बेटी की आग माँ की राख --11
गतांक से आगे……………………….
दिल्ली का ये मोहल्ला विकास के जिस्मानी जादू का किला था, लेकिन अब उस किले की दीवारों में दरारें पड़ रही थीं। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, रिया, निशा, प्रिया, और काव्या—सब उसकी रंडी बन चुकी थीं, और उनके जिस्मों में विकास के लंड की आग धधक रही थी। लेकिन राहुल और सोनिया की चाल ने विकास के साम्राज्य को हिलाकर रख दिया था। राहुल ने मोहल्ले की औरतों से सबूत इकट्ठा किए थे, और सोनिया ने विकास के खिलाफ बगावत कर दी थी। काव्या की वफादारी ने विकास को थोड़ा समय दिया था, लेकिन अब उसका आखिरी दाँव बाकी था। काव्या ने उसे अपनी चचेरी बहन माया का जिक्र किया था, और विकास की शिकारी आँखें एक आखिरी शिकार की तलाश में चमक उठी थीं। क्या माया उसकी आखिरी रानी बनेगी, या राहुल और सोनिया उसका खेल खत्म कर देंगे?
माया, 28 साल की एक आग सी जवान औरत, हाल ही में अपने पति निखिल के साथ मोहल्ले में आई थी। उसका बदन किसी कविता की तरह था—सांवली, चिकनी चमड़ी, उभरे हुए मम्मे, पतली कमर, और गोल-मटोल चूतड़ जो सलवार-कमीज में लहराते थे। माया की शादी को दो साल हुए थे, और उसकी जवानी अपनी पूरी शबाब पर थी। निखिल एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, जो देर रात तक ऑफिस में उलझा रहता था, और माया की रातें अधूरी ख्वाहिशों से भरी होती थीं। काव्या ने एक दिन माया को विकास के बारे में बताया, लेकिन इस बार उसने एक रहस्यमयी अंदाज अपनाया। “माया, विकास की दुकान नहीं, मोहल्ले के पुराने मकान की छत पर बने टेरेस गार्डन में जा। वो वहाँ सिर्फ खास औरतों को अपने जादू का खेल दिखाता है। तेरा जिस्म वहाँ स्वर्ग बन जाएगा।”
माया ने हँसते हुए कहा, “टेरेस गार्डन? काव्या, तू क्या बात कर रही है? वहाँ क्या, फूलों के बीच ब्रा-पैंटी बिकती हैं?” लेकिन काव्या की आँखों में एक अजीब सी चमक थी, और माया का जिज्ञासु मन ललचाने लगा। उसने सोचा, “चलकर देख ही लेती हूँ, ये विकास क्या तमाशा करता है।”
### टेरेस गार्डन का कामुक बगीचा
एक चाँदनी रात, जब मोहल्ला नींद में डूबा था, माया चुपके से मोहल्ले के पुराने मकान की छत पर चढ़ी। छत पर एक छोटा सा टेरेस गार्डन था, जहाँ गमलों में गुलाब और चमेली के फूल खिले थे। गार्डन के बीच में एक मखमली तंबू लगा था, जिसके अंदर से मद्धम हरी रोशनी और हल्की सी चमेली की खुशबू आ रही थी। विकास अंदर एक सफेद कुर्ते में खड़ा था, जैसे कोई शायर अपनी महबूबा का इंतजार कर रहा हो। तंबू के अंदर मखमली गद्दे बिछे थे, और फूलों की मालाएँ दीवारों पर लटक रही थीं। एक छोटा सा ब्लूटूथ स्पीकर धीमी, कामुक धुन बजा रहा था, जिससे गार्डन में एक जादुई माहौल बन रहा था।
“अरे, माया भाभी, आो-आओ, काव्या भाभी ने बताया था कि तुम आओगी,” विकास ने अपनी मखमली आवाज में कहा, उसकी आँखें माया के सांवले जिस्म को चाट रही थीं।
“हाँ, काव्या ने कहा था कि तुम कुछ खास दिखाते हो,” माया ने शरमाते हुए कहा। उसने एक नीली सलवार-कमीज पहनी थी, जो उसके बदन की हर उभार को उजागर कर रही थी।
“माया भाभी, ये टेरेस गार्डन मेरा कामुक बगीचा है, जहाँ सिर्फ मेरी चुनी हुई रानियाँ आती हैं,” विकास ने कहा और माया को तंबू के अंदर ले गया। उसने एक पारदर्शी लाल ब्रा-पैंटी का सेट माया की तरफ बढ़ाया। “ये देखो, ये तेरे सांवले बदन पर गुलाब की तरह खिलेगा।”
