-चाची और भाई तुम्हारी दादी के साथ घूमने जा रहे थे। तब उन्होंने उनको किडनैप किया और तुम्हारी चाची के साथ जो किया, वो मैं नहीं बोल पाऊँगा। फिर तुम्हारे पूरे परिवार को मार के उनकी लाशें तुम्हारे दादाजी को भेज दी।

तुम्हारे दादाजी पूरी तरह से टूट गए थे अपने परिवार की लाश को अपने सामने देख कर। तुम्हारे पिता को कोई मतलब नहीं था। तुम्हारे दादाजी के दुख का फ़ायदा उठाकर उसने कंपनी को अपने अंदर ले लिया। फिर भी तुम्हारे दादाजी को लगता था कि वो बदला ज़रूर लेंगे। पर उन्होंने कुछ नहीं किया। और जब ये सब हुआ था, तब तुम्हारी माँ की शादी नहीं हुई थी।

और अब तुम्हारे दादाजी की आख़िरी इच्छा यही थी कि तुम उनका बदला लो। उन्हें तड़पा-तड़पा के मारो।

सैम की आँखें गुस्से में लाल हो गई थीं। वो गुस्से में पास पड़े सोफ़े को उठा के फेंक देता है। ये देख माही झट से उसके गले लग जाती है।

माही: सैम, शांत हो जाओ। उनको उनके किए की सजा ज़रूर देना। पर तुम अपना गुस्सा शांत करो।

सैम थोड़ी देर बाद शांत हो जाता है।

सैम: मुझे मेरे दादाजी की क़सम, इनके पूरे खानदान को ऐसी मौत दूँगा कि इनकी रूहें तक काँप जाएँगी।

अभी ये कहाँ मिलेंगे?

अशोक: ये लोग इंडिया में हैं। और तुम्हारे ही शहर में हैं।

सैम: मुझे इनकी पूरी कुंडली चाहिए। काल!

काल: कुंडली रेडी है सर। सर, ये लोग अभी इंडिया के टॉप बिज़नेसमैन में से हैं, पर SRM से नीचे। और ये लोग शर्मा ग्रुप के साथ टाई-अप कर चुके हैं। और सिन्हानिया के बेटे के साथ आपकी बहन नेहा की सगाई होने वाली है। और आपकी माँ भी वापस राजेश के साथ हैं।

ये सब सुनके सैम की आँखों में गुस्सा और बढ़ जाता है।

सैम: सोनिया दी, अपना मेन ब्रांच इंडिया शिफ़्ट करो और उनके बच्चों के कॉलेज में मेरा एडमिशन करवाओ।

माही: सिर्फ़ सैम का नहीं, मेरा भी।

सैम: तुम?

माही: तुम्हारी बीवी हूँ अब और बदला साथ मिलके लेंगे।

दीपक: यहाँ सारा कांड साथ मिलके किया है, तो इंडिया में भी साथ मिलके करेंगे। मैं भी आऊँगा। और प्लीज़, कोई आर्ग्यूमेंट नहीं।

काल: इनके बच्चों के साथ आपके दोस्त भी पढ़ते हैं। मतलब ऋषि, रितिका और काजल भी। और सिन्हानिया का छोटा बेटा आकाश रितिका के पीछे पड़ा हुआ है, लेकिन वो उसकी तरफ़ देखती भी नहीं।

सैम: और अब कभी देखेगी भी नहीं। तुम ज़रा नेहा दी के नंबर पे कॉल करो।

काल कॉल लगाता है।

नेहा: हेलो।

सैम: सगाई कर रही हो और मुझे बुलाया भी नहीं, सबकी तरह आप भी भूल गई।

नेहा: कौन बोल रहा है?

सैम: सैम।

नेहा: कौन सैम? मैं किसी सैम को नहीं जानती।

सैम: समीर शर्मा, आपका भाई।

नेहा: क्या कहा, फिर से बोलना।

सैम: आपने सही सुना है।

नेहा: भाई! कैसा है तू? कहाँ पे है? क्या तुझे मेरी याद नहीं आती?

सैम: भूल तो आप गई हैं मुझे, इसलिए तो सगाई कर रही हो और भाई को बुलाया तक नहीं।

नेहा: भाई, मैं ये अपनी मर्ज़ी से नहीं कर रही हूँ। डैड ने जबरदस्ती फिक्स की है। और मॉम भी मान गई क्योंकि उन्हें मेरे फ्यूचर की चिंता है। लेकिन मुझे ये रिश्ता पसंद नहीं।

सैम: जब मेरी बहन को पसंद नहीं, तो दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे इस रिश्ते को तोड़ने से नहीं रोक पाएगी।

नेहा: सच कह रहा है भाई?

सैम: हाँ। बस सबको दिखाने के लिए ये सगाई होगी। लेकिन शादी नहीं होगी। आई प्रॉमिस।

नेहा: तू कब आ रहा है?

सैम: आपकी सगाई की डेट कौन सी है?

नेहा: 4 दिन बाद की।

सैम: तो उसी दिन आऊँगा, लेकिन आप किसी को मत बोलना।

नेहा: ओके, किसी को नहीं बोलूँगी।

फिर सैम कॉल कट करवाता है।

सैम: विशाल भैया, काल को इंडिया कैसे ले जाएँ?

विशाल: वो मैं देख लूँगा, तुम चिंता मत करो।

सोनिया: वहाँ पे मैंने घर भी देख लिया है, तुम लोग वहाँ पे रह लेना।

सैम: ओके। माही, तुम वहाँ पे वाइफ़ नहीं, गर्लफ्रेंड होके चलोगी और ये तुम्हारा भाई।

माही: गर्लफ्रेंड क्यों?

सैम: क्योंकि मैं नहीं चाहता वहाँ किसी को शादी के बारे में अभी पता चले।

माही: जब तक मुझसे कंट्रोल होगा, मैं करूँगी।

सैम: ओके।

फिर वो लोग वहाँ से थोड़ा बाहर घूमने निकलते हैं।

माही: सैम, तू मेरा क्या लगता है?

सैम: ये कैसा सवाल है? तू मेरी बीवी है और मैं तेरा पति।

माही: तो मैं अगर एक बीवी के अधिकार से कुछ माँगूँ, तो तू देगा?

सैम: तू जान माँग ले।

माही: तो फिर तू मुझे प्रॉमिस कर, जिसने मेरे मॉम डैड को मारा है, तू उसके परिवार को बर्बाद करेगा और उनको तड़पा-तड़पा के मारेगा। और उनके खानदान की हर लड़की को तू अपने पैरों में रखेगा।

सैम: ये क्या बोल रही है तू? बाकी सब तो ठीक था, पर लड़की और औरत को गुलाम?

