बेटी की आग माँ की राख --6
गतांक से आगे……………………….
विकास का साम्राज्य अब दिल्ली के इस मोहल्ले में पूरी तरह फैल चुका था। उसकी दुकान और उसका मर्दाना जादू मोहल्ले की औरतों के जिस्म और दिल पर छा गया था। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, और पूजा—सब उसकी रंडी बन चुकी थीं, और हर एक की चूत और गांद में विकास के लंड की आग जल रही थी। लेकिन विकास का मन अभी भी नया शिकार ढूंढ रहा था। पूजा ने उसे अपनी पड़ोसन शालिनी का जिक्र किया था, और विकास की आँखों में एक नई चमक थी। साथ ही, सोनिया का राहुल वाला खेल विकास के लिए एक नई चुनौती बन रहा था। क्या राहुल उसका साथी बनेगा, या उसका खेल बिगाड़ने वाला दुश्मन?
शालिनी, 34 साल की एक शादीशुदा औरत, अपने पति राजेश के साथ मोहल्ले में रहती थी। उसका बदन किसी मॉडल से कम नहीं था—गोरी चमकदार चमड़ी, भरे हुए मम्मे, टाइट कमर, और गोल-गोल चूतड़ जो साड़ी में लहराते थे। शालिनी की शादी को 10 साल हो चुके थे, लेकिन उसकी जवानी अभी भी अपनी चरम सीमा पर थी। राजेश एक बिजनेस मैन था, जो अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहता था, और शालिनी की रातें तन्हा और तड़प भरी होती थीं। पूजा ने एक दिन शालिनी को विकास की दुकान का जिक्र किया, “शालिनी, तू विकास की दुकान पर जा, वहाँ ऐसी ब्रा-पैंटी मिलती हैं जो तेरे जिस्म को और भी हसीन बना देंगी।”
शालिनी ने हँसते हुए कहा, “पूजा, तू भी ना, मुझे ऐसी चीजों की क्या जरूरत? राजेश को तो मेरे कपड़े वैसे भी पसंद हैं।” लेकिन पूजा की आँखों में एक चमक थी, और उसकी बातों में कुछ ऐसा था कि शालिनी का मन कुलबुलाने लगा। उसने सोचा, “चलकर देख ही लेती हूँ, ये विकास क्या बला है।”
एक शाम, शालिनी विकास की दुकान पर पहुँची। दुकान में कोई और नहीं था, और विकास अकेला काउंटर पर बैठा था। उसने शालिनी को देखते ही अपनी चिर-परिचित मुस्कान बिखेरी। “अरे, शालिनी भाभी, आओ-आओ, पूजा भाभी ने बताया था कि तुम आओगी,” विकास ने चिकनी आवाज में कहा, उसकी आँखें शालिनी के जिस्म को नाप रही थीं।
“हाँ, पूजा ने कहा था कि तुम्हारे पास अच्छा माल है,” शालिनी ने शरमाते हुए कहा। उसने एक नीली साड़ी पहनी थी, जो उसके कसे हुए बदन को और उभार रही थी।
“भाभी, तुम्हारे लिए तो मैंने स्पेशल माल रखा है,” विकास ने कहा और शालिनी को दुकान के पीछे वाले कमरे में ले गया। उसने दरवाजा बंद किया और एक काली ब्रा-पैंटी का सेट शालिनी की तरफ बढ़ाया। “ये देखो, ये तुम्हारे मस्त बदन पर एकदम फिट बैठेगा।”
शालिनी ने ब्रा को हाथ में लिया, लेकिन उसकी बोल्ड डिजाइन देखकर उसका चेहरा लाल हो गया। “विकास, ये तो बहुत खुला हुआ है... मैं ऐसी कैसे पहनूँ?” उसने हिचकते हुए कहा।
“अरे भाभी, तुम्हारा ये कातिल जिस्म तो ऐसे कपड़ों के लिए ही बना है,” विकास ने शालिनी की कमर पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसने शालिनी को अपनी तरफ खींचा और अपना खड़ा लंड उसकी गांद पर रगड़ना शुरू किया। “पूजा भाभी ने तो मेरे हाथों से ब्रा-पैंटी पहनकर बहुत मजे लिए थे। और हाँ, रीता भाभी, सोनिया, मंजू भाभी, अनीता भाभी, और राधा भाभी भी मेरी फैन हैं।”
शालिनी का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। पूजा, राधा, अनीता, मंजू, रीता, और सोनिया का नाम सुनकर उसे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन विकास के मोटे लंड का अहसास उसकी गांद पर होने से उसकी चूत में आग सी लग गई। “विकास, ये सब क्या बोल रहे हो? पूजा और राधा ने ऐसा किया?” शालिनी ने पूछा, उसकी आवाज में उत्सुकता थी।
“हाँ, भाभी, और सोनिया ने तो मेरे साथ ट्रेन में पूरी रात मजे किए,” विकास ने हंसते हुए कहा। उसने शालिनी की साड़ी का पल्लू खींचना शुरू किया और उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा। “सोनिया की चूत में मेरा लंड ऐसा घुसा था कि वो चिल्ला रही थी। और पूजा भाभी? उनकी गांद तो मेरे लंड की दीवानी है। अब तेरी बारी है, शालिनी भाभी।”
शालिनी का दिमाग सुन्न हो गया। उसकी पड़ोसन पूजा और दूसरी औरतें विकास के साथ ऐसा कर चुकी थीं? लेकिन विकास के हाथ अब उसके मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से मसल रहे थे, और उसकी चूत गीली होने लगी थी। “विकास, ये गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और राजेश... वो घर आ जाएगा,” शालिनी ने कमजोर आवाज में कहा।
“अरे भाभी, राजेश तो रात को 10 बजे से पहले नहीं आता। और ये गलत-वगलत छोड़ो, ये तो जिस्म की प्यास है,” विकास ने शालिनी की साड़ी पूरी तरह खींचकर नीचे गिरा दी। उसने शालिनी की पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, और अब शालिनी सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। “वाह, भाभी, क्या मस्त मम्मे हैं तुम्हारे, और ये गांद? एकदम टाइट और गोल।”
विकास ने शालिनी की ब्रा का हुक खोल दिया, और उसके नंगे मम्मे उसके सामने उछल पड़े। उसने शालिनी के निपल्स को चूसना शुरू किया और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी गीली चूत को सहलाने लगा। “आह, भाभी, तेरी चूत तो पहले से रसीली है। बोल, मेरे लंड की प्यासी है ना तू?” विकास ने पूछा।
शालिनी अब पूरी तरह विकास के हवाले थी। उसकी चूत में उंगली घुसते ही वो सिहर उठी। “आह्ह... विकास, ये गलत है... लेकिन... मुझे चाहिए तेरा लंड,” शालिनी ने बेशर्म होकर कहा। उसने विकास की पैंट के ऊपर से उसके लंड को पकड़ लिया, और उसका मोटापन महसूस करके उसकी आँखें चमक उठीं।
“हा, भाभी, यही तो चाहिए था,” विकास ने शालिनी की पैंटी नीचे खींचते हुए कहा। उसने शालिनी को कमरे के बेड पर लिटाया और अपनी पैंट उतार दी। उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो शालिनी की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, भाभी, ये लंड पूजा भाभी और राधा भाभी की चूत और गांद में भी गया था, और अब तेरी चूत का भोसड़ा बनाएगा।”
शालिनी ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूसना शुरू किया। उसका मुँह लंड से भर गया, और वो बड़े मजे से उसे चूस रही थी। विकास ने शालिनी के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, साली, तू तो पूजा भाभी से भी मस्त चूसती है। बोल, मेरी रंडी भाभी, तुझे मेरा लंड चाहिए?” विकास ने पूछा।
“हाँ, विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... चोद डाल मुझे,” शालिनी ने बेशर्मी से कहा। विकास ने शालिनी की टाँगें फैलाईं और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा। फिर एक जोरदार धक्के में उसका आधा लंड शालिनी की चूत में घुस गया। शालिनी चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... आराम से, विकास... फट जाएगी मेरी चूत!”
“साली, अभी तो शुरूआत है,” विकास ने हंसते हुए कहा, और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। शालिनी के मम्मे उछल रहे थे, और वो विकास को कसकर पकड़कर अपनी चूत चुदवाने लगी। “हाँ, विकास, चोद... और जोर से... मेरी चूत को फाड़ डाल,” शालिनी ने मोन करते हुए कहा।
लेकिन विकास का मन अब और कुछ करने को था। उसने शालिनी को उल्टा किया और उसकी गांद पर अपना लंड रगड़ना शुरू किया। “भाभी, तेरी चूत तो मस्त है, लेकिन ये गांद? इसे तो आज मैं फाड़ डालूँगा,” विकास ने कहा।
शालिनी डर गई। “नहीं, विकास, प्लीज... गांद नहीं... बहुत दर्द होगा,” उसने विनती की।
“अरे, भाभी, पूजा भाभी ने भी पहले नखरे किए थे, लेकिन मेरे लंड ने उसकी गांद का भोसड़ा बना दिया। तू भी ले, मेरी रंडी भाभी,” विकास ने शालिनी की गांद पर थूक लगाया और अपना लंड धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा। शालिनी दर्द से चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... निकाल, विकास... बहुत दर्द हो रहा है!”