माया ने ब्रा को हाथ में लिया, लेकिन उसकी नाजुक लेस और पारदर्शी डिजाइन देखकर उसकी साँसें रुक गईं। “विकास, ये तो... बहुत बोल्ड है। मैं ऐसी कैसे पहनूँ?” उसने हिचकते हुए कहा, लेकिन उसकी आँखें तंबू की हरी रोशनी और विकास के मर्दाना चेहरे पर टिक गई थीं।
“माया भाभी, तेरा ये बदन तो फूलों से भी नाजुक है। इसे छुपाने की नहीं, खिलने की जरूरत है,” विकास ने माया के कंधे पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसने माया को मखमली गद्दे पर बिठाया और उसके सामने घुटनों पर बैठ गया, जैसे कोई प्रेमी अपनी माशूका की तारीफ करने को तैयार हो। “काव्या भाभी ने तो मेरे साथ पानी की टंकी में रात बिताई थी। और हाँ, रीता भाभी, सोनिया, मंजू भाभी, अनीता भाभी, राधा भाभी, पूजा भाभी, शालिनी भाभी, रिया भाभी, निशा भाभी, और प्रिया भाभी—सब मेरे इस बगीचे की मालिकाएँ बन चुकी हैं।”
माया का दिल धक-धक करने लगा। काव्या, प्रिया, और बाकी औरतों का नाम सुनकर उसे झटका लगा, लेकिन विकास की गहरी आँखें और उसकी उंगलियों का हल्का स्पर्श उसकी रगों में आग लगा रहा था। “विकास, ये सब क्या बोल रहे हो? काव्या ने ऐसा किया?” माया ने पूछा, उसकी आवाज में जिज्ञासा और हल्की सी उत्तेजना थी।
“हाँ, माया भाभी, और सोनिया ने तो मेरे साथ ट्रेन में पूरी रात आग बरसाई थी,” विकास ने हंसते हुए कहा। उसने माया की सलवार का दुपट्टा धीरे से खींचा और उसके कुरते के बटन खोलने लगा। “सोनिया की चूत में मेरा लंड ऐसा नाचा था कि वो सितारों को भूल गई थी। और काव्या भाभी? उनकी गांद तो मेरे लंड की गुलाम है। अब तेरी बारी है, मेरी रानी।”
### कामुक बगीचे का नृत्य
माया का दिमाग सुन्न हो गया। उसकी चचेरी बहन काव्या और मोहल्ले की दूसरी औरतें विकास के साथ ऐसा कर चुकी थीं? लेकिन विकास की उंगलियाँ अब उसके मम्मों को कुरते के ऊपर से सहला रही थीं, और उसकी चूत में एक मीठी सी सनसनी उठ रही थी। “विकास, ये गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और निखिल... वो बुरा मानेगा,” माया ने कमजोर आवाज में कहा, लेकिन उसका जिस्म उसकी बातों का साथ नहीं दे रहा था।
“माया भाभी, निखिल तो अपनी कोडिंग में उलझा है, और तेरा ये बदन मेरे लिए तरस रहा है,” विकास ने कहा। उसने माया की कमीज उतार दी और उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। अब माया सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी, और उसका सांवला बदन हरी रोशनी में चमक रहा था। “वाह, माया, तेरा बदन तो चमेली की तरह महकता है। ये मम्मे, ये गांद—सब मेरे लिए बने हैं।”
विकास ने माया की ब्रा का हुक खोला, और उसके नंगे मम्मे हवा में उछल पड़े। उसने माया के निपल्स को अपनी उंगलियों से मसला और फिर उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। उसकी जीभ माया के निपल्स पर फूलों की तरह फिसल रही थी, और वो उन्हें हल्के से काट रहा था। माया की साँसें तेज हो गईं, और उसकी चूत गीली होने लगी। “आह, विकास... ये क्या कर रहे हो... मेरी चूत में आग लग रही है,” माया ने मोन करते हुए कहा।
“आग तो अभी शुरू हुई है, मेरी रानी,” विकास ने कहा और माया की पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी उंगलियाँ माया की चूत के होंठों पर नाच रही थीं, और माया की चूत से पानी टपकने लगा। “वाह, माया, तेरी चूत तो मेरे लंड की भूखी है। बोल, मेरी रंडी बनने को तैयार है?”