माही: मुझे प्रॉमिस कर सैम।

सैम: ठीक है, मैं प्रॉमिस करता हूँ, तेरे मॉम डैड के कातिल के परिवार की हर औरत, लड़की मेरी और तेरी गुलाम होंगी। पर अगर रितिका...

माही: उसे मैं संभाल लूँगी और देखना, वो ख़ुद तुझे परमिशन देगी।

सैम: ठीक है।

इधर इंडिया में कुछ लोग एक कॉलेज के कैंटीन में बैठे हुए थे।

लड़की: सुना है, तुम्हारी भाई की शादी फिक्स हो गई है?

लड़का: हाँ। नेहा शर्मा नाम की लड़की से। वो शर्मा ग्रुप के मालिक की बेटी है।

लड़की: ओह, यानी इसके आशिक़ की बहन।

लड़का: इसका आशिक़ मतलब?

लड़की: अरे, तुम्हारे-हमारे स्कूल में आने से पहले एक लड़का हुआ करता था, समीर। वो इसे पसंद करता था, एक दिन इसे प्रपोज़ कर दिया, तो इसने उसे बेइज़्ज़त कर दिया था।

लड़का: ओह। तो अब कहाँ है वो समीर?

लड़की: सुनने में आया था, वो लंदन चला गया था।

तभी वहाँ बैठा दूसरा लड़का बोलता है:

लड़का 2: चला नहीं गया, भाग गया होगा अपनी बेइज़्ज़ती कराके।

तभी वहाँ बैठी लड़की बोलती है:

लड़की 2: शट अप करन। क्यों किसी का बेवजह मज़ाक उड़ा रहे हो?

लड़का 2: सॉरी रितिका।

लड़की: अब जब उसकी बहन की सगाई है, तब तो वो ज़रूर आएगा।

ये सुनते ही रितिका की हार्टबीट तेज़ होने लगती है। और वो उस दिन की बात को याद करने लगती है जब उसने गुस्से में सैम को थप्पड़ मारा था और बेइज़्ज़त भी किया था।

लड़का: वैसे काजल, वो पढ़ाई और स्पोर्ट्स में कैसा है?

काजल: पढ़ाई में तो अच्छा था। और स्पोर्ट्स में भी अच्छा ही था।

करन: जैसा भी हो, पर हमसे अच्छा नहीं होगा, क्यों आकाश?

आकाश: देखते हैं। वैसे ये नताशा कहाँ चली गई, आई नहीं अभी तक?

रितिका: आती ही होगी और ऋषि भी तो अभी तक नहीं आया।

तभी कॉलेज में एक कार एंटर करती है। और वो कार सीधा ड्रिफ्ट करके उनके पास आती है। और उसमें से एक लड़की बाहर निकलती है।

रितिका: क्या करती हो नताशा, किसी को चोट लग सकती है।

नताशा: ओ कम ऑन रितिका, ये नताशा सिन्हानिया की कार है, किसी को चोट नहीं लग सकती।

आकाश: रितिका बिल्कुल सही कह रही है नताशा।

नताशा: आपको तो इसकी हर बात ही सही लगती है भाई।

रितिका: ऐसा कुछ नहीं है, हम अच्छे दोस्त हैं और जो सही है, वही आकाश ने कहा।

नताशा: ओके-ओके। आगे से ध्यान रखूँगी। फिर ये लोग क्लास करके घर आ जाते हैं।

रितिका का मन बहुत बेचैन था, जब से उसे पता चला था कि सैम यहाँ आने वाला है। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो उससे माफ़ी कैसे माँगेगी और उसका सामना कैसे करेगी। तभी उसकी बहन रितु उसके पास आती है।

रितु: क्या हुआ दीदी, आप इतनी बेचैन क्यों लग रही हैं?

रितिका: ऐसा कुछ नहीं है रितु, बस कुछ सोच रही थी।

रितु: ऐसा क्या सोच रही हो?

रितिका: नेहा दीदी की सगाई होने वाली है और उसमें समीर ज़रूर आएगा। मैं यही सोच रही हूँ कि उससे माफ़ी कैसे माँगूँगी और उसका सामना कैसे करूँगी। और क्या वो मुझे माफ़ करेगा।

रितु: जब उसे सच्चाई का पता चलेगा, तो वो ज़रूर आपको माफ़ कर देगा। हाँ, नाराज़ थोड़ा ज़रूर होगा।

रितिका: बस वो मुझे माफ़ कर दे।

इधर जब ऋषि को नेहा की सगाई का पता चलता है, तो वो भी बहुत ख़ुश होता है। सगाई के लिए नहीं, बल्कि अपने दोस्त से मिलने के लिए।

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अपडेट 13
3 दिन बाद सैम और टीम इंडिया लैंड करती है। पहले वो सीधा घर जाते हैं। वहाँ पे विशाल ने पहले एक कमरा लिया, जो अंडरग्राउंड बना था, उसमें काल को फिर से सेटअप किया।

सैम, माही और दीपक ने थोड़ा आराम किया।

सोनिया और विशाल आज वहीँ रुकने वाले थे।

अगले दिन सोनिया, विशाल ऑफिस के लिए निकलने वाले होते हैं, तभी दीपक भी उनके साथ ऑफिस का चक्कर लगाने का बोलता है। तो वो लोग ऑफिस निकल जाते हैं।

सैम और माही एक लेटेस्ट कार, जिसका लॉन्च अभी कहीं पे भी नहीं हुआ है, उसमें बैठ के नेहा के पास जाने के लिए निकलते हैं।

इधर शर्मा मेंशन में काफ़ी लोग जमा थे। सिन्हानिया और मल्होत्रा का पूरा खानदान। सिर्फ़ आकाश, करन और नताशा को छोड़के। क्योंकि वो आए नहीं थे।

नेहा की फ्रेंड्स, राजेश, रेशमा, संगीता, ऋषि, रिया सब लोग थे। रितिका के मॉम डैड और रितु भी थे। रितिका अभी आई नहीं थी।

मिसेज़ सिन्हानिया: चलिए, सगाई की रस्म शुरू करते हैं।

नेहा: रुकिए, अभी एक स्पेशल गेस्ट का आना बाकी है।

राजेश: सब तो आ गए, अब कौन आना बाकी है?