“चुप, साली, अभी मजा आएगा,” विकास ने शालिनी की कमर पकड़कर जोर से धक्का मारा, और उसका पूरा लंड शालिनी की गांद में घुस गया। शालिनी की आँखों में आँसू आ गए, लेकिन विकास ने कोई रहम नहीं किया। वो जोर-जोर से शालिनी की गांद चोदने लगा। “ले, भाभी, ये ले मेरे लंड का मजा। तेरी गांद तो पूजा भाभी से भी टाइट है।”
शालिनी दर्द से तड़प रही थी, लेकिन धीरे-धीरे उसका दर्द मजे में बदलने लगा। वो अपनी गांद को विकास के लंड पर दबाने लगी। “आह, विकास... चोद... और जोर से... मेरी गांद फाड़ डाल,” शalिनी ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने शालिनी की गांद को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी गांद में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, भाभी, ये मेरा बच्चा ले। और हाँ, अब तू भी मेरी रंडी बन,” विकास ने कहा। उसने शालिनी को नई ब्रा-पैंटी दीं और कहा, “ये गिफ्ट है मेरी तरफ से। और हाँ, अगली बार अपनी कोई सहेली को भी लाना।”
शालिनी निढाल होकर बेड पर पड़ी थी। उसका जिस्म पसीने से तर और गांद विकास के पानी से गीली थी। उसने कपड़े पहने और शरमाते हुए घर चली गई। लेकिन उसकी चूत और गांद में विकास के लंड की आग अभी भी जल रही थी।
### राहुल का आगमन
उधर, विकास को सोनिया का फोन आया। “विकास, राहुल आज शाम को तुमसे मिलने दुकान पर आएगा। वो तुम्हारे बिजनेस के बारे में बात करना चाहता है,” सोनिया ने कहा। विकास को शक हुआ। राहुल कौन था? क्या वो सोनिया का नया प्रेमी था, या कोई और खेल खेल रहा था? विकास ने सोनिया को हँसते हुए कहा, “ठीक है, सोनिया रानी, अपने राहुल को भेज दे। लेकिन याद रख, तेरी चूत और गांद अभी भी मेरे लंड की गुलाम हैं।”
शाम को, राहुल विकास की दुकान पर पहुँचा। राहुल, 22 साल का एक हैंडसम और तेज-तर्रार लड़का, अपनी कॉलेज की डिग्री पूरी कर चुका था और बिजनेस में कुछ नया करना चाहता था। उसकी बातों में आत्मविश्वास था, और उसकी आँखों में एक चमक थी। “विकास भाई, मैंने सुना है कि तुम्हारा बिजनेस बहुत अच्छा चलता है। मैं तुम्हारे साथ पार्टनरशिप करना चाहता हूँ,” राहुल ने कहा।
विकास ने राहुल को ऊपर से नीचे तक नापा। “राहुल, मेरा बिजनेस तो खास है। सिर्फ कपड़े नहीं बेचता, मैं औरतों की प्यास बुझाता हूँ,” विकास ने हंसते हुए कहा। “सोनिया ने तुझे मेरे बारे में क्या बताया?”
राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, “सोनिया ने कहा कि तुम मोहल्ले का हर मर्द जलन करता है। लेकिन मैं जलन नहीं करता, मैं सीखना चाहता हूँ।” विकास को राहुल की बातों में कुछ छुपा हुआ लगा। क्या राहुल सचमुच उसका साथी बनना चाहता था, या सोनिया ने उसे विकास का खेल बिगाड़ने के लिए भेजा था?
विकास ने राहुल को अपनी दुकान का एक कोना दिखाया, जहाँ उसने कुछ नई डिजाइन की ब्रा-पैंटी रखी थीं। “राहुल, ये माल देख। ये सिर्फ कपड़े नहीं, ये औरतों की चूत में आग लगाने का सामान है। अगर तू मेरे साथ काम करेगा, तो तुझे भी इनका मजा लेना सिखाऊँगा,” विकास ने कहा।
राहुल ने हँसते हुए कहा, “विकास भाई, मैं तैयार हूँ। लेकिन एक शर्त है—सोनिया मेरी है। तू उसे छूने की कोशिश भी मत करना।” विकास का चेहरा लाल हो गया। सोनिया ने राहुल को क्या बताया था? और क्या राहुल को विकास के और सोनिया के बीच के रिश्ते का पता था?
विकास ने मन में सोचा, “ये राहुल कोई साधारण लड़का नहीं है। अगर ये मेरा साथी बना, तो मेरा बिजनेस और बड़ा हो सकता है। लेकिन अगर ये मेरा दुश्मन बना, तो मेरा खेल खत्म हो सकता है।” उसने राहुल को हँसकर कहा, “ठीक है, राहुल, सोनिया तेरी। लेकिन बिजनेस में मेरा नियम है—जो मेरे साथ है, वो मेरी रंडी बनता है। तू तैयार है?”
राहुल ने विकास की आँखों में देखा और कहा, “विकास भाई, मैं रंडी नहीं, मर्द हूँ। और मैं तुझ से ज्यादा आग लगा सकता हूँ। चल, देखते हैं, कौन जीतता है।” विकास को राहुल की बातों में चुनौती सुनाई दी। उसने मन में सोचा, “ये मोहल्ला तो मेरे लिए जन्नत है। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, और अब शालिनी... लेकिन अब राहुल का खेल शुरू हो गया है। अगली बारी किसकी होगी?”
शालिनी ने घर पहुँचकर पूजा को फोन किया। “पूजा, तूने सही कहा था... विकास का माल तो लाजवाब है,” शालिनी ने हँसते हुए कहा। पूजा ने जवाब दिया, “हाँ, शालिनी, उसका लंड तो हर औरत की चूत और गांद में आग लगा देता है। अब तू भी उसकी रंडी बन गई ना?” शालिनी ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी। लेकिन उसके मन में एक नया ख्याल था—विकास को अपनी छोटी बहन रिया से मिलवाने का।
विकास ने अपनी दुकान बंद की और राहुल के साथ अगली मुलाकात की तैयारी करने लगा। लेकिन उसके मन में एक सवाल था—क्या सोनिया राहुल के साथ मिलकर उसका खेल बिगाड़ने की कोशिश कर रही थी? और क्या रिया उसका अगला शिकार बनेगी, या राहुल उसका रास्ता रोक देगा?
क्रमशः...
बेटी की आग माँ की राख --7
गतांक से आगे……………………….
दिल्ली का ये छोटा सा मोहल्ला अब विकास के जादू का गढ़ बन चुका था। उसकी दुकान सिर्फ अंडरगारमेंट्स की दुकान नहीं थी, बल्कि एक ऐसी मायावी दुनिया थी, जहाँ औरतों की जिस्मानी प्यास और छुपी हुई ख्वाहिशें खुलकर नाचती थीं। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, और शालिनी—सब उसकी रंडी बन चुकी थीं, और हर एक के जिस्म में विकास के लंड की आग धधक रही थी। लेकिन विकास का शिकारी मन अभी रुका नहीं था। शालिनी ने उसे अपनी छोटी बहन रिया का जिक्र किया था, और विकास की भूखी आँखों में एक नया शिकार चमक रहा था। उधर, राहुल और सोनिया का खेल विकास के लिए एक नई पहेली बन रहा था। क्या राहुल उसका साथी बनेगा, या उसका साम्राज्य ढहाने वाला बागी?
रिया, 26 साल की एक बला की खूबसूरत औरत, हाल ही में अपने पति विशाल के साथ मोहल्ले में आई थी। उसका बदन किसी शिल्पकार की कृति था—सांवली, चिकनी चमड़ी, उभरे हुए मम्मे, पतली कमर, और गोल-गोल चूतड़ जो सलवार-कमीज में लहराते थे। रिया की शादी को सिर्फ एक साल हुआ था, और उसकी जवानी अपनी पूरी शबाब पर थी। विशाल एक बैंक मैनेजर था, जो देर रात तक ऑफिस में उलझा रहता था, और रिया की रातें अकेली, अधूरी ख्वाहिशों से भरी होती थीं। शालिनी ने एक दिन रिया को विकास की दुकान का जिक्र किया, लेकिन इस बार उसने एक अलग तरकीब अपनाई। “रिया, विकास की दुकान पर नहीं, उसकी छत पर जा। वो वहाँ खास मेहमानों के लिए स्पेशल माल दिखाता है। तेरा जिस्म ऐसी चीजों को और हसीन बना देगा।”
रिया ने भौहें चढ़ाईं। “छत पर? ये क्या नया ड्रामा है, दीदी?” लेकिन शालिनी की बातों में एक रहस्यमयी चमक थी, और रिया का जिज्ञासु मन कुलबुलाने लगा। उसने सोचा, “चलकर देख ही लेती हूँ, ये विकास क्या जादू करता है।”
### छत का मायावी मंच
एक उमस भरी रात, जब मोहल्ला नींद में डूबा था, रिया विकास की दुकान के पीछे वाली सीढ़ियों से छत पर चढ़ी। छत पर एक छोटा सा तंबू लगा था, जिसके अंदर मद्धम लाल रोशनी और हल्की खुशबू बिखरी हुई थी। विकास वहाँ एक रेशमी कुर्ते में खड़ा था, जैसे कोई राजा अपनी रानी का इंतजार कर रहा हो। उसके पास एक मखमली मेज पर रंग-बिरंगी ब्रा-पैंटी के सेट सजे थे, और एक छोटा सा म्यूजिक सिस्टम धीमी, कामुक धुन बजा रहा था।
“अरे, रिया भाभी, आओ-आओ, शालिनी भाभी ने बताया था कि तुम आओगी,” विकास ने अपनी मखमली आवाज में कहा, उसकी आँखें रिया के सांवले जिस्म को चाट रही थीं।
“हाँ, शालिनी दीदी ने कहा था कि तुम कुछ खास दिखाते हो,” रिया ने शरमाते हुए कहा। उसने एक काली सलवार-कमीज पहनी थी, जो उसके बदन की हर उभार को उजागर कर रही थी।
“रिया भाभी, ये छत मेरा खास मंच है, जहाँ मैं सिर्फ खास औरतों को बुलाता हूँ,” विकास ने कहा और रिया को तंबू के अंदर ले गया। उसने एक बैंगनी रंग की लेस वाली ब्रा-पैंटी रिया की तरफ बढ़ाई। “ये देखो, ये तेरे सांवले बदन पर चाँदनी सी चमकेगा।”
रिया ने ब्रा को हाथ में लिया, लेकिन उसकी पारदर्शी डिजाइन देखकर उसकी साँसें रुक गईं। “विकास, ये तो... बहुत बोल्ड है। मैं ऐसी कैसे पहनूँ?” उसने हिचकते हुए कहा, लेकिन उसकी आँखें तंबू की मद्धम रोशनी और विकास के मर्दाना चेहरे पर टिक गई थीं।