माया अब पूरी तरह विकास के जादू में थी। उसकी चूत में उठ रही आग उसे बेकरार कर रही थी। “आह्ह... विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... कर डाल जो करना है,” माया ने बेशर्मी से कहा। उसने विकास की कुर्ते को खींचकर उतार दिया और उसकी पैंट के ऊपर से उसके लंड को सहलाने लगी। विकास का लंड पत्थर की तरह सख्त था, और माया की आँखें उसका मोटापन देखकर चमक उठीं।
### बगीचे का कामुक तांडव
विकास ने माया को मखमली गद्दे पर लिटाया। उसने अपनी पैंट उतार दी, और उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो माया की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, माया, ये लंड काव्या भाभी और प्रिया भाभी की चूत और गांद का बादशाह है। अब ये तेरे जिस्म का भोसड़ा बनाएगा,” विकास ने कहा।
माया ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूमना शुरू किया। उसने पहले उसकी टोपी को अपनी जीभ से चाटा, फिर धीरे-धीरे उसे अपने मुँह में लिया। विकास के लंड का गर्म, नमकीन स्वाद माया के मुँह में घुलने लगा, और वो बड़े मजे से उसे चूसने लगी। विकास ने माया के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, माया, तू तो काव्या भाभी से भी मस्त चूसती है। ले, मेरी रंडी, और गहरा ले,” विकास ने कहा।
लेकिन विकास का मन अब एक अनोखा तांडव रचने को था। उसने माया को गद्दे से उठाया और उसे तंबू के बाहर गार्डन में ले गया, जहाँ चमेली के फूलों के बीच एक पुराना झूला था। उसने माया को झूले पर बिठाया और उसकी टाँगें फैलाईं। उसने माया की चूत को चाटना शुरू किया, उसकी जीभ माया की चूत के होंठों पर फूलों की तरह फिसल रही थी। माया सिहर उठी, “आह्ह, विकास... ये क्या जादू है... मेरी चूत पिघल रही है!”
विकास ने माया की चूत में अपनी दो उंगलियाँ डाल दीं और उन्हें तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। उसने अपनी दूसरी उंगली से माया की गांद के छेद को सहलाना शुरू किया, जिससे माया की साँसें रुक गईं। “आह, विकास... ये क्या कर रहे हो... मेरे जिस्म में आग लग रही है,” माया ने चिल्लाते हुए कहा। माया की चूत से पानी की धार निकलने लगी, और वो काँपने लगी।
विकास ने माया को झूले से उतारा और उसे गमले के पास खड़ा किया। उसने माया की एक टाँग गमले पर रखी और उसकी चूत में अपना लंड रगड़ा। फिर एक जोरदार धक्के में उसका पूरा लंड माया की चूत में घुस गया। माया चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... विकास, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” विकास ने माया की कमर पकड़कर जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। माया के मम्मे हवा में उछल रहे थे, और उसकी चूत विकास के लंड को कसकर जकड़ रही थी। “हाँ, विकास, चोद... और जोर से... मेरी चूत को भोसड़ा बना डाल,” माया ने मोन करते हुए कहा।
लेकिन विकास का मन अब एक नया खेल खेलने को था। उसने माया को तंबू में वापस ले जाकर गद्दे पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। उसने माया के मम्मों को अपने मुँह में लिया और उन्हें चूसते हुए उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया। उसने माया की टाँगें अपने कंधों पर रखीं और इतने गहरे धक्के मारे कि माया की चूत के सबसे गहरे कोने तक उसका लंड पहुँच गया। माया चिल्लाई, “आह, विकास... मैं झड़ रही हूँ... और जोर से!” माया की चूत से पानी की धार निकली, और उसका जिस्म आनंद से काँपने लगा।
विकास ने अब माया को गद्दे पर उल्टा किया और उसकी गांद पर अपना लंड रगड़ा। “माया, तेरी चूत तो जन्नत है, लेकिन अब ये गांद मेरे लंड की सैर माँग रही है,” विकास ने कहा। माया डर गई। “नहीं, विकास, प्लीज... गांद नहीं... मैं मर जाऊँगी,” उसने विनती की।
“अरे, माया, काव्या भाभी ने भी पहले नखरे किए थे, लेकिन मेरे लंड ने उनकी गांद को स्वर्ग बना दिया। तू भी ले, मेरी रानी,” विकास ने माया की गांद पर थूक लगाया और अपना लंड धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा। माया दर्द से चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... निकाल, विकास... बहुत दर्द हो रहा है!”