नेहा: आप लोग भूल सकते हैं। लेकिन मैं नहीं, मेरा एक भाई है, उसका आना बाकी है, मेरा सैम भाई।

जैसे ही संगीता नेहा के मुँह से ये सुनती है कि उसका भाई आ रहा है, उसके दिल की धड़कनें तेज़ होने लगती हैं। आज कितने सालों बाद वो अपने उस बेटे को देखेगी, जिसको वो कभी देखना ही नहीं चाहती थी।

मिस्टर सिन्हानिया: समधी जी, आपने कभी बताया नहीं, आपका एक बेटा भी है।

राजेश क्या बोलता, वो तो भूल ही चुका था समीर को।

राजेश: जी, वो लंदन में रहके पढ़ाई करता है। बहुत ही मासूम और भोला है।

मिसेज़ सिन्हानिया: रेशमा, तुमने भी कभी नहीं बताया कि तुम्हारा एक बेटा भी है।

रेशमा: जी, वो मेरा नहीं, संगीता का है।

ये लोग ऐसे ही बातें कर रहे थे, तभी वहाँ एक कार आके रुकती है। उसमें से सैम और माही बाहर निकलते हैं।

सबकोई सैम और माही को देखते ही रहते हैं। वहाँ जितनी लड़कियाँ और औरतें थीं, सभी सैम को ताड़ने लगती हैं। वहाँ खड़े सभी औरतों और लड़कियों की चूत से पानी... यहाँ तक कि एक बार तो रेशमा और नेहा की चूत से पानी बहने लगा। और लड़के माही को ताड़ने लगते हैं और उनके पैंट में भी तंबू बना हुआ था।

संगीता तो अपने बेटे को आज पहली बार ही देख रही थी। राजेश और रेशमा भी उसे देख कर शॉक थे। वो लोग सोच रहे थे, ये कैसा गया था और क्या बन के आया है।

सैम सीधा जाकर नेहा के गले लगता है।

सैम: कैसी हो दीदी?

सैम के ऐसे गले लगने से नेहा के सब्र ने अपना बाँध तोड़ दिया। उसकी आँखें और चूत पूरी भीग गई। बड़ी मुश्किल से उसने बोला:

नेहा: तुम्हें देख लिया, अब एकदम मस्त हूँ। तुम तो बिल्कुल बदल गए हो भाई। क्या बॉडी बनाई है। चेहरा भी बदल गया है।

सैम: सब समय-समय की बात है दीदी। उस समय वक़्त ख़राब था और अब किसी के बाप में ताक़त नहीं, मेरा वक़्त ख़राब कर सके।

नेहा: वैसे ये कौन है?

सैम: ये माही है, मेरी फ्रेंड।

नेहा: फ्रेंड या गर्लफ्रेंड?

सैम बस मुस्कुरा देता है।

नेहा: वैसे अब तो वापस नहीं जाएगा ना?

सैम: नहीं दी। अब मैं यहीं इंडिया में रहूँगा।

राजेश: ये क्या बोल रहे हो समीर बेटा। तुम्हें तो लंदन में रहकर पढ़ना चाहिए।

सैम: मिस्टर राजेश शर्मा। पहली बात, मेरा नाम सैम है और दूसरी बात, मैं अपनी मर्ज़ी का मालिक हूँ, किसी के बोलने से अपना डिसीजन नहीं बदलता।

जब सैम ने अपने बाप को नाम से बुलाया, तो वहाँ खड़े सभी शॉक हो गए। ख़ास कर के संगीता, उसे तो यक़ीन ही नहीं हो रहा था कि उसका बेटा इतना बदल गया है।

राजेश: वहाँ रह कर बड़ों से बात करने की तमीज़ भूल गए हो।

सैम: ये सब आपकी ही सिखाई हुई है।

सैम फिर एक-एक करके सबसे मिलता है, संगीता को छोड़के, जिससे उसे दुख तो बहुत होता है।

सैम जब मिस्टर सिन्हानिया के पास जाता है, तो वो हाथ मिलाने के लिए हाथ आगे बढ़ाता है।

सैम: मेरे इतने भी बुरे दिन नहीं आए कि मैं दूसरों के सामने हाथ फैलाऊँ।

सिन्हानिया को ये बात अच्छी नहीं लगती। उसकी ऐसी बेइज़्ज़ती देख मल्होत्रा आगे नहीं बढ़ता।

रेशमा ख़ुश थी कि वो बच गई।

सैम फिर रिया से मिलता है। और आख़िर में ऋषि से।

ऋषि तो उसे सीधा गले लगा लेता है।

ऋषि: कैसा है भाई, कहाँ चला गया था?

सैम: एकदम मस्त। तू बता।

ऋषि: अब तू आ गया है ना, तो एकदम मस्त। वैसे ये लड़की कौन है?

सैम: अभी बोला ना, फ्रेंड है।

ऋषि: अब मेरे से भी छिपाएगा। वैसे तू बहुत बदल गया है।

सैम: वक़्त सबको बदल देता है भाई। दीदी, मैंने कहा था, आपकी सगाई पे आऊँगा। तो आ गया, अब चलता हूँ। फिर मुलाक़ात होगी।

नेहा: भाई, सगाई होने तक रुक जा।

सैम: मुझे इस सगाई से कोई लेना-देना नहीं है और मैंने आपको जैसा बोला था, वैसा ही होगा, आप टेंशन मत लो।

नेहा: ठीक है। लेकिन तू अब कहाँ रहेगा?

राजेश: रहेगा किसी सस्ते घर में।

सैम: दीदी, मैं आपको एड्रेस सेंड कर दूँगा, आप आजाना, पर अकेले आना, ओके?

नेहा: ठीक है भाई।

फिर सैम और माही वहाँ से निकल जाते हैं।

ऋषि रितिका को कॉल करता है।

ऋषि: रितिका, कहाँ पे हो तुम? सैम आया था।

रितिका: कौन सैम?

ऋषि: समीर। अब उसने अपना नाम बदल लिया है।

रितिका: क्या? समीर आया है? मैं अभी आती हूँ। उसे कहीं भी जाने मत देना।

ऋषि: तुमने लेट कर दिया, वो चला गया।

रितिका: उसने मेरे बारे में पूछा?