“रिया भाभी, तेरा ये बदन तो जादू है। इसे छुपाने की नहीं, निखारने की जरूरत है,” विकास ने रिया के कंधे पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसने रिया को एक मखमली कुर्सी पर बिठाया और उसके सामने झुककर उसकी आँखों में देखा। “शालिनी भाभी ने तो मेरे साथ इस छत पर रात बिताई थी। और हाँ, रीता भाभी, सोनिया, मंजू भाभी, अनीता भाभी, राधा भाभी, और पूजा भाभी—सब मेरे इस मंच की रानियाँ बन चुकी हैं।”
रिया का दिल धक-धक करने लगा। शालिनी, पूजा, और बाकी औरतों का नाम सुनकर उसे थोड़ा झटका लगा, लेकिन विकास की गहरी आँखें और उसकी उंगलियों का हल्का स्पर्श उसकी रगों में आग लगा रहा था। “विकास, ये सब क्या बोल रहे हो? शालिनी दीदी ने ऐसा किया?” रिया ने पूछा, उसकी आवाज में जिज्ञासा और हल्की सी उत्तेजना थी।
“हाँ, रिया भाभी, और सोनिया ने तो मेरे साथ ट्रेन में पूरी रात नाच किया,” विकास ने हंसते हुए कहा। उसने रिया की सलवार का दुपट्टा धीरे से खींचा और उसके कुरते के बटन खोलने लगा। “सोनिया की चूत में मेरा लंड ऐसा नाचा था कि वो चाँद तारों को भूल गई थी। और शालिनी भाभी? उनकी गांद तो मेरे लंड की गुलाम है। अब तेरी बारी है, मेरी रानी।”
### कामुक नृत्य की शुरुआत
रिया का दिमाग सुन्न हो गया। उसकी बहन शालिनी और मोहल्ले की दूसरी औरतें विकास के साथ ऐसा कर चुकी थीं? लेकिन विकास की उंगलियाँ अब उसके मम्मों को कुरते के ऊपर से सहला रही थीं, और उसकी चूत में एक मीठी सी सनसनी उठ रही थी। “विकास, ये गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और विशाल... वो बुरा मानेगा,” रिया ने कमजोर आवाज में कहा, लेकिन उसका जिस्म उसकी बातों का साथ नहीं दे रहा था।
“रिया भाभी, विशाल को ऑफिस की फाइलों से फुर्सत नहीं, और तेरा ये बदन मेरे लिए तरस रहा है,” विकास ने कहा। उसने रिया की कमीज उतार दी और उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। अब रिया सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी, और उसका सांवला बदन लाल रोशनी में चमक रहा था। “वाह, रिया, तेरा बदन तो किसी हूर का है। ये मम्मे, ये गांद—सब मेरे लिए बने हैं।”
विकास ने रिया की ब्रा का हुक खोला, और उसके नंगे मम्मे हवा में उछल पड़े। उसने रिया के निपल्स को अपनी उंगलियों से मसला और फिर उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। रिया की साँसें तेज हो गईं, और उसकी चूत गीली होने लगी। “आह, विकास... ये क्या कर रहे हो... मुझे शर्म आ रही है,” रिया ने मोन करते हुए कहा।
“शर्म छोड़, मेरी रानी,” विकास ने कहा और रिया की पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी उंगलियाँ रिया की चूत के होंठों पर नाच रही थीं, और रिया की चूत से पानी टपकने लगा। “वाह, रिया, तेरी चूत तो पहले से मेरे लंड की भूखी है। बोल, मेरी रंडी बनने को तैयार है?”
रिया अब पूरी तरह विकास के जादू में थी। उसकी चूत में उठ रही आग उसे बेकरार कर रही थी। “आह्ह... विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... कर डाल जो करना है,” रिया ने बेशर्मी से कहा। उसने विकास के रेशमी कुर्ते को खींचकर उतार दिया और उसकी पैंट के ऊपर से उसके लंड को सहलाने लगी। विकास का लंड पत्थर की तरह सख्त था, और रिया की आँखें उसका मोटापन देखकर चमक उठीं।
### छत पर कामुक रास
विकास ने रिया को तंबू के बीच में एक मखमली गद्दे पर लिटाया। उसने अपनी पैंट उतार दी, और उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो रिया की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, रिया, ये लंड शालिनी भाभी और पूजा भाभी की चूत और गांद का राजा है। अब ये तेरे जिस्म का भोसड़ा बनाएगा,” विकास ने कहा।
रिया ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूमना शुरू किया। उसने पहले उसकी टोपी को अपनी जीभ से चाटा, फिर धीरे-धीरे उसे अपने मुँह में लिया। विकास के लंड का नमकीन स्वाद रिया के मुँह में घुलने लगा, और वो बड़े मजे से उसे चूसने लगी। विकास ने रिया के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, रिया, तू तो शालिनी भाभी से भी मस्त चूसती है। ले, मेरी रंडी, और गहरा ले,” विकास ने कहा।
रिया का मुँह विकास के लंड से भर गया, और उसकी चूत अब पूरी तरह गीली हो चुकी थी। विकास ने रिया को गद्दे पर उल्टा किया और उसकी गांद को हवा में उठाया। उसने रिया की चूत को पीछे से चाटना शुरू किया, और उसकी जीभ रिया की चूत के होंठों पर नाचने लगी। रिया सिहर उठी, “आह्ह, विकास... ये क्या जादू है... मेरी चूत जल रही है।”
विकास ने रिया की चूत में अपनी दो उंगलियाँ डाल दीं और उन्हें तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। रिया की चूत से पानी की धार निकलने लगी, और वो चिल्लाई, “आह, विकास... बस कर... मैं मर जाऊँगी!” लेकिन विकास ने रुकने का नाम नहीं लिया। उसने रिया की गांद पर हल्के से थप्पड़ मारा और कहा, “अभी तो शुरूआत है, मेरी रानी। तेरी चूत तो मेरे लंड की गुलाम बनेगी।”
विकास ने अपना लंड रिया की चूत पर रगड़ा, और फिर एक जोरदार धक्के में उसका पूरा लंड रिया की चूत में घुस गया। रिया चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... विकास, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” विकास ने रिया की कमर पकड़कर जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। रिया के मम्मे हवा में उछल रहे थे, और उसकी चूत विकास के लंड को कसकर जकड़ रही थी। “हाँ, विकास, चोद... और जोर से... मेरी चूत को भोसड़ा बना डाल,” रिया ने मोन करते हुए कहा।
लेकिन विकास का मन अब एक नया खेल खेलने को था। उसने रिया को गद्दे से उठाया और उसे तंबू के एक खंभे से टिकाकर खड़ा किया। उसने रिया की एक टाँग अपने कंधे पर रखी और उसकी चूत में अपना लंड फिर से घुसा दिया। इस बार उसका लंड रिया की चूत के सबसे गहरे कोने तक पहुँच रहा था, और रिया की साँसें रुकने लगीं। “आह, विकास... ये क्या पोजीशन है... मेरी चूत में आग लग रही है,” रिया ने चिल्लाते हुए कहा।
विकास ने रिया की चूत को आधे घंटे तक अलग-अलग पोजीशन में चोदा—कभी उसे खंभे से टिकाकर, कभी गद्दे पर लिटाकर, और कभी उसे अपनी गोद में उठाकर। रिया की चूत से पानी की धारें निकल रही थीं, और उसका जिस्म पसीने से तर था। आखिर में, विकास ने रिया को फिर से गद्दे पर लिटाया और उसकी गांद पर अपना लंड रगड़ना शुरू किया। “रिया, तेरी चूत तो मस्त है, लेकिन अब ये गांद मेरे लंड की दावत माँग रही है,” विकास ने कहा।
रिया डर गई। “नहीं, विकास, प्लीज... गांद नहीं... मैं मर जाऊँगी,” उसने विनती की।
“अरे, रिया, शालिनी भाभी ने भी पहले नखरे किए थे, लेकिन मेरे लंड ने उनकी गांद को स्वर्ग दिखा दिया। तू भी ले, मेरी रानी,” विकास ने रिया की गांद पर थूक लगाया और अपना लंड धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा। रिया दर्द से चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... निकाल, विकास... बहुत दर्द हो रहा है!”
“चुप, मेरी रानी, अभी स्वर्ग दिखाऊँगा,” विकास ने रिया की कमर पकड़कर जोर से धक्का मारा, और उसका पूरा लंड रिया की गांद में घुस गया। रिया की आँखों में आँसू आ गए, लेकिन विकास ने धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ रिया की चूत को सहला रही थीं, और धीरे-धीरे रिया का दर्द मजे में बदलने लगा। “आह, विकास... चोद... और जोर से... मेरी गांद को भी भोसड़ा बना डाल,” रिया ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने रिया की गांद को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी गांद में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, रिया, ये मेरा बच्चा ले। और हाँ, अब तू भी मेरी रंडी बन,” विकास ने कहा। उसने रिया को बैंगनी ब्रा-पैंटी का सेट गिफ्ट किया और कहा, “ये मेरी तरफ से तुझ पर छत की रात का तोहफा है। और हाँ, अगली बार अपनी कोई सहेली को भी लाना।”
रिया निढाल होकर गद्दे पर पड़ी थी। उसका जिस्म पसीने और विकास के पानी से तर था, और उसकी चूत और गांद में आग अभी भी धधक रही थी। उसने कपड़े पहने और चुपके से छत से नीचे उतर गई। लेकिन उसके मन में विकास के लंड का जादू बस गया था।
### राहुल का खेल
उधर, विकास को सोनिया का फोन आया। “विकास, राहुल ने तुमसे मिलने के बाद मुझे बताया कि वो तुम्हारे साथ बिजनेस करना चाहता है। लेकिन वो कुछ शर्तें रखेगा,” सोनिया ने कहा। विकास को शक हुआ। राहुल ने उससे सोनिया को न छूने की बात कही थी, लेकिन क्या वो सोनिया के साथ कोई और खेल खेल रहा था?