“चुप, मेरी रानी, अभी स्वर्ग दिखाऊँगा,” विकास ने माया की कमर पकड़कर धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ माया की चूत को सहला रही थीं, और धीरे-धीरे माया का दर्द मजे में बदलने लगा। “आह, विकास... चोद... और जोर से... मेरी गांद को भी भोसड़ा बना डाल,” माया ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने माया की गांद को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी गांद में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, माया, ये मेरा बच्चा ले। और हाँ, अब तू भी मेरी रंडी बन,” विकास ने कहा। उसने माया को लाल ब्रा-पैंटी का सेट गिफ्ट किया और कहा, “ये मेरी तरफ से तुझ पर इस कामुक बगीचे की रात का तोहफा है। और हाँ, अगली बार अपनी कोई सहेली को भी लाना।”
माया निढाल होकर गद्दे पर पड़ी थी। उसका जिस्म पसीने और विकास के पानी से तर था, और उसकी चूत और गांद में आग अभी भी धधक रही थी। उसने कपड़े पहने और चुपके से छत से निकल गई। लेकिन उसके मन में विकास के लंड का जादू बस गया था।
### राहुल और सोनिया का अंतिम दाँव
उधर, राहुल और सोनिया ने विकास के खिलाफ अपनी आखिरी चाल तैयार कर ली थी। राहुल ने मोहल्ले की औरतों—रीता, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, रिया, निशा, और प्रिया—से गुप्त मुलाकात की और उन्हें विश्वास दिलाया कि वो विकास के ब्लैकमेल से मुक्ति दिलाएगा। सोनिया ने राहुल को विकास के वीडियो की एक हार्ड ड्राइव चुराने में मदद की, जो विकास ने अपनी दुकान के गुप्त तहखाने में छुपाई थी।
राहुल ने सोनिया से कहा, “सोनिया, अगर हम ये हार्ड ड्राइव पुलिस को दे दें, तो विकास का खेल खत्म हो जाएगा। लेकिन हमें सावधान रहना होगा। काव्या अभी भी उसकी गुलाम है, और माया भी उसके जाल में फँस चुकी है।” सोनिया ने जवाब दिया, “राहुल, मैंने अपनी माँ रीता और बाकी औरतों को समझा दिया है। वो अब हमारे साथ हैं। लेकिन विकास को शक नहीं होना चाहिए। हमें उसे एक आखिरी जाल में फँसाना होगा।”
माया ने घर पहुँचकर काव्या को फोन किया। “काव्या, तूने सही कहा था... विकास का टेरेस गार्डन तो जन्नत का बगीचा है,” माया ने हँसते हुए कहा। काव्या ने जवाब दिया, “हाँ, माया, उसका लंड तो हर औरत को स्वर्ग दिखाता है। अब तू भी उसकी रंडी बन गई ना?” माया ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी। लेकिन उसके मन में एक नया ख्याल था—विकास को अपनी दोस्त रुबी से मिलवाने का।
विकास ने तंबू समेटा और राहुल के साथ आखिरी मुलाकात की तैयारी करने लगा। लेकिन उसके मन में एक शक था—क्या सोनिया और राहुल उसके वीडियो तक पहुँच चुके थे? और क्या माया उसकी आखिरी रानी थी, या राहुल उसका साम्राज्य ढहा देगा? विकास ने मन में सोचा, “ये मोहल्ला मेरी जन्नत है। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, रिया, निशा, प्रिया, काव्या, और अब माया... लेकिन राहुल का खेल अब मेरे लिए आखिरी इम्तिहान है।”
क्रमशः...