ऋषि: नहीं। लेकिन जिसने-जिसने उसके साथ बुरा किया है, उसे तो यहाँ पे बेइज़्ज़त करके गया है। और अब तो पूरा बदल गया है। ये हमारा पहले वाला समीर नहीं है। और अब तो उसके पास गर्लफ्रेंड भी है, उसे साथ लाया था।

रितिका: क्या? गर्लफ्रेंड? मेरा समीर इतना बदल गया। ये सब मेरी वजह से हुआ है। ये सब कहते हुए उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं।

ऋषि: तुमने कुछ नहीं किया है रितिका। जब उसे सच्चाई पता चलेगी, तो वो तुम्हें माफ़ कर देगा।

रितिका: पर अब क्या फ़ायदा। अब तो उसके पास गर्लफ्रेंड भी है।

ऋषि: वो कल कॉलेज आएगा और अब यहीं रहेगा हमेशा के लिए। कल उससे मिल लेना।

रितिका: हम्म। ठीक है, रखो। और अब मेरा वहाँ आने का कोई मूड नहीं है।

ऋषि: ठीक है।

फिर ऋषि कॉल कट कर देता है। इधर रितिका की आँखों से आँसू बहने लगते हैं। उसे ये सुनके बहुत बुरा लगता है कि सैम के पास गर्लफ्रेंड है। वो रोते-रोते वहीँ सो जाती है।

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इधर जब आकाश, करन और नताशा वहाँ पहुँचते हैं, तब तक सगाई हो चुकी थी। उन्हें भी पता चलता है कि कैसे सैम ने वहाँ पे बेइज़्ज़ती की थी। ये सुनके आकाश को बहुत गुस्सा आता है।

आकाश: साले ने मेरी फैमिली की बेइज़्ज़ती की। उसे तो छोड़ूँगा नहीं। पहले तो रितिका ने स्कूल में बेइज़्ज़त किया, तो देश छोड़ दिया था, अब तो उसकी पूरे शहर के सामने बेइज़्ज़ती करूँगा, तब देखता हूँ वो क्या करता है।

इधर सैम और माही घर आते हैं। दीपक, विशाल और सोनिया पहले ही आ चुके थे।

माही: सैम, हमने वहाँ सबको देखा, सिर्फ़ रितिका ही वहाँ नहीं थी।

सैम: पता नहीं। हो सकता है, अपने नए दोस्तों के साथ अब बिज़ी हो। उसकी लाइफ़ है, जैसे मर्ज़ी जिए, मैं क्या कर सकता हूँ।

माही: ज़रा मेरी तरफ़ देख कर फिर से बोलना। अगर आजके बाद ऐसा कुछ सुना ना, तो टाँगें तोड़ दूँगी।

सैम: ठीक है, ठीक है। मज़ाक भी नहीं समझती। और तू ऑफिस देख आया, कैसा है?

दीपक: ऑफिस तो मस्त है। सोनिया दीदी ने अच्छा संभाला है सब कुछ।

सैम: अच्छा है। काल, यहाँ पे लंदन जैसे सारे अंडरवर्ल्ड कनेक्शन्स को पॉइंट आउट करो और उनके धंधे की पूरी लिस्ट करो। इंडिया में भी DEVIL का कहर टूटेगा।

काल: ओके सर।

फिर ये लोग थोड़ा रेस्ट कर, शाम को घूमने जाते हैं। फिर घर आके सो जाते हैं।

सुबह ये लोग रेडी होके कॉलेज के लिए निकलते हैं। दीपक एक लेटेस्ट बाइक पे गया, तो सैम और माही कल वाली कार में।

जब ये कॉलेज में एंटर करते हैं, तो सबकी नज़र इनपे ही होती है, ख़ास कर कार और बाइक पे। क्योंकि अभी तक ये मॉडल लॉन्च नहीं हुआ था। तो सब देख कर हैरान हो जाते हैं।

आकाश और उसके दोस्त भी ये देख कर हैरान रहते हैं कि उनसे बड़ा कौन आ गया यहाँ पे।

आकाश: अरे, ये मॉडल तो अभी तक लॉन्च भी नहीं हुआ, तो इनको कैसे मिल गया?

करन: हाँ भाई। आज तक कोई भी लेटेस्ट चीज़ हम लोगों के पास पहले आती थी। लेकिन ये कौन है, जिसके पास हमसे भी पहले आ गया?

ये लोग कार और बाइक पार्क करते हैं। दीपक को देख कुछ लड़कियाँ ताड़ने लगती हैं। पर जब सैम कार से उतरता है, तो पूरा कॉलेज उसे ताड़ने लगता है। उसकी अट्रैक्टिव बॉडी, जिसपे बॉडी फिटिंग ड्रेस, ब्लैक गॉगल्स, हटके हेयर स्टाइल, जो पूरे कॉलेज में सबको मात दे रहा था। फिर जब माही उतरती है, तो कुछ लड़कों का बुरा हाल हो जाता है। और लड़कियाँ उसे जलन भरी नज़रों से देखने लगती हैं। सब कोई बस हैरान था कि ये कौन है, जिसने 5 मिनट में पूरे कॉलेज के स्टूडेंट्स को ऐसे देखने पे मजबूर कर दिया।

यहाँ भी लड़कियों का हाल वही होता है, उनका भी बाँध टूट गया था।

ये लोग चल के ऋषि के पास आते हैं, जो पहले से ही वहाँ था।

ऋषि: वेलकम भाई। कैसा है?

सैम: एकदम मस्त। तू इसे मिल, ये है मेरा दोस्त कम भाई, बिल्कुल तेरी तरह, दीपक।

ऋषि: हाय दीपक।

दीपक: हाय ऋषि। बहुत सुना है तुम्हारे बारे में।

रितिका: ऋषि, कौन हैं ये लोग?

जब रितिका ये बोलती है, तब सैम, माही और दीपक की नज़र उसपे जाती है।

सैम रितिका को देखता है और सोचता है, अभी भी बिल्कुल वैसी ही है, एकदम मासूम और प्यारी। बिल्कुल भी नहीं बदली।

ऋषि: अरे रितिका, तुमने नहीं पहचाना, ये सैम है, मतलब समीर और ये उसकी गर्लफ्रेंड माही।

माही जब रितिका को देखती है, तो सोचती है: अच्छा, तो ये है मेरी सौतन। सच में, ये तो बहुत ख़ूबसूरत है। मेरे सैम की पसंद बहुत अच्छी है।

रितिका जब ये सुनती है, तो वो उसे ही देखती रहती है। उसे यक़ीन ही नहीं हो रहा था, आज इतने सालों बाद समीर उसकी आँखों के सामने है। उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं, पर वो कंट्रोल कर लेती है, पर जब वो माही को देखती है, तो उसके आँसू बह ही जाते हैं। जो सैम और माही देख लेते हैं, पर रितिका ने उन्हें जल्दी से पोंछ लिया।

करन: अच्छा, तो यही है वो, जिसकी रितिका ने पूरे स्कूल के सामने बेइज़्ज़ती की थी और जिसने कल हमारे पेरेंट्स की बेइज़्ज़ती की।

नताशा: चाहे कुछ भी कहो। ये है बड़ा हॉट और सेक्सी। इसे देखते ही मुझे अजीब सा लगने लगा है।

जब नताशा ये बोलती है, तो माही के साथ रितिका भी उसे गुस्से से घूरने लगती है।

ऋषि: और सैम, ये है काजल, रितिका को तो तूने पहचान ही लिया होगा।

सैम: क्यों, ये कोई फ़ेमस है क्या, जिसको देखते ही पहचान लूँ? मैं यहाँ पे सिर्फ़ तुझे जानता हूँ और बाकी सब मेरे लिए अनजान हैं।

रितिका जब ये सुनती है, तो उसे बहुत दुख होता है।

आकाश: अरे मिस्टर, अपनी हद में रहो। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई रितिका के बारे में ऐसे बोलने की?