विकास ने सोनिया को हँसकर कहा, “सोनिया रानी, तेरा राहुल मुझ से ज्यादा चालाक नहीं है। उसकी शर्तें सुन लूँगा, लेकिन याद रख, तेरी चूत और गांद अभी भी मेरे लंड की गुलाम हैं। और हाँ, अगली बार राहुल को अपने साथ लाना, मैं उसे असली मर्दानगी दिखाऊँगा।”
सोनिया ने हँसकर फोन रख दिया, लेकिन उसके मन में एक नया खेल चल रहा था। वो जानती थी कि राहुल उसका दिल जीत रहा था, लेकिन विकास का लंड उसकी चूत की प्यास बुझाता था। सोनिया ने मन में सोचा, “अगर राहुल और विकास एक साथ आ गए, तो क्या मजा आएगा? लेकिन अगर राहुल ने विकास का असली चेहरा देख लिया, तो मेरा खेल बिगड़ सकता है।”
रिया ने घर पहुँचकर शालिनी को फोन किया। “दीदी, तूने सही कहा था... विकास की छत तो जन्नत है,” रिया ने हँसते हुए कहा। शालिनी ने जवाब दिया, “हाँ, रिया, उसका लंड तो हर औरत को स्वर्ग दिखाता है। अब तू भी उसकी रंडी बन गई ना?” रिया ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी। लेकिन उसके मन में एक नया ख्याल था—विकास को अपनी कॉलेज की दोस्त निशा से मिलवाने का।
विकास ने छत का तंबू समेटा और राहुल के साथ अगली मुलाकात की तैयारी करने लगा। लेकिन उसके मन में एक सवाल था—क्या सोनिया और राहुल मिलकर उसका साम्राज्य हिलाने की कोशिश कर रहे थे? और क्या निशा उसकी अगली रानी बनेगी, या राहुल उसका रास्ता रोक देगा? विकास ने मन में सोचा, “ये मोहल्ला मेरी जन्नत है। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, और अब रिया... लेकिन राहुल का खेल अब शुरू हो चुका है। अगली बारी किसकी होगी?”
क्रमशः...
बेटी की आग माँ की राख --8
गतांक से आगे……………………….
दिल्ली का ये मोहल्ला अब विकास के जिस्मानी जादू का अड्डा बन चुका था। उसकी दुकान और उसकी चालाकी ने मोहल्ले की औरतों को अपने रंग में रंग लिया था। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, और रिया—सब उसकी रंडी बन चुकी थीं, और हर एक के जिस्म में विकास के लंड की आग धधक रही थी। लेकिन विकास की भूख अभी शांत नहीं हुई थी। रिया ने उसे अपनी कॉलेज की दोस्त निशा का जिक्र किया था, और विकास की शिकारी आँखें एक नए शिकार की तलाश में चमक उठी थीं। उधर, राहुल और सोनिया का खेल विकास के लिए एक नया खतरा बन रहा था। राहुल की चुनौती और सोनिया की चालबाजी ने विकास को सतर्क कर दिया था। क्या राहुल उसका साम्राज्य हिला देगा, या विकास उसे भी अपने जाल में फँसा लेगा?
निशा, 27 साल की एक जवान औरत, अपने पति अमित के साथ मोहल्ले के बगल वाले अपार्टमेंट में रहती थी। उसका बदन किसी कविता की तरह था—गोरी, मुलायम चमड़ी, भरे हुए मम्मे, नाजुक कमर, और टाइट चूतड़ जो जींस में और भी उभरते थे। निशा की शादी को तीन साल हो चुके थे, लेकिन उसकी जवानी अभी पूरी तरह खिल रही थी। अमित एक मार्केटिंग मैनेजर था, जो अक्सर टूर पर बाहर रहता था, और निशा की रातें अधूरी ख्वाहिशों से भरी होती थीं। रिया ने एक दिन निशा को विकास के बारे में बताया, लेकिन इस बार उसने एक रहस्यमयी अंदाज अपनाया। “निशा, विकास की दुकान के पीछे एक गोदाम है, जहाँ वो सिर्फ खास औरतों को ले जाता है। वहाँ का माल तेरा जिस्म जन्नत बना देगा।”
निशा ने हँसते हुए कहा, “रिया, ये क्या नया नाटक है? गोदाम में ब्रा-पैंटी? तू पागल तो नहीं हो गई?” लेकिन रिया की बातों में एक अजीब सी चमक थी, और निशा का उत्सुक मन ललचाने लगा। उसने सोचा, “चलकर देख ही लेती हूँ, ये विकास क्या जादू करता है।”
### गोदाम का कामुक अंधेरा
एक सुलगती दोपहर, जब मोहल्ला गर्मी में सुस्ता रहा था, निशा विकास की दुकान के पीछे बने गोदाम के लोहे के दरवाजे तक पहुँची। गोदाम का दरवाजा हल्का सा खुला था, और अंदर से मद्धम नीली रोशनी और हल्की सी अगरबत्ती की खुशबू आ रही थी। विकास अंदर एक काले शर्ट में खड़ा था, जैसे कोई जादूगर अपनी माया बिखेरने को तैयार हो। गोदाम के अंदर लकड़ी के बक्सों और कपड़ों की गठरियों के बीच एक छोटा सा मंच बना था, जिस पर मखमली चादर बिछी थी। दीवारों पर लटकती ब्रा-पैंटी की पंक्तियाँ नीली रोशनी में चमक रही थीं, और एक पुराना रेडियो धीमी, कामुक धुन बजा रहा था।
“अरे, निशा भाभी, आओ-आओ, रिया भाभी ने बताया था कि तुम आओगी,” विकास ने अपनी मखमली आवाज में कहा, उसकी आँखें निशा के गोरे जिस्म को चाट रही थीं।
“हाँ, रिया ने कहा था कि तुम कुछ खास दिखाते हो,” निशा ने शरमाते हुए कहा। उसने एक टाइट सफेद टॉप और नीली जींस पहनी थी, जो उसके मम्मों और चूतड़ों को और उभार रही थी।
“निशा भाभी, ये गोदाम मेरा गुप्त महल है, जहाँ सिर्फ चुनी हुई रानियाँ आती हैं,” विकास ने कहा और निशा को मंच की तरफ ले गया। उसने एक पारदर्शी गुलाबी ब्रा-पैंटी का सेट निशा की तरफ बढ़ाया। “ये देखो, ये तेरे गोरे बदन पर सितारों की तरह चमकेगा।”
निशा ने ब्रा को हाथ में लिया, लेकिन उसकी नाजुक लेस और पारदर्शी डिजाइन देखकर उसकी साँसें रुक गईं। “विकास, ये तो... बहुत खुला हुआ है। मैं ऐसी कैसे पहनूँ?” उसने हिचकते हुए कहा, लेकिन उसकी आँखें गोदाम की रहस्यमयी रोशनी और विकास के मर्दाना चेहरे पर टिक गई थीं।
“निशा भाभी, तेरा ये बदन तो स्वर्ग से उतरा है। इसे छुपाने की नहीं, नाचने की जरूरत है,” विकास ने निशा के कंधे पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसने निशा को मंच पर खड़ा किया और उसके सामने घुटनों पर बैठ गया, जैसे कोई भक्त अपनी देवी की पूजा करने को तैयार हो। “रिया भाभी ने तो मेरे साथ इस गोदाम में रात बिताई थी। और हाँ, रीता भाभी, सोनिया, मंजू भाभी, अनीता भाभी, राधा भाभी, पूजा भाभी, और शालिनी भाभी—सब मेरे इस महल की रानियाँ बन चुकी हैं।”
निशा का दिल धक-धक करने लगा। रिया, शालिनी, और बाकी औरतों का नाम सुनकर उसे झटका लगा, लेकिन विकास की उंगलियाँ अब उसके टॉप के हेम को सहला रही थीं, और उसकी रगों में एक अजीब सी गर्मी दौड़ रही थी। “विकास, ये सब क्या बोल रहे हो? रिया ने ऐसा किया?” निशा ने पूछा, उसकी आवाज में जिज्ञासा और हल्की सी उत्तेजना थी।
“हाँ, निशा भाभी, और सोनिया ने तो मेरे साथ ट्रेन में पूरी रात आग लगाई थी,” विकास ने हंसते हुए कहा। उसने निशा का टॉप धीरे से ऊपर उठाया और उसके पेट पर अपनी उंगलियाँ फिराईं। “सोनिया की चूत में मेरा लंड ऐसा नाचा था कि वो चाँद तारों को भूल गई थी। और रिया भाभी? उनकी गांद तो मेरे लंड की गुलाम है। अब तेरी बारी है, मेरी रानी।”
### कामुक पूजा की शुरुआत
निशा का दिमाग सुन्न हो गया। उसकी दोस्त रिया और मोहल्ले की दूसरी औरतें विकास के साथ ऐसा कर चुकी थीं? लेकिन विकास की उंगलियाँ अब उसके मम्मों को टॉप के ऊपर से मसल रही थीं, और उसकी चूत में एक मीठी सी सनसनी उठ रही थी। “विकास, ये गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और अमित... वो बुरा मानेगा,” निशा ने कमजोर आवाज में कहा, लेकिन उसका जिस्म उसकी बातों का साथ नहीं दे रहा था।
“निशा भाभी, अमित तो टूर की दुनिया में खोया है, और तेरा ये बदन मेरे लिए तरस रहा है,” विकास ने कहा। उसने निशा का टॉप उतार दिया और उसकी जींस का बटन खोल दिया। अब निशा सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी, और उसका गोरा बदन नीली रोशनी में चमक रहा था। “वाह, निशा, तेरा बदन तो किसी हीरे की तरह चमकता है। ये मम्मे, ये गांद—सब मेरे लिए बने हैं।”
विकास ने निशा की ब्रा का हुक खोला, और उसके नंगे मम्मे हवा में उछल पड़े। उसने निशा के निपल्स को अपनी उंगलियों से मसला और फिर उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। उसकी जीभ निशा के निपल्स पर गोल-गोल घूम रही थी, और निशा की साँसें तेज हो गईं। “आह, विकास... ये क्या कर रहे हो... मेरी चूत में आग लग रही है,” निशा ने मोन करते हुए कहा।
“आग तो अभी शुरू हुई है, मेरी रानी,” विकास ने कहा और निशा की पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी उंगलियाँ निशा की चूत के होंठों पर नाच रही थीं, और निशा की चूत से पानी टपकने लगा। “वाह, निशा, तेरी चूत तो मेरे लंड की भूखी है। बोल, मेरी रंडी बनने को तैयार है?”