बेटी की आग माँ की राख --12
गतांक से आगे……………………….
दिल्ली का मोहल्ला विकास के जिस्मानी साम्राज्य का गढ़ था, लेकिन अब वो गढ़ ढहने की कगार पर था। राहुल और सोनिया ने विकास के खिलाफ मोहल्ले की औरतों—रीता, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, रिया, निशा, प्रिया, और काव्या—को एकजुट कर लिया था। माया, विकास की आखिरी रानी, भी उसके जाल में फँस चुकी थी, लेकिन राहुल और सोनिया के पास विकास का सबसे बड़ा हथियार—उसके ब्लैकमेल वीडियो की हार्ड ड्राइव—था। विकास को अब भी लगता था कि उसका जादू अटूट था, लेकिन राहुल और सोनिया का आखिरी दाँव उसे जेल की सलाखों तक ले जाने वाला था। माया ने विकास को अपनी दोस्त रुबी से मिलवाने का वादा किया था, लेकिन क्या ये विकास की आखिरी जीत होगी, या उसका अंत?
### तहखाने का आखिरी रंगमंच
एक काली रात, जब मोहल्ला सन्नाटे में डूबा था, विकास अपनी दुकान के नीचे बने गुप्त तहखाने में माया को लेकर पहुँचा। तहखाना विकास का आखिरी गढ़ था, जहाँ वो अपनी सबसे गुप्त मुलाकातें करता था। तहखाने में मद्धम लाल रोशनी थी, और दीवारों पर मखमली परदे लटक रहे थे। फर्श पर एक बड़ा सा मखमली गद्दा बिछा था, और कोनों में अगरबत्तियों की खुशबू बिखरी थी। ब्रा-पैंटी के सेट मखमली मेज पर सजे थे, और एक पुराना रेडियो धीमी, कामुक धुन बजा रहा था। विकास ने माया को बताया कि वो रुबी को यहाँ बुलाएगा, लेकिन पहले वो माया के साथ “खास” मुलाकात करना चाहता था।
“माया भाभी, ये तहखाना मेरा आखिरी रंगमंच है, जहाँ मेरी रानियाँ मेरे साथ जन्नत का मजा लेती हैं,” विकास ने अपनी मखमली आवाज में कहा, उसकी आँखें माया के सांवले जिस्म को चाट रही थीं।
“विकास, तूने कहा था कि रुबी को बुलाएगा। वो कब आएगी?” माया ने पूछा, उसकी आवाज में हल्का सा शक था। उसने एक काली साड़ी पहनी थी, जो उसके बदन की हर उभार को उजागर कर रही थी।
“अरे, माया भाभी, रुबी आएगी, लेकिन पहले तुझे मेरे इस रंगमंच का राजा बनाना है,” विकास ने कहा और माया को मखमली गद्दे पर ले गया। उसने एक नीली लेस वाली ब्रा-पैंटी का सेट माया की तरफ बढ़ाया। “ये देख, ये तेरे सांवले बदन पर आग की तरह चमकेगा।”
माया ने ब्रा को हाथ में लिया, लेकिन उसकी पारदर्शी डिजाइन देखकर उसकी साँसें रुक गईं। “विकास, ये तो... बहुत खुला हुआ है। और रुबी का क्या?” उसने हिचकते हुए कहा, लेकिन उसकी आँखें तहखाने की लाल रोशनी और विकास के मर्दाना चेहरे पर टिक गई थीं।
“माया भाभी, रुबी का इंतजार छोड़, तेरा ये बदन तो अभी मेरे लिए जल रहा है,” विकास ने माया के कंधे पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसने माया की साड़ी का पल्लू खींचा और उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा। “काव्या भाभी ने तो मेरे साथ पानी की टंकी में जन्नत देखी थी। और हाँ, रीता भाभी, सोनिया, मंजू भाभी, अनीता भाभी, राधा भाभी, पूजा भाभी, शालिनी भाभी, रिया भाभी, निशा भाभी, और प्रिया भाभी—सब मेरे इस रंगमंच की रानियाँ बन चुकी हैं। अब तू मेरी आखिरी रानी बन।”
माया का दिल धक-धक करने लगा। काव्या और बाकी औरतों का नाम सुनकर उसे झटका लगा, लेकिन विकास की उंगलियाँ अब उसके मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से सहला रही थीं, और उसकी चूत में एक मीठी सी सनसनी उठ रही थी। “विकास, ये गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और निखिल... वो बुरा मानेगा,” माया ने कमजोर आवाज में कहा, लेकिन उसका जिस्म उसकी बातों का साथ नहीं दे रहा था।