सैम: मैंने उससे कहा, तो तुझे क्यों तकलीफ़ हो रही है?

आकाश: दोस्त है वो हमारी। और जो हमारी दोस्त की बेइज़्ज़ती करे, हम उसे छोड़ते नहीं हैं।

सैम: अरे, अभी बेइज़्ज़ती किसे कहते हैं, तूने देखा ही कहाँ है।

ऋषि: चल, क्लास में चलते हैं, यहाँ रहके मेरा मूड बिगड़ रहा है।

ये बोल सैम वहाँ से चला जाता है। माही और दीपक भी उसके पीछे-पीछे चल देते हैं।

माही: ये सब क्या है सैम? तुमने उसके साथ ऐसा क्यों बिहेव किया? तुमने देखा, उसकी आँखों में आँसू आ गए थे।

सैम: ये करना मुझे भी तकलीफ़ हुई है माही। पर मैं मजबूर हूँ। जब तक मुझे सच्चाई का पता नहीं चलता कि उसने ऐसा क्यों किया, मुझे ऐसा ही करना होगा।

माही: कैसी सच्चाई?

सैम: कल ऋषि से मिलने के बाद जब हम घर जा रहे थे, तब मैंने ऋषि और रितिका की फ़ोनिक कन्वर्सेशन सुनी थी अपनी पावर से। जिसमें वो लोग बातें कर रहे थे कि जिस दिन मुझे सच्चाई पता चलेगी, उस दिन मैं रितिका को माफ़ कर दूँगा। तो अब मुझे उसी सच्चाई का पता लगाना है। जो रितिका मुझे ख़ुद बोलेगी।

माही: लेकिन जब उसे पता चला, तुम्हारी लाइफ़ में अब मैं हूँ, तो उसे बहुत दुख हुआ था।

सैम: उसके इस दुख को तुम्हें दूर करना होगा।

अब चलो, तुम दोनों अपने क्लास में जाओ, मैं अपने क्लास में जाता हूँ।

सैम जब क्लास में आता है, तो वहाँ उसकी ही बातें हो रही थीं। और जब सब उसे देखते हैं, तो चुप हो जाते हैं। लड़कियाँ तो उसे ऐसे घूर रही थीं, जैसे अभी उसे कच्चा खा जाएँगी, कुछ तो अपनी चूत को सहला रही थीं।

सैम जाके अपनी सीट पे बैठ जाता है। थोड़ी देर में वहाँ ऋषि, रितिका और वो लोग भी आ जाते हैं।

रितिका सैम को एक नज़र देखती है। एक बार तो मन किया कि जाके उसके पास बैठ जाए, पर उसने ख़ुद को कंट्रोल किया। और उसके पीछे वाली सीट पे बैठ गई काजल के साथ।

नताशा जब देखती है कि सैम अकेला बैठा है, तो वो उसके पास आती है:

नताशा: हाय। मैं नताशा हूँ, क्या मैं यहाँ बैठ सकती हूँ?

रितिका ये सुनती है, तो उसे घूरने लगती है और ख़ुद को कोसने लगती है कि उसने क्यों नहीं बैठा वहाँ।

सैम टेढ़ी नज़र से रितिका को देखता है, जो गुस्से से घूर रही थी।

सैम: हाँ, ज़रूर। ये बोल वो थोड़ा साइड होता है।

नताशा जानबूझ के उससे चिपक बैठती है। जिससे रितिका को और गुस्सा आता है। तभी ऋषि वहाँ आता है।

ऋषि: अरे नताशा, तुम यहाँ बैठ गई। ठीक है, मैं कहीं और बैठ जाता हूँ। वैसे सैम, वो दोनों दिखाई नहीं दे रहे हैं।

सैम: उनके दूसरे ब्रांचेज़ हैं। इसलिए वो दूसरे क्लास में हैं।

ऋषि: ओके।

फिर क्लास में टीचर की एंट्री होती है।

प्रोफेसर: गुड मॉर्निंग स्टूडेंट्स। मेरा नाम संगीता शर्मा है। और आपकी अकाउंट्स टीचर हूँ। आप लोग तो मुझे जानते हैं, लेकिन कुछ-कुछ स्टूडेंट्स नए आए हैं, इसलिए मैंने अपना इंट्रो दिया। तो अब मैं उन नए स्टूडेंट्स के नाम लूँगी, वो प्लीज़ अपना इंट्रो दें।

फिर संगीता एक-एक करके सभी स्टूडेंट्स का इंट्रो लेने लगती है।

संगीता: और अब लास्ट स्टूडेंट है सैम शर्मा।

संगीता जब ये नाम पढ़ती है, तो उसकी आँखों में एक चमक आती है। फिर जब वो सामने देखती है, तो अपने बेटे को खड़ा पाती है, तो उसे बहुत ख़ुशी हो रही होती है।

सैम: यस मैम। बिना उसकी तरफ़ देखे। फिर सैम अपना इंट्रो देता है।

संगीता को बुरा तो लगता है, पहली बार उसके बेटे ने उससे बात की, पर एक स्टूडेंट के रूप में और एक बार भी उसकी तरफ़ देखा तक नहीं।

फिर क्लास शुरू होता है। आधा सिलेबस ख़त्म हो चुका था। सैम पढ़ाई में ध्यान ना देकर इधर-उधर देखने लगता है, जिससे वो संगीता को ना देख सके।

संगीता ये नोटिस करती है।

संगीता: सैम।

सैम: यस मैम।

संगीता: मैं जानती हूँ, आधा सिलेबस ख़त्म हो चुका है और अकाउंट्स बहुत हार्ड होता है और शायद इसलिए तुम्हें समझ नहीं आ रहा है, अगर तुम चाहो, तो मुझसे हेल्प ले सकते हो।