निशा अब पूरी तरह विकास के जादू में थी। उसकी चूत में उठ रही आग उसे बेकरार कर रही थी। “आह्ह... विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... कर डाल जो करना है,” निशा ने बेशर्मी से कहा। उसने विकास की शर्ट के बटन खोल दिए और उसकी पैंट के ऊपर से उसके लंड को सहलाने लगी। विकास का लंड लोहे की तरह सख्त था, और निशा की आँखें उसका मोटापन देखकर चमक उठीं।
### गोदाम का कामुक रंगमंच
विकास ने निशा को मंच पर बिछी मखमली चादर पर लिटाया। उसने अपनी पैंट उतार दी, और उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो निशा की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, निशा, ये लंड रिया भाभी और शालिनी भाभी की चूत और गांद का बादशाह है। अब ये तेरे जिस्म का भोसड़ा बनाएगा,” विकास ने कहा।
निशा ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूमना शुरू किया। उसने पहले उसकी टोपी को अपनी जीभ से चाटा, फिर धीरे-धीरे उसे अपने मुँह में लिया। विकास के लंड का गर्म, नमकीन स्वाद निशा के मुँह में घुलने लगा, और वो बड़े मजे से उसे चूसने लगी। विकास ने निशा के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, निशा, तू तो रिया भाभी से भी मस्त चूसती है। ले, मेरी रंडी, और गहरा ले,” विकास ने कहा।
लेकिन विकास का मन अब एक नया तमाशा करने को था। उसने निशा को मंच से उठाया और उसे गोदाम के एक लकड़ी के बक्से पर बिठा दिया। उसने निशा की टाँगें फैलाईं और उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी जीभ निशा की चूत के होंठों पर नाच रही थी, और वो निशा की क्लिट को हल्के से दाँतों से काट रहा था। निशा सिहर उठी, “आह्ह, विकास... ये क्या जादू है... मेरी चूत पिघल रही है!”
विकास ने निशा की चूत में अपनी तीन उंगलियाँ डाल दीं और उन्हें तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। निशा की चूत से पानी की धार निकलने लगी, और वो चिल्लाई, “आह, विकास... बस कर... मैं झड़ जाऊँगी!” लेकिन विकास ने रुकने का नाम नहीं लिया। उसने निशा को बक्से से उतारा और उसे दीवार से टिकाकर खड़ा किया। उसने निशा की एक टाँग अपने कंधे पर रखी और उसकी चूत में अपना लंड रगड़ना शुरू किया।
“निशा, तेरी चूत तो मेरे लंड की दावत माँग रही है,” विकास ने कहा और एक जोरदार धक्के में उसका पूरा लंड निशा की चूत में घुस गया। निशा चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... विकास, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” विकास ने निशा की कमर पकड़कर जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। निशा के मम्मे हवा में उछल रहे थे, और उसकी चूत विकास के लंड को कसकर जकड़ रही थी। “हाँ, विकास, चोद... और जोर से... मेरी चूत को भोसड़ा बना डाल,” निशा ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने निशा को दीवार से हटाकर मंच पर लिटाया और उसे घोड़ी की तरह झुकाया। उसने निशा की चूत में पीछे से अपना लंड घुसा दिया और तेजी से धक्के मारने लगा। उसकी उंगलियाँ निशा की क्लिट को मसल रही थीं, और निशा की चूत से पानी की धारें निकल रही थीं। “आह, निशा, तेरी चूत तो जन्नत है... ले, मेरे लंड का मजा,” विकास ने कहा।
लेकिन विकास का मन अब एक और खेल खेलने को था। उसने निशा को मंच पर सीधा लिटाया और उसके मम्मों के बीच अपना लंड रगड़ना शुरू किया। उसने निशा के मम्मों को कसकर दबाया और अपना लंड उनके बीच तेजी से रगड़ा। निशा की आँखें आनंद से बंद हो गईं, और वो मोन करने लगी, “आह, विकास... ये क्या कर रहे हो... मेरे मम्मे जल रहे हैं!”
विकास ने निशा के मम्मों के बीच से अपना लंड निकाला और उसे फिर से उसकी चूत में घुसा दिया। उसने निशा की टाँगें हवा में उठाईं और इतने गहरे धक्के मारे कि निशा की चूत के सबसे गहरे कोने तक उसका लंड पहुँच गया। निशा चिल्लाई, “आह, विकास... मैं झड़ रही हूँ... और जोर से!” निशा की चूत से पानी की धार निकली, और उसका जिस्म आनंद से काँपने लगा।
अब विकास ने निशा की गांद पर नजर डाली। “निशा, तेरी चूत तो स्वर्ग है, लेकिन अब ये गांद मेरे लंड की सैर माँग रही है,” विकास ने कहा। निशा डर गई। “नहीं, विकास, प्लीज... गांद नहीं... मैं मर जाऊँगी,” उसने विनती की।
“अरे, निशा, रिया भाभी ने भी पहले नखरे किए थे, लेकिन मेरे लंड ने उनकी गांद को जन्नत बना दिया। तू भी ले, मेरी रानी,” विकास ने निशा की गांद पर थूक लगाया और अपना लंड धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा। निशा दर्द से चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... निकाल, विकास... बहुत दर्द हो रहा है!”
“चुप, मेरी रानी, अभी जन्नत दिखाऊँगा,” विकास ने निशा की कमर पकड़कर धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ निशा की चूत को सहला रही थीं, और धीरे-धीरे निशा का दर्द मजे में बदलने लगा। “आह, विकास... चोद... और जोर से... मेरी गांद को भी भोसड़ा बना डाल,” निशा ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने निशा की गांद को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी गांद में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, निशा, ये मेरा बच्चा ले। और हाँ, अब तू भी मेरी रंडी बन,” विकास ने कहा। उसने निशा को गुलाबी ब्रा-पैंटी का सेट गिफ्ट किया और कहा, “ये मेरी तरफ से तुझ पर गोदाम की रात का तोहफा है। और हाँ, अगली बार अपनी कोई सहेली को भी लाना।”
निशा निढाल होकर मंच पर पड़ी थी। उसका जिस्म पसीने और विकास के पानी से तर था, और उसकी चूत और गांद में आग अभी भी धधक रही थी। उसने कपड़े पहने और चुपके से गोदाम से निकल गई। लेकिन उसके मन में विकास के लंड का जादू बस गया था।
### राहुल और सोनिया का जाल
उधर, विकास को सोनिया का फोन आया। “विकास, राहुल ने कहा कि वो तुम्हारे साथ बिजनेस करने को तैयार है, लेकिन उसकी एक शर्त है। वो चाहता है कि तुम उसे अपने ‘खास’ बिजनेस का हिस्सा बनाओ,” सोनिया ने कहा। विकास को शक हुआ। राहुल को उसके “खास” बिजनेस—यानी औरतों को अपने जाल में फँसाने—का कितना पता था? और सोनिया क्या खेल खेल रही थी?
विकास ने सोनिया को हँसकर कहा, “सोनिया रानी, तेरा राहुल मुझ से ज्यादा चालाक नहीं है। उसकी शर्तें सुन लूँगा, लेकिन याद रख, तेरी चूत और गांद अभी भी मेरे लंड की गुलाम हैं। और हाँ, अगली बार राहुल को अपने साथ लाना, मैं उसे असली मर्दानगी दिखाऊँगा।”
सोनिया ने हँसकर फोन रख दिया, लेकिन उसके मन में एक नया खेल चल रहा था। वो जानती थी कि राहुल उसका दिल जीत रहा था, लेकिन विकास का लंड उसकी चूत की प्यास बुझाता था। सोनिया ने राहुल से कहा, “राहुल, विकास से मिलने जा, लेकिन सावधान रहना। वो बहुत चालाक है। अगर तू उसका खेल समझ गया, तो हम दोनों मिलकर इस मोहल्ले पर राज कर सकते हैं।” राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, “सोनिया, मैं विकास को उसी के खेल में हराऊँगा। लेकिन तू मेरी है, ये मत भूलना।”
निशा ने घर पहुँचकर रिया को फोन किया। “रिया, तूने सही कहा था... विकास का गोदाम तो जन्नत का दरवाजा है,” निशा ने हँसते हुए कहा। रिया ने जवाब दिया, “हाँ, निशा, उसका लंड तो हर औरत को स्वर्ग दिखाता है। अब तू भी उसकी रंडी बन गई ना?” नishा ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी। लेकिन उसके मन में एक नया ख्याल था—विकास को अपनी ऑफिस की सहेली प्रिया से मिलवाने का।
विकास ने गोदाम का दरवाजा बंद किया और राहुल के साथ अगली मुलाकात की तैयारी करने लगा। लेकिन उसके मन में एक सवाल था—क्या सोनिया और राहुल मिलकर उसका साम्राज्य हिलाने की कोशिश कर रहे थे? और क्या प्रिया उसकी अगली रानी बनेगी, या राहुल उसका रास्ता रोक देगा? विकास ने मन में सोचा, “ये मोहल्ला मेरी जन्नत है। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, रिया, और अब निशा... लेकिन राहुल का खेल अब और खतरनाक हो रहा है। अगली बारी किसकी होगी?”
क्रमशः...
बेटी की आग माँ की राख --9
गतांक से आगे……………………….
दिल्ली का ये मोहल्ला अब विकास के जिस्मानी साम्राज्य का किला बन चुका था। उसकी दुकान और उसकी चालबाजी ने औरतों के दिल और जिस्म को अपने रंग में रंग लिया था। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, रिया, और निशा—सब उसकी रंडी बन चुकी थीं, और हर एक के जिस्म में विकास के लंड की आग धधक रही थी। लेकिन विकास की भूख अभी भी बेकाबू थी। निशा ने उसे अपनी ऑफिस की सहेली प्रिया का जिक्र किया था, और विकास की शिकारी आँखें एक नए शिकार की तलाश में चमक उठी थीं। उधर, राहुल और सोनिया का खेल विकास के लिए एक खतरनाक जाल बन रहा था। राहुल की चालाकी और सोनिया की दोहरी चाल ने विकास को चौकन्ना कर दिया था। क्या राहुल उसका किला ढहा देगा, या विकास उसे अपने जादू में फँसा लेगा?