“माया भाभी, निखिल तो अपनी लैपटॉप स्क्रीन में खोया है, और तेरा ये बदन मेरे लिए तरस रहा है,” विकास ने कहा। उसने माया की साड़ी पूरी तरह उतार दी और उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। अब माया सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी, और उसका सांवला बदन लाल रोशनी में चमक रहा था। “वाह, माया, तेरा बदन तो किसी हीरे की तरह चमकता है। ये मम्मे, ये गांद—सब मेरे लिए बने हैं।”
### तहखाने का आखिरी तांडव
विकास ने माया की ब्रा का हुक खोला, और उसके नंगे मम्मे हवा में उछल पड़े। उसने माया के निपल्स को अपनी उंगलियों से मसला और फिर उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। उसकी जीभ माया के निपल्स पर आग की तरह फिसल रही थी, और वो उन्हें हल्के से काट रहा था। माया की साँसें तेज हो गईं, और उसकी चूत गीली होने लगी। “आह, विकास... ये क्या कर रहे हो... मेरी चूत में आग लग रही है,” माया ने मोन करते हुए कहा।
“आग तो अभी शुरू हुई है, मेरी रानी,” विकास ने कहा और माया की पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी उंगलियाँ माया की चूत के होंठों पर नाच रही थीं, और माया की चूत से पानी टपकने लगा। “वाह, माया, तेरी चूत तो मेरे लंड की भूखी है। बोल, मेरी रंडी बनने को तैयार है?”
माया अब पूरी तरह विकास के जादू में थी। उसकी चूत में उठ रही आग उसे बेकरार कर रही थी। “आह्ह... विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... कर डाल जो करना है,” माया ने बेशर्मी से कहा। उसने विकास की शर्ट उतार दी और उसकी पैंट के ऊपर से उसके लंड को सहलाने लगी। विकास का लंड लोहे की तरह सख्त था, और माया की आँखें उसका मोटापन देखकर चमक उठीं।
विकास ने माया को मखमली गद्दे पर लिटाया। उसने अपनी पैंट उतार दी, और उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो माया की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, माया, ये लंड काव्या भाभी और प्रिया भाभी की चूत और गांद का बादशाह है। अब ये तेरे जिस्म का भोसड़ा बनाएगा,” विकास ने कहा।
माया ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूमना शुरू किया। उसने पहले उसकी टोपी को अपनी जीभ से चाटा, फिर धीरे-धीरे उसे अपने मुँह में लिया। विकास के लंड का गर्म, नमकीन स्वाद माया के मुँह में घुलने लगा, और वो बड़े मजे से उसे चूसने लगी। विकास ने माया के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, माया, तू तो मेरी सारी रानियों से मस्त चूसती है। ले, मेरी रंडी, और गहरा ले,” विकास ने कहा।
लेकिन विकास का मन अब एक आखिरी तांडव रचने को था। उसने माया को गद्दे से उठाया और उसे तहखाने की एक मखमली दीवार से टिकाकर खड़ा किया। उसने माया की टाँगें फैलाईं और उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी जीभ माया की चूत के होंठों पर आग की तरह फिसल रही थी, और वो माया की क्लिट को हल्के से चूस रहा था। माया सिहर उठी, “आह्ह, विकास... ये क्या जादू है... मेरी चूत पिघल रही है!”