सैम: मुझे किसी के हेल्प की कोई ज़रूरत नहीं है। और ये अकाउंट्स मेरे लिए कोई हार्ड सब्जेक्ट नहीं है। आप बाकियों पे ध्यान दें।

ये बोल सैम बैठ जाता है। पूरी क्लास शॉक थी सैम के इस बिहेवियर से। पर संगीता और रितिका ज़्यादा शॉक थीं।

संगीता को तो पता था, सैम उससे नफ़रत करता है और इसलिए उसने उसके साथ ऐसा बिहेव किया।

पर रितिका को तो ज़्यादा शॉक लगा, क्योंकि वो जिस समीर को जानती थी, वो किसी से बदतमीज़ी से बात नहीं करता था और आज उसने अपनी मॉम से ही पूरे क्लास के सामने बदतमीज़ी से बात की, जिसका ज़िम्मेदार वो कहीं ना कहीं ख़ुद को मान रही थी।

इधर क्लास चल रही थी, पर नताशा सैम के साथ छेड़खानी कर रही थी, जो पीछे से रितिका देख रही थी। उसे गुस्सा तो बहुत आता है, पर वो कुछ नहीं कर पा रही थी। सैम भी मौक़े का फ़ायदा उठा कर अपना एक हाथ उसकी थाइज़ के ऊपर रख देता है, जिससे रितिका का गुस्सा और ज़्यादा बढ़ जाता है।

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फिर जैसे-तैसे क्लास ख़त्म होता है। ऐसे ही रिसेस तक टीचर्स आते, इंट्रो लेते, पढ़ाते और चले जाते। सैम और नताशा का काम चालू ही था और रितिका की आँखों से अब आँसू निकल रहे थे। वो ये सब नहीं देख पा रही थी।

रिसेस में सैम और ऋषि कैंटीन में आते हैं और नताशा सीधा वॉशरूम भागती है। कैंटीन में जहाँ माही और दीपक उसका वेट कर रहे थे।

माही: कैसा गया?

सैम: ठीक ही था। तुम लोगों का?

दोनों: सेम।

सैम: बैठो, मैं कॉफ़ी लेके आता हूँ।

ऋषि और दीपक: हम भी चलते हैं।

फिर ये तीनों चले जाते हैं कॉफ़ी लाने। माही वहीँ पे अकेली बैठी रहती है।

जब ये वापस आते हैं, तब देखते हैं, एक लड़का माही को छेड़ रहा है।

सैम: क्या हुआ माही?

माही: ये मुझे डेट पे ले जाना चाहता है।

सैम: तूने पूछ लिया, चल अब निकल।

लड़का: अरे, तू चुपचाप बैठा रह, मैंने इसे पूछा है। तू कौन है बी?

सैम: तूने जिससे पूछा है, मैं उसका बॉयफ्रेंड हूँ।

लड़का: ओह। चल, कोई बात नहीं। एक दिन के लिए मेरे साथ डेट पे जाएगी, तो कुछ नहीं होगा। सही सलामत वापस छोड़के जाऊँगा।

सैम: तुझे समझ नहीं आता क्या? बोला ना, चल निकल।

लड़का अब गुस्से में सैम का कॉलर पकड़ लेता है।

लड़का: तुझे बोला ना, चुप करके बैठ। मुझे जो पसंद आ जाती है, मैं उसे अपना बनाकर ही मानता हूँ, अगर मान जाए, तो ठीक, वरना एक रात के लिए लेके बात ख़त्म। और मैंने तुझे बोला ना, ये सिर्फ़ एक रात के लिए।

तभी पीछे से आवाज़ आती है:

अरे राघव, क्या हो रहा है ये?

राघव: अरे आकाश भाई, आप। कुछ नहीं, मैं बस हाल-चाल पूछ रहा था, आप जानते हो क्या?

आकाश: हाँ। मेरी होने वाली भाभी का भाई है। चल, अब निकल यहाँ से।

राघव: जी भाई। फिर सैम के कान में: तू लकी है, जो आकाश भाई का रिश्तेदार है, वरना दिखाता राघव से मुँह लगने का नतीजा।

सैम को गुस्सा तो बहुत आ रहा था। उसने कॉफ़ी को टेबल पे रखा और एक मुक्का उसके मुँह पे मारा। जिससे उसके सामने के दाँत टूट गए।

ये देख कर आकाश, करन, रितिका, ऋषि और काजल हैरान हो जाते हैं।

राघव: तेरी इतनी हिम्मत, तूने मुझे मारा।

राघव सैम को मारने आता है, तो सैम एक लात उसके सीने में मारता है, जिससे वो दूर जा गिरा।

रितिका: आकाश, करन, रोको उसे। वरना राघव और उसके आदमी सैम को मार देंगे।

करन हीरो बनने गया।

करन: अरे भाई, रुक जा, क्यों पंगा ले रहा है?

सैम ने करन को एक थप्पड़ मारा और उसका दाँत टूट कर कहीं दूर गिरा। फिर सैम उस राघव के पास जाता है।

सैम: तूने किसके बारे में बोला है, तुझे पता नहीं है। आजके बाद तू कभी भी उसकी तरफ़ आँख नहीं उठा पाएगा।

आकाश उसके कंधे में हाथ रख के उसे छोड़ दे, वो आगे से ऐसा नहीं करेगा।

सैम आकाश को एक जोरदार धक्का मारता है, जिससे वो दूर जा गिरा।

फिर राघव को उठा के मारने लगता है।

राघव: अरे तुम लोग देख क्या रहे हो, मार डालो साले को।

तब तक सारे कॉलेज स्टाफ़ वहाँ आ जाता है।

प्रिंसिपल: ये सब क्या हो रहा है? बंद करो ये सब।

राघव: प्रिंसिपल, इस लड़के ने मुझपे हाथ उठाया है, अब इसकी अर्थी ही यहाँ से जाएगी। ऊपर से आकाश भाई और करन भाई को भी मारा है। तू चुपचाप वहीँ खड़ा रह, वरना तेरे लिए अच्छा नहीं होगा।

राघव के आदमी सैम को मारने आते हैं। सैम सबसे पहले वाले को एक लात मारता है, जिससे वो दूर जा गिरा। फिर दूसरे वाले का हाथ पकड़ के उसका वो हाथ तोड़ देता है। और उसके सिर पे अपने हाथ से जोर से मारता है, जिससे वो वहीँ पे ढेर हो जाता है। ये देख कुछ गुंडे वहीँ रुक जाते हैं। राघव भी ये देख डर से अपने कुछ और आदमी बुला लेता है।