प्रिया, 29 साल की एक आग सी जवान औरत, अपने पति सौरभ के साथ मोहल्ले के पास एक फ्लैट में रहती थी। उसका बदन किसी चित्रकार की कृति था—सांवली, चिकनी चमड़ी, उभरे हुए मम्मे, पतली कमर, और गोल-मटोल चूतड़ जो साड़ी में लहराते थे। प्रिया की शादी को चार साल हो चुके थे, लेकिन उसकी जवानी अभी भी अपनी चरम सीमा पर थी। सौरभ एक सिविल इंजीनियर था, जो अक्सर प्रोजेक्ट्स के लिए बाहर रहता था, और प्रिया की रातें तन्हा, सुलगती ख्वाहिशों से भरी होती थीं। निशा ने एक दिन प्रिया को विकास के बारे में बताया, लेकिन इस बार उसने एक रहस्यमयी तरकीब अपनाई। “प्रिया, विकास की दुकान नहीं, मोहल्ले के पुराने कम्युनिटी हॉल में जा। वो वहाँ खास औरतों को अपने जादू का खेल दिखाता है। तेरा जिस्म वहाँ स्वर्ग बन जाएगा।”
प्रिया ने भौहें चढ़ाईं। “कम्युनिटी हॉल? वो तो सालों से बंद पड़ा है, निशा। तू क्या बात कर रही है?” लेकिन निशा की आँखों में एक अजीब सी चमक थी, और प्रिया का जिज्ञासु मन ललचाने लगा। उसने सोचा, “चलकर देख ही लेती हूँ, ये विकास क्या तमाशा करता है।”
### कम्युनिटी हॉल का गुप्त रंगमंच
एक चाँदनी रात, जब मोहल्ला सोने की तैयारी में था, प्रिया चुपके से मोहल्ले के किनारे बने पुराने कम्युनिटी हॉल की ओर बढ़ी। हॉल का दरवाजा जंग खाया था, लेकिन हल्का सा खुला था। अंदर से मद्धम सुनहरी रोशनी और हल्की सी गुलाब की खुशबू आ रही थी। विकास अंदर एक सफेद कुर्ते में खड़ा था, जैसे कोई बादशाह अपनी महफिल सजाने को तैयार हो। हॉल के बीच में एक पुराना मंच था, जिस पर रेशमी चादरें बिछी थीं। मंच के चारों ओर मोमबत्तियाँ जल रही थीं, और दीवारों पर लटकती ब्रा-पैंटी की पंक्तियाँ सुनहरी रोशनी में चमक रही थीं। एक पुराना ग्रामोफोन धीमी, कामुक धुन बजा रहा था, जिससे हॉल में एक जादुई माहौल बन रहा था।
“अरे, प्रिया भाभी, आओ-आओ, निशा भाभी ने बताया था कि तुम आओगी,” विकास ने अपनी मखमली आवाज में कहा, उसकी आँखें प्रिया के सांवले जिस्म को नाप रही थीं।
“हाँ, निशा ने कहा था कि तुम कुछ खास दिखाते हो,” प्रिया ने शरमाते हुए कहा। उसने एक लाल साड़ी पहनी थी, जो उसके बदन की हर उभार को उजागर कर रही थी।
“प्रिया भाभी, ये हॉल मेरा गुप्त रंगमंच है, जहाँ सिर्फ मेरी चुनी हुई रानियाँ आती हैं,” विकास ने कहा और प्रिया को मंच की तरफ ले गया। उसने एक काली लेस वाली ब्रा-पैंटी का सेट प्रिया की तरफ बढ़ाया। “ये देखो, ये तेरे सांवले बदन पर रात की तरह चमकेगा।”
प्रिया ने ब्रा को हाथ में लिया, लेकिन उसकी पारदर्शी डिजाइन और नाजुक लेस देखकर उसकी साँसें रुक गईं। “विकास, ये तो... बहुत बोल्ड है। मैं ऐसी कैसे पहनूँ?” उसने हिचकते हुए कहा, लेकिन उसकी आँखें हॉल की सुनहरी रोशनी और विकास के मर्दाना चेहरे पर टिक गई थीं।
“प्रिया भाभी, तेरा ये बदन तो चाँदनी की तरह चमकता है। इसे छुपाने की नहीं, नाचने की जरूरत है,” विकास ने प्रिया के कंधे पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसने प्रिया को मंच पर बिठाया और उसके सामने घुटनों पर बैठ गया, जैसे कोई शायर अपनी माशूका की तारीफ करने को तैयार हो। “निशा भाभी ने तो मेरे साथ गोदाम में रात बिताई थी। और हाँ, रीता भाभी, सोनिया, मंजू भाभी, अनीता भाभी, राधा भाभी, पूजा भाभी, शालिनी भाभी, और रिया भाभी—सब मेरे इस रंगमंच की रानियाँ बन चुकी हैं।”
प्रिया का दिल धक-धक करने लगा। निशा, रिया, और बाकी औरतों का नाम सुनकर उसे झटका लगा, लेकिन विकास की गहरी आँखें और उसकी उंगलियों का हल्का स्पर्श उसकी रगों में आग लगा रहा था। “विकास, ये सब क्या बोल रहे हो? निशा ने ऐसा किया?” प्रिया ने पूछा, उसकी आवाज में जिज्ञासा और हल्की सी उत्तेजना थी।
“हाँ, प्रिया भाभी, और सोनिया ने तो मेरे साथ ट्रेन में पूरी रात आग बरसाई थी,” विकास ने हंसते हुए कहा। उसने प्रिया की साड़ी का पल्लू धीरे से खींचा और उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा। “सोनिया की चूत में मेरा लंड ऐसा नाचा था कि वो सितारों को भूल गई थी। और निशा भाभी? उनकी गांद तो मेरे लंड की गुलाम है। अब तेरी बारी है, मेरी रानी।”
### कामुक नृत्य की शुरुआत
प्रिया का दिमाग सुन्न हो गया। उसकी सहेली निशा और मोहल्ले की दूसरी औरतें विकास के साथ ऐसा कर चुकी थीं? लेकिन विकास की उंगलियाँ अब उसके मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से सहला रही थीं, और उसकी चूत में एक मीठी सी सनसनी उठ रही थी। “विकास, ये गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और सौरभ... वो बुरा मानेगा,” प्रिया ने कमजोर आवाज में कहा, लेकिन उसका जिस्म उसकी बातों का साथ नहीं दे रहा था।
“प्रिया भाभी, सौरभ तो अपनी साइट्स में उलझा है, और तेरा ये बदन मेरे लिए तरस रहा है,” विकास ने कहा। उसने प्रिया की साड़ी पूरी तरह खींचकर उतार दी और उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। अब प्रिया सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी, और उसका सांवला बदन सुनहरी रोशनी में चमक रहा था। “वाह, प्रिया, तेरा बदन तो किसी अप्सरा का है। ये मम्मे, ये गांद—सब मेरे लिए बने हैं।”
विकास ने प्रिया की ब्रा का हुक खोला, और उसके नंगे मम्मे हवा में उछल पड़े। उसने प्रिया के निपल्स को अपनी उंगलियों से मसला और फिर उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। उसकी जीभ प्रिया के निपल्स पर गोल-गोल घूम रही थी, और वो उन्हें हल्के से काट रहा था। प्रिया की साँसें तेज हो गईं, और उसकी चूत गीली होने लगी। “आह, विकास... ये क्या जादू है... मेरी चूत में आग लग रही है,” प्रिया ने मोन करते हुए कहा।
“आग तो अभी शुरू हुई है, मेरी रानी,” विकास ने कहा और प्रिया की पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी उंगलियाँ प्रिया की चूत के होंठों पर नाच रही थीं, और प्रिया की चूत से पानी टपकने लगा। “वाह, प्रिया, तेरी चूत तो मेरे लंड की भूखी है। बोल, मेरी रंडी बनने को तैयार है?”
प्रिया अब पूरी तरह विकास के जादू में थी। उसकी चूत में उठ रही आग उसे बेकरार कर रही थी। “आह्ह... विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... कर डाल जो करना है,” प्रिया ने बेशर्मी से कहा। उसने विकास के कुर्ते को खींचकर उतार दिया और उसकी पैंट के ऊपर से उसके लंड को सहलाने लगी। विकास का लंड पत्थर की तरह सख्त था, और प्रिया की आँखें उसका मोटापन देखकर चमक उठीं।
### रंगमंच का कामुक तमाशा
विकास ने प्रiya को मंच पर बिछी रेशमी चादर पर लिटाया। उसने अपनी पैंट उतार दी, और उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो प्रिया की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, प्रिया, ये लंड निशा भाभी और रिया भाभी की चूत और गांद का बादशाह है। अब ये तेरे जिस्म का भोसड़ा बनाएगा,” विकास ने कहा।
प्रिया ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूमना शुरू किया। उसने पहले उसकी टोपी को अपनी जीभ से चाटा, फिर धीरे-धीरे उसे अपने मुँह में लिया। विकास के लंड का गर्म, नमकीन स्वाद प्रिया के मुँह में घुलने लगा, और वो बड़े मजे से उसे चूसने लगी। विकास ने प्रिया के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, प्रिया, तू तो निशा भाभी से भी मस्त चूसती है। ले, मेरी रंडी, और गहरा ले,” विकास ने कहा।
लेकिन विकास का मन अब एक अनोखा तमाशा करने को था। उसने प्रिया को मंच से उठाया और उसे हॉल की एक पुरानी लकड़ी की कुर्सी पर बिठा दिया। उसने प्रिया की टाँगें फैलाईं और उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी जीभ प्रिया की चूत के होंठों पर नाच रही थी, और वो प्रिया की क्लिट को हल्के से चूस रहा था। प्रिया सिहर उठी, “आह्ह, विकास... ये क्या कर रहे हो... मेरी चूत पिघल रही है!”