विकास ने माया की चूत में अपनी तीन उंगलियाँ डाल दीं और उन्हें तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। उसने अपनी दूसरी उंगली से माया की गांद के छेद को सहलाना शुरू किया, जिससे माया की साँसें रुक गईं। “आह, विकास... ये क्या कर रहे हो... मेरे जिस्म में आग लग रही है,” माया ने चिल्लाते हुए कहा। माया की चूत से पानी की धार निकलने लगी, और वो काँपने लगी।
विकास ने माया को दीवार से हटाया और उसे गद्दे पर घोड़ी की तरह झुकाया। उसने माया की चूत में पीछे से अपना लंड रगड़ा और फिर एक जोरदार धक्के में उसका पूरा लंड माया की चूत में घुस गया। माया चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... विकास, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” विकास ने माया की कमर पकड़कर जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। माया के मम्मे हवा में उछल रहे थे, और उसकी चूत विकास के लंड को कसकर जकड़ रही थी। “हाँ, विकास, चोद... और जोर से... मेरी चूत को भोसड़ा बना डाल,” माया ने मोन करते हुए कहा।
लेकिन तभी तहखाने का दरवाजा जोर से खुला, और राहुल, सोनिया, और मोहल्ले की औरतें—रीता, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, रिया, निशा, प्रिया, और काव्या—अंदर दाखिल हुईं। उनके पीछे पुलिस थी, और राहुल के हाथ में हार्ड ड्राइव थी।
“विकास, तेरा खेल खत्म!” राहुल ने गर्जना की। “ये हार्ड ड्राइव तेरे सारे काले कारनामों का सबूत है। तूने इन औरतों को ब्लैकमेल किया, लेकिन अब तू जेल में सड़ेगा।”
विकास हैरान रह गया। उसने माया को छोड़कर राहुल की तरफ देखा। “साले, तूने मेरे साथ धोखा किया? और सोनिया, तूने मुझे बेच दिया?” विकास ने गुस्से में कहा।
सोनिया ने आगे बढ़कर कहा, “विकास, तूने मेरी माँ रीता को, मुझे, और मोहल्ले की हर औरत को अपनी रंडी बनाया। लेकिन अब हमारी बारी है। माया को मैंने पहले ही सब बता दिया था। वो तेरे जाल में नहीं फँसी, उसने सिर्फ तेरा खेल खत्म करने के लिए तुझ से मुलाकात की।”
माया ने विकास की तरफ देखा और कहा, “विकास, तूने सोचा कि मैं तेरी रंडी बन जाऊँगी? मैंने राहुल और सोनिया के साथ मिलकर तुझे यहाँ फँसाया। अब तेरा सुख-महल जेल में तब्दील होगा।”
पुलिस ने विकास को हथकड़ी लगाई और उसे तहखाने से बाहर ले गई। मोहल्ले की औरतें एक-दूसरे को गले लगाकर रोने लगीं, उनकी आँखों में आजादी की चमक थी। रीता ने सोनिया को गले लगाया और कहा, “बेटी, तूने मुझे और मोहल्ले की औरतों को नई जिंदगी दी।”
राहुल ने सोनिया की तरफ देखा और कहा, “सोनिया, हमने मिलकर विकास का खेल खत्म किया। अब ये मोहल्ला फिर से आजाद है।” सोनिया ने राहुल का हाथ पकड़ा और मुस्कुराई। “राहुल, तूने मुझे सच्चा प्यार दिखाया। अब हम इस मोहल्ले को फिर से हँसी-खुशी से भर देंगे।”
### मोहल्ले की नई सुबह
विकास को जेल भेज दिया गया, और उसके वीडियो नष्ट कर दिए गए। मोहल्ले की औरतें—रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, रिया, निशा, प्रिया, काव्या, और माया—ने मिलकर एक सहायता समूह बनाया, जो औरतों को ब्लैकमेल और शोषण से बचाने का काम करने लगा। राहुल और सोनिया ने मोहल्ले में एक नया बिजनेस शुरू किया, जो औरतों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करता था।
माया ने अपनी दोस्त रुबी को फोन किया और कहा, “रुबी, मोहल्ले में अब कोई विकास नहीं है। अब ये औरतों की ताकत का मोहल्ला है।” रुबी ने हँसकर जवाब दिया, “माया, मैं जल्दी आऊँगी, और हम मिलकर इस मोहल्ले को और खूबसूरत बनाएँगे।”
मोहल्ले में फिर से हँसी और रौनक लौट आई। विकास का सुख-महल ढह गया, और उसकी जगह औरतों की आजादी और एकजुटता का एक नया किला खड़ा हो गया। बेटी की आग ने माँ की राख को नई जिंदगी दी, और मोहल्ला एक बार फिर चमक उठा।
**समाप्त**