सैम उसके सारे आदमियों को मारता रहता है। तब तक उसके और आदमी आ जाते हैं, हाथों में हॉकी स्टिक, बेसबॉल बैट, आयरन रॉड, ये सब लेके।

राघव: अब तुझे कौन बचाएगा? अब तो तू मरेगा।

सैम कुछ बोलता नहीं, बस वहाँ खड़ा रहता है।

एक आदमी हाथ में हॉकी स्टिक लेकर सैम को मारने आता है, सैम उस हॉकी स्टिक को पकड़ के उसके हाथ से हॉकी स्टिक छीन लेता है और वो हॉकी स्टिक से उस आदमी के सिर पे पूरी ताक़त से मारता है, जिससे उसका सिर फट जाता है और ख़ून निकलने लगता है। ये देख वहाँ खड़े सभी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

संगीता: सैम, छोड़ दो उन्हें।

सैम ये सुनके और गुस्से में आता है और वो हॉकी स्टिक लेके उनके पास दौड़ के जाता है और एक-एक को मारना शुरू करता है।

फिर हॉकी स्टिक को फेंक, एक-एक पकड़ के हाथों से मारने लगता है। सबकोई ख़ून से भीग चुके थे। तभी एक आदमी आके चाकू से सैम को मारने चाहता है, तभी रितिका जोर से चिल्लाके सैम को बचा लेती है, लेकिन चाकू से सैम की टी-शर्ट कट जाती है। सैम उस आदमी के सिर को पकड़ के ज़मीन में जोर से दे मारता है, जिससे उसका सिर फट जाता है।

कुछ आदमी हिम्मत जुटा के एक साथ सैम को पकड़ लेते हैं। और सामने से 2 आदमी आते हैं। तभी सैम उन्हें ऐसे झटकता है, जिससे वो दूर जा गिरते हैं। लेकिन इससे उसकी टी-शर्ट पूरी फट जाती है। सैम उस टी-शर्ट को निकाल फेंकता है, जिससे वो टॉपलेस हो जाता है और उसकी मस्कुलर बॉडी सबके सामने आ जाती है। सब उसकी बॉडी को घूरने लगते हैं। एक पल के लिए तो माही और रितिका भी अपने आप को नहीं रोक पातीं।

इधर जो 2 आदमी सैम को मारने आते हैं, उनमें एक को सैम डक करता है और दूसरे को पकड़ के लाइटपोस्ट में दे मारता है और पहले वाले को पकड़ कर उसे दोनों हाथों से उठाता है।

संगीता: उसे छोड़ दो, वो मर जाएगा, उसे कुछ मत करो।

सैम गुस्से में उसे वहीँ पे जोर से पटक देता है। जिससे उसका सिर फट जाता है और ख़ून निकलने लगता है। तभी पीछे से सैम के सिर में राघव ने बेसबॉल बैट से मार दिया।

सैम के सिर से ख़ून निकलने लगता है। ये देख माही और रितिका जोर से चिल्लाते हैं और उनकी आँखों में आँसू आ जाते हैं।

सैम ने पास पड़े चाकू को उठा के राघव के हाथ में घुसा दिया, जिससे उसके हाथ से बेसबॉल बैट छूट जाता है। सैम वो बैट पकड़ के उसके सिर में जोर से मार देता है। फिर उसके मुँह पे अपने मुक्के मारने लगता है। फिर उसके पीछे जाके उसके स्पाइनल कॉर्ड में जोर से मारता है, जिससे वो टूट जाता है।

संगीता कुछ बोलने वाली होती है, तभी वहाँ खड़े एक टीचर ने उसे रोक दिया, क्योंकि जब-जब संगीता ने बोला, सैम ने और बेरहमी से मारा है।

फिर सैम उसके सामने आता है और उसे मारने वाला ही होता है, तभी रितिका चिल्लाती है:

रितिका: सैम, उसे छोड़ दो, तुमको मेरी क़सम।

सैम के हाथ वहीँ रुक जाते हैं। फिर वहाँ पुलिस आती है, क्योंकि वहाँ पे किसी ने पुलिस को कॉल कर दिया था।

इंस्पेक्टर: किसने मारा है इसे?

सैम: मैंने मारा है।

इंस्पेक्टर: तुझे पता है, ये MLA का बेटा है। अब तुझे कोई नहीं बचा सकता। तू तो अब लंबा अंदर जाएगा। हवालदार, डालो इसे अंदर।

रितिका दौड़ के आती है।

रितिका: सर, पहले इसे हॉस्पिटल ले जाएँ, देखिए कितना ख़ून बह रहा है।

सैम का पूरा चेहरा ख़ून से भीग चुका था। सैम ने अपने मुँह पे हाथ घुमा के रितिका के मुँह पे झटक दिया, जिससे ख़ून पूरा उसके मुँह पे गिरता है, लेकिन कुछ छींटे उसकी माँग में सिंदूर की जगह भी गिर जाते हैं, जिसका अहसास रितिका को होता है और उसका हाथ अपने आप उस जगह चले जाता है।

सैम: माही, कार लेके पीछे-पीछे आओ।

माही: ओके।

इंस्पेक्टर: तू अब लंबा अंदर जाएगा लड़के। तुझे अब कोई नहीं बचा सकता।

सैम: देखते हैं।

फिर सैम को पुलिस स्टेशन ले जाया जाता है। माही भी पीछे-पीछे चली जाती है। रितिका तो अब भी वहीँ पे शॉक में खड़ी थी, सैम के अभी के हरकत को लेके। वो वहाँ से भाग के सीधा घर चली जाती है।

इधर माही ने रास्ते में ही अशोक अंकल को कॉल करके सब बता दिया था।

सैम जब पुलिस स्टेशन जाता है, तब वहाँ पहले से ही MLA बैठा हुआ था।

MLA: तूने मेरे बेटे को मारा, अब तू यहाँ से ज़िंदा वापस नहीं जाएगा। इसे ऐसी मौत दो कि इसे 7 पुश्तें भी काँप उठें।

इंस्पेक्टर: हम देख लेंगे, आप राघव बाबा को देखिए।

फिर इंस्पेक्टर सैम को जेल में बंद करने ही वाला होता है, तभी उसका फोन बजता है।

इंस्पेक्टर: हेलो।

सामने से कोई कुछ बोलता है, जिसे सुनके इंस्पेक्टर के पसीने छूटने लगते हैं।

इंस्पेक्टर: येस सर, मैं अभी छोड़ देता हूँ। आप चिंता ना करें।

इंस्पेक्टर: आप कौन हैं सर? आपके लिए मुझे ख़ुद CM ने कॉल किया था।

सैम: ये जानना तुम्हारा काम नहीं है। पर आगे से मेरे सामने नहीं आना, वरना राघव की जगह तू होगा।

इंस्पेक्टर: डर के: जी-जी सर।

फिर सैम वहाँ से निकल जाता है। माही पहले से ही कार लेके वहाँ खड़ी थी।

माही: किधर, घर या हॉस्पिटल?