विकास ने प्रिया की चूत में अपनी दो उंगलियाँ डाल दीं और उन्हें तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। उसने अपनी दूसरी उंगली से प्रिया की गांद के छेद को सहलाना शुरू किया, जिससे प्रिया की साँसें रुक गईं। “आह, विकास... ये क्या जादू है... मेरे जिस्म में आग लग रही है,” प्रिया ने चिल्लाते हुए कहा। प्रिया की चूत से पानी की धार निकलने लगी, और वो काँपने लगी।
विकास ने प्रिया को कुर्सी से उठाया और उसे मंच पर घोड़ी की तरह झुकाया। उसने प्रिया की चूत में पीछे से अपना लंड रगड़ा और फिर एक जोरदार धक्के में उसका पूरा लंड प्रिया की चूत में घुस गया। प्रिया चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... विकास, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” विकास ने प्रिया की कमर पकड़कर जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। प्रिया के मम्मे हवा में उछल रहे थे, और उसकी चूत विकास के लंड को कसकर जकड़ रही थी। “हाँ, विकास, चोद... और जोर से... मेरी चूत को भोसड़ा बना डाल,” प्रिया ने मोन करते हुए कहा।
लेकिन विकास का मन अब एक नया खेल खेलने को था। उसने प्रिया को मंच पर सीधा लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। उसने प्रिया के मम्मों को अपने मुँह में लिया और उन्हें चूसते हुए उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया। उसने प्रिया की टाँगें अपने कंधों पर रखीं और इतने गहरे धक्के मारे कि प्रिया की चूत के सबसे गहरे कोने तक उसका लंड पहुँच गया। प्रिया चिल्लाई, “आह, विकास... मैं झड़ रही हूँ... और जोर से!” प्रिया की चूत से पानी की धार निकली, और उसका जिस्म आनंद से काँपने लगा।
विकास ने अब प्रिया को मंच से उठाया और उसे हॉल की दीवार से टिकाकर खड़ा किया। उसने प्रिया की एक टाँग हवा में उठाई और उसकी चूत में अपना लंड फिर से घुसा दिया। इस बार उसने प्रिया के मम्मों को कसकर मसला और उसके होंठों को चूमना शुरू किया। प्रिया की चूत और मुँह दोनों विकास के कब्जे में थे, और वो आनंद से पागल हो रही थी। “आह, विकास... तू कोई जादूगर है... मेरे जिस्म को जला डाल,” प्रिया ने मोन करते हुए कहा।
अब विकास ने प्रिया की गांद पर नजर डाली। “प्रिया, तेरी चूत तो जन्नत है, लेकिन अब ये गांद मेरे लंड की सैर माँग रही है,” विकास ने कहा। प्रिया डर गई। “नहीं, विकास, प्लीज... गांद नहीं... मैं मर जाऊँगी,” उसने विनती की।
“अरे, प्रिया, निशा भाभी ने भी पहले नखरे किए थे, लेकिन मेरे लंड ने उनकी गांद को स्वर्ग बना दिया। तू भी ले, मेरी रानी,” विकास ने प्रिया की गांद पर थूक लगाया और अपना लंड धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा। प्रिया दर्द से चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... निकाल, विकास... बहुत दर्द हो रहा है!”
“चुप, मेरी रानी, अभी स्वर्ग दिखाऊँगा,” विकास ने प्रिया की कमर पकड़कर धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ प्रिया की चूत को सहला रही थीं, और धीरे-धीरे प्रिया का दर्द मजे में बदलने लगा। “आह, विकास... चोद... और जोर से... मेरी गांद को भी भोसड़ा बना डाल,” प्रिया ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने प्रिया की गांद को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी गांद में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, प्रिया, ये मेरा बच्चा ले। और हाँ, अब तू भी मेरी रंडी बन,” विकास ने कहा। उसने प्रिया को काली ब्रा-पैंटी का सेट गिफ्ट किया और कहा, “ये मेरी तरफ से तुझ पर इस रंगमंच की रात का तोहफा है। और हाँ, अगली बार अपनी कोई सहेली को भी लाना।”
प्रिया निढाल होकर मंच पर पड़ी थी। उसका जिस्म पसीने और विकास के पानी से तर था, और उसकी चूत और गांद में आग अभी भी धधक रही थी। उसने कपड़े पहने और चुपके से हॉल से निकल गई। लेकिन उसके मन में विकास के लंड का जादू बस गया था।
### राहुल और सोनिया की चाल
उधर, विकास को सोनिया का फोन आया। “विकास, राहुल ने कहा कि वो कल तुमसे मिलने दुकान पर आएगा। वो तुम्हारे ‘खास’ बिजनेस में हिस्सा चाहता है, लेकिन उसकी शर्त है कि तुम उसे मोहल्ले की औरतों के साथ अपने खेल का हिस्सा बनाओ,” सोनिया ने कहा। विकास को शक हुआ। राहुल को उसके जाल का कितना पता था? और सोनिया क्या खेल खेल रही थी?
विकास ने सोनिया को हँसकर कहा, “सोनिया रानी, तेरा राहुल मुझ से ज्यादा चालाक नहीं है। उसकी शर्तें सुन लूँगा, लेकिन याद रख, तेरी चूत और गांद अभी भी मेरे लंड की गुलाम हैं। और हाँ, कल राहुल को अपने साथ लाना, मैं उसे असली मर्दानगी दिखाऊँगा।”
सोनिया ने हँसकर फोन रख दिया, लेकिन उसके मन में एक नया खेल चल रहा था। वो जानती थी कि राहुल उसका दिल जीत रहा था, लेकिन विकास का लंड उसकी चूत की प्यास बुझाता था। सोनिया ने राहुल से कहा, “राहुल, विकास से मिलने जा, लेकिन सावधान रहना। वो बहुत चालाक है। अगर तू उसका खेल समझ गया, तो हम दोनों मिलकर इस मोहल्ले पर राज कर सकते हैं।” राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा, “सोनिया, मैं विकास को उसी के खेल में हराऊँगा। लेकिन तू मेरी है, ये मत भूलना।”
प्रिया ने घर पहुँचकर निशा को फोन किया। “निशा, तूने सही कहा था... विकास का कम्युनिटी हॉल तो स्वर्ग का दरवाजा है,” प्रिया ने हँसते हुए कहा। निशा ने जवाब दिया, “हाँ, प्रिया, उसका लंड तो हर औरत को जन्नत दिखाता है। अब तू भी उसकी रंडी बन गई ना?” प्रिया ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी। लेकिन उसके मन में एक नया ख्याल था—विकास को अपनी पड़ोसन काव्या से मिलवाने का।
विकास ने हॉल की मोमबत्तियाँ बुझाईं और राहुल के साथ अगली मुलाकात की तैयारी करने लगा। लेकिन उसके मन में एक सवाल था—क्या सोनिया और राहुल मिलकर उसका साम्राज्य हिलाने की कोशिश कर रहे थे? और क्या काव्या उसकी अगली रानी बनेगी, या राहुल उसका रास्ता रोक देगा? विकास ने मन में सोचा, “ये मोहल्ला मेरी जन्नत है। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, रिया, निशा, और अब प्रिया... लेकिन राहुल का खेल अब और खतरनाक हो रहा है। अगली बारी किसकी होगी?”
क्रमशः...
बेटी की आग माँ की राख --10
गतांक से आगे……………………….