सैम: घर। चोट ठीक हो चुकी है।

फिर सैम और माही घर वापस आते हैं, जहाँ दीपक पहले से ही बैठा हुआ था।

दीपक: भाई, लेट हो गया आने में।

सैम: बस, कार धीरे चला रहे थे।

इधर कॉलेज में संगीता को बहुत टेंशन होने लगती है, वो राजेश को कॉल करके सब बता देती है।

राजेश ये सुनके कि वो जेल में है, उसे ख़ुशी होती है।

आकाश: अब तो लंबा अंदर गया। इतनी आसानी से बाहर नहीं आने वाला।

करन: हाँ भाई। और इसने जो हमारी फैमिली की बेइज़्ज़ती की थी, उसका भी बदला लेना हो गया।

नताशा: चाहे कुछ भी कहो। फ़ाइट बड़ी मस्त की है उसने। मैं तो उसकी फैन हो गई।

रितिका जब घर पहुँचती है, तो उसे सैम को लेके बहुत टेंशन हो रही होती है, लेकिन जब उसकी नज़र सामने रखे मिरर में जाती है, तो वहाँ सैम का ख़ून उसकी माँग में सिंदूर की तरह लगा हुआ था।

रितिका को समझ नहीं आ रहा था, वो ख़ुश होए या दुखी होए।

क्योंकि ख़ून के ऐसे लगने से एक तरह वो सैम की पत्नी बन चुकी थी। पर वो इस बात को मान नहीं पा रही थी।

इधर राजेश MLA से मिलकर सैम को जेल में रखने को बोलता है।

अगले दिन MLA के साथ राजेश भी था और उसके आदमी कॉलेज में आते हैं। रितिका संग सब कोई ये देखने लगते हैं।

MLA: अब वो लड़का कभी भी कॉलेज नहीं आ पाएगा। इसने मेरे बेटे को मारा है, अब ये ज़िंदा नहीं रहेगा।

ये सुनके रितिका की आँखों में आँसू आ जाते हैं।

तभी कॉलेज में एक कार एंटर करती है। कार को देख कर रितिका के चेहरे में अचानक एक स्माइल आ जाती है। और जब कार से सैम को बाहर निकलते देखती है, तो उसकी स्माइल गहरी हो जाती है।

MLA और राजेश सैम को देख कर शॉक हो जाते हैं।

MLA: तू बाहर कैसे आया?

सैम: तुझ जैसे करप्ट और दलाल MLA मुझे अंदर नहीं रख सकते। अब निकल यहाँ से।

राजेश: बड़ों से बात करने की तमीज़ नहीं है तुझे, ये बोल वो सैम को मारने के लिए हाथ उठाता है।

सैम उसका हाथ पकड़ लेता है।

सैम: मैं समीर शर्मा नहीं हूँ, जिसको तू बेवजह मार लेगा। मैं सैम हूँ। अगली बार अगर ये हाथ उठा, तो तेरे जिस्म से ये हाथ उखाड़ दूँगा। और तू (MLA), तेरे बेटे ने जिस लड़की के बारे में ग़लत सोचा था और ग़लत बोला था, वो मेरी जान है। ये वो रितिका की तरफ़ देख कर बोलता है। जिसने भी उसके बारे में ग़लत सोचा, वही उसकी जान ले लूँगा। और ये कोई धमकी नहीं है, मेरा वादा है। आई प्रॉमिस।

MLA: तूने मेरे बेटे को मारा है। तुझे तो मैं छोड़ूँगा नहीं। और ये लड़की भी नहीं बचेगी। इसे तो मैं अपने बेटे की और अपने आदमियों की रंडी बनाऊँगा।

सैम जब ये सुनता है, तो उसकी आँखें लाल हो जाती हैं, वो MLA को एक थप्पड़ लगा देता है, जिससे वो वहीँ गिर जाता है।

MLA: तू बहुत पछताएगा। ये बोल MLA और राजेश वहाँ से चले जाते हैं। सैम वहाँ से माही का हाथ पकड़ के रितिका को देखते हुए वहाँ से क्लास की ओर चला जाता है।

क्लास में आके आज रितिका देखती है, सैम अभी अकेला है, वो बिना कुछ बोले उसके बगल में जाके बैठ जाती है। सैम ना उसकी तरफ़ देखता है और ना उसे कुछ बोलता है। नताशा जब आती है, तो आज रितिका को उसके बगल में बैठा देख।

नताशा: रितिका, क्या तुम दूसरे बेंच में बैठ सकती हो, एक्टली मुझे सैम के साथ बैठना है।

रितिका: पर मैं बैठ चुकी हूँ। तुम रिसेस के बाद बैठ जाना।

नताशा: पर... वो आगे कुछ बोलती, तभी क्लास में संगीता आ जाती है।

आज भी सैम इधर-उधर ही देखता रहता है। और रितिका पूरा क्लास सिर्फ़ सैम को देखती रहती है। पर सैम ऐसा बिहेव करता है, जैसे उसके पास कोई है ही नहीं।

रितिका को दुख तो बहुत होता है।

रिसेस तक क्लासेस होती रहती हैं, पर सैम रितिका को इग्नोर ही करता रहता है।

रिसेस में रितिका रोते हुए क्लास से बाहर चली जाती है, जिससे सैम को भी बहुत तकलीफ़ होती है।

कैंटीन में कल की तरह आज भी माही और दीपक वेट कर रहे थे। पर आज पूरे कैंटीन में सब कोई बस सैम को घूर रहे थे।

रितिका जब आती है, तब उसका चेहरा उतरा हुआ था और उसे देख कर लग रहा था, वो बहुत रोई है।

सैम: माही, तुम उसे अकेले में अभी बात करो ना।

माही: कोशिश करती हूँ।

माही उठ के रितिका के पास आती है।

माही: हाय रितिका, क्या मैं थोड़ी देर तुमसे अकेले में बात कर सकती हूँ?

रितिका: मुझसे, पर क्यों? मैं तो तुमको जानती भी नहीं।

माही: ज़रूरी है, प्लीज़।

रितिका: ओके, चलो। फिर माही रितिका को लेके एक ख़ाली जगह आजाती है।

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