दिल्ली का ये मोहल्ला अब विकास के जिस्मानी जादू का अभेद्य किला बन चुका था। उसकी दुकान और उसकी मायावी चाल ने मोहल्ले की औरतों को अपने रंग में रंग लिया था। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, रिया, निशा, और प्रिया—सब उसकी रंडी बन चुकी थीं, और हर एक के जिस्म में विकास के लंड की आग धधक रही थी। लेकिन विकास की भूख अभी भी बेलगाम थी। प्रिया ने उसे अपनी पड़ोसन काव्या का जिक्र किया था, और विकास की शिकारी आँखें एक नए शिकार की तलाश में चमक उठी थीं। उधर, राहुल और सोनिया का खेल विकास के लिए एक खतरनाक तूफान बन रहा था। राहुल की चालाकी और सोनिया की दोहरी चाल ने विकास को सतर्क कर दिया था। क्या राहुल उसका किला ढहा देगा, या विकास उसे अपने जाल में फँसा लेगा? आज रात उसका जवाब मिलने वाला था।
काव्या, 30 साल की एक बला की खूबसूरत औरत, अपने पति रोहन के साथ मोहल्ले के एक पुराने मकान में रहती थी। उसका बदन किसी शिल्पकार की कृति था—गोरी, मुलायम चमड़ी, भरे हुए मम्मे, नाजुक कमर, और टाइट चूतड़ जो लहंगे में लहराते थे। काव्या की शादी को पाँच साल हो चुके थे, लेकिन उसकी जवानी अभी भी अपनी चरम सीमा पर थी। रोहन एक ट्रैवल एजेंट था, जो अक्सर टूर ऑर्गनाइज करने के लिए बाहर रहता था, और काव्या की रातें तन्हा, सुलगती ख्वाहिशों से भरी होती थीं। प्रिया ने एक दिन काव्या को विकास के बारे में बताया, लेकिन इस बार उसने एक रहस्यमयी अंदाज अपनाया। “काव्या, विकास की दुकान नहीं, मोहल्ले के पुराने मकान की छत पर बने पानी की टंकी में जा। वो वहाँ सिर्फ खास औरतों को अपने जादू का खेल दिखाता है। तेरा जिस्म वहाँ जन्नत बन जाएगा।”
काव्या ने हँसते हुए कहा, “पानी की टंकी? प्रिया, तू पागल तो नहीं हो गई? वहाँ क्या, ब्रा-पैंटी बिकती हैं?” लेकिन प्रिया की बातों में एक अजीब सी चमक थी, और काव्या का उत्सुक मन ललचाने लगा। उसने सोचा, “चलकर देख ही लेती हूँ, ये विकास क्या तमाशा करता है।”
### पानी की टंकी का गुप्त सुख-महल
एक उमस भरी रात, जब मोहल्ला चाँदनी में नहाया हुआ था, काव्या चुपके से मोहल्ले के किनारे बने पुराने मकान की छत पर चढ़ी। छत पर एक जंग खाई पानी की टंकी थी, जिसका ढक्कन हल्का सा खुला था। अंदर से मद्धम बैंगनी रोशनी और हल्की सी चंदन की खुशबू आ रही थी। विकास अंदर एक काले कुर्ते में खड़ा था, जैसे कोई जादूगर अपनी माया बिखेरने को तैयार हो। टंकी के अंदर फर्श पर मखमली गद्दे बिछे थे, और दीवारों पर रंग-बिरंगी ब्रा-पैंटी की मालाएँ लटक रही थीं, जो बैंगनी रोशनी में चमक रही थीं। एक छोटा सा ब्लूटूथ स्पीकर धीमी, कामुक धुन बजा रहा था, जिससे टंकी में एक स्वप्निल माहौल बन रहा था।
“अरे, काव्या भाभी, आओ-आओ, प्रिया भाभी ने बताया था कि तुम आओगी,” विकास ने अपनी मखमली आवाज में कहा, उसकी आँखें काव्या के गोरे जिस्म को चाट रही थीं।
“हाँ, प्रिया ने कहा था कि तुम कुछ खास दिखाते हो,” काव्या ने शरमाते हुए कहा। उसने एक हरा लहंगा-चोली पहनी थी, जो उसके बदन की हर उभार को उजागर कर रही थी।
“काव्या भाभी, ये पानी की टंकी मेरा गुप्त सुख-महल है, जहाँ सिर्फ मेरी चुनी हुई रानियाँ आती हैं,” विकास ने कहा और काव्या को मखमली गद्दे पर ले गया। उसने एक सफेद लेस वाली ब्रा-पैंटी का सेट काव्या की तरफ बढ़ाया। “ये देखो, ये तेरे गोरे बदन पर चाँदनी की तरह चमकेगा।”
काव्या ने ब्रा को हाथ में लिया, लेकिन उसकी पारदर्शी डिजाइन और नाजुक लेस देखकर उसकी साँसें रुक गईं। “विकास, ये तो... बहुत खुला हुआ है। मैं ऐसी कैसे पहनूँ?” उसने हिचकते हुए कहा, लेकिन उसकी आँखें टंकी की बैंगनी रोशनी और विकास के मर्दाना चेहरे पर टिक गई थीं।
“काव्या भाभी, तेरा ये बदन तो स्वर्ग से उतरा है। इसे छुपाने की नहीं, नाचने की जरूरत है,” विकास ने काव्या के कंधे पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसने काव्या को गद्दे पर बिठाया और उसके सामने घुटनों पर बैठ गया, जैसे कोई भक्त अपनी देवी की पूजा करने को तैयार हो। “प्रिया भाभी ने तो मेरे साथ कम्युनिटी हॉल में रात बिताई थी। और हाँ, रीता भाभी, सोनिया, मंजू भाभी, अनीता भाभी, राधा भाभी, पूजा भाभी, शालिनी भाभी, रिया भाभी, और निशा भाभी—सब मेरे इस सुख-महल की रानियाँ बन चुकी हैं।”
काव्या का दिल धक-धक करने लगा। प्रिया, निशा, और बाकी औरतों का नाम सुनकर उसे झटका लगा, लेकिन विकास की गहरी आँखें और उसकी उंगलियों का हल्का स्पर्श उसकी रगों में आग लगा रहा था। “विकास, ये सब क्या बोल रहे हो? प्रिया ने ऐसा किया?” काव्या ने पूछा, उसकी आवाज में जिज्ञासा और हल्की सी उत्तेजना थी।
“हाँ, काव्या भाभी, और सोनिया ने तो मेरे साथ ट्रेन में पूरी रात आग बरसाई थी,” विकास ने हंसते हुए कहा। उसने काव्या की चोली का दुपट्टा धीरे से खींचा और उसके लहंगे का नाड़ा खोलने लगा। “सोनिया की चूत में मेरा लंड ऐसा नाचा था कि वो सितारों को भूल गई थी। और प्रिया भाभी? उनकी गांद तो मेरे लंड की गुलाम है। अब तेरी बारी है, मेरी रानी।”
### कामुक पूजा की शुरुआत
काव्या का दिमाग सुन्न हो गया। उसकी पड़ोसन प्रिया और मोहल्ले की दूसरी औरतें विकास के साथ ऐसा कर चुकी थीं? लेकिन विकास की उंगलियाँ अब उसके मम्मों को चोली के ऊपर से सहला रही थीं, और उसकी चूत में एक मीठी सी सनसनी उठ रही थी। “विकास, ये गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और रोहन... वो बुरा मानेगा,” काव्या ने कमजोर आवाज में कहा, लेकिन उसका जिस्म उसकी बातों का साथ नहीं दे रहा था।
“काव्या भाभी, रोहन तो अपनी ट्रिप्स में उलझा है, और तेरा ये बदन मेरे लिए तरस रहा है,” विकास ने कहा। उसने काव्या की चोली उतार दी और उसके लहंगे को नीचे खींच दिया। अब काव्या सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी, और उसका गोरा बदन बैंगनी रोशनी में चमक रहा था। “वाह, काव्या, तेरा बदन तो किसी हूर का है। ये मम्मे, ये गांद—सब मेरे लिए बने हैं।”
विकास ने काव्या की ब्रा का हुक खोला, और उसके नंगे मम्मे हवा में उछल पड़े। उसने काव्या के निपल्स को अपनी उंगलियों से मसला और फिर उन्हें अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। उसकी जीभ काव्या के निपल्स पर गोल-गोल घूम रही थी, और वो उन्हें हल्के से काट रहा था। काव्या की साँसें तेज हो गईं, और उसकी चूत गीली होने लगी। “आह, विकास... ये क्या कर रहे हो... मेरी चूत में आग लग रही है,” काव्या ने मोन करते हुए कहा।
“आग तो अभी शुरू हुई है, मेरी रानी,” विकास ने कहा और काव्या की पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी उंगलियाँ काव्या की चूत के होंठों पर नाच रही थीं, और काव्या की चूत से पानी टपकने लगा। “वाह, काव्या, तेरी चूत तो मेरे लंड की भूखी है। बोल, मेरी रंडी बनने को तैयार है?”
काव्या अब पूरी तरह विकास के जादू में थी। उसकी चूत में उठ रही आग उसे बेकरार कर रही थी। “आह्ह... विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... कर डाल जो करना है,” काव्या ने बेशर्मी से कहा। उसने विकास के कुर्ते को खींचकर उतार दिया और उसकी पैंट के ऊपर से उसके लंड को सहलाने लगी। विकास का लंड लोहे की तरह सख्त था, और काव्या की आँखें उसका मोटापन देखकर चमक उठीं।
### सुख-महल का कामुक तांडव
विकास ने काव्या को मखमली गद्दे पर लिटाया। उसने अपनी पैंट उतार दी, और उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो काव्या की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, काव्या, ये लंड प्रिया भाभी और निशा भाभी की चूत और गांद का बादशाह है। अब ये तेरे जिस्म का भोसड़ा बनाएगा,” विकास ने कहा।
काव्या ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूमना शुरू किया। उसने पहले उसकी टोपी को अपनी जीभ से चाटा, फिर धीरे-धीरे उसे अपने मुँह में लिया। विकास के लंड का गर्म, नमकीन स्वाद काव्या के मुँह में घुलने लगा, और वो बड़े मजे से उसे चूसने लगी। विकास ने काव्या के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, काव्या, तू तो प्रिया भाभी से भी मस्त चूसती है। ले, मेरी रंडी, और गहरा ले,” विकास ने कहा।
लेकिन विकास का मन अब एक अनोखा तांडव रचने को था। उसने काव्या को गद्दे से उठाया और उसे टंकी की ठंडी, जंग खाई दीवार से टिकाकर खड़ा किया। उसने काव्या की टाँगें फैलाईं और उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी जीभ काव्या की चूत के होंठों पर नाच रही थी, और वो काव्या की क्लिट को हल्के से चूस रहा था। काव्या सिहर उठी, “आह्ह, विकास... ये क्या जादू है... मेरी चूत पिघल रही है!”
विकास ने काव्या की चूत में अपनी तीन उंगलियाँ डाल दीं और उन्हें तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। उसने अपनी दूसरी उंगली से काव्या की गांद के छेद को सहलाना शुरू किया, जिससे काव्या की साँसें रुक गईं। “आह, विकास... ये क्या कर रहे हो... मेरे जिस्म में आग लग रही है,” काव्या ने चिल्लाते हुए कहा। काव्या की चूत से पानी की धार निकलने लगी, और वो काँपने लगी।
विकास ने काव्या को दीवार से हटाया और उसे गद्दे पर घोड़ी की तरह झुकाया। उसने काव्या की चूत में पीछे से अपना लंड रगड़ा और फिर एक जोरदार धक्के में उसका पूरा लंड काव्या की चूत में घुस गया। काव्या चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... विकास, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” विकास ने काव्या की कमर पकड़कर जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। काव्या के मम्मे हवा में उछल रहे थे, और उसकी चूत विकास के लंड को कसकर जकड़ रही थी। “हाँ, विकास, चोद... और जोर से... मेरी चूत को भोसड़ा बना डाल,” काव्या ने मोन करते हुए कहा।
लेकिन विकास का मन अब एक नया खेल खेलने को था। उसने काव्या को गद्दे पर सीधा लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। उसने काव्या के मम्मों को अपने मुँह में लिया और उन्हें चूसते हुए उसकी चूत में अपना लंड घुसा दिया। उसने काव्या की टाँगें अपने कंधों पर रखीं और इतने गहरे धक्के मारे कि काव्या की चूत के सबसे गहरे कोने तक उसका लंड पहुँच गया। काव्या चिल्लाई, “आह, विकास... मैं झड़ रही हूँ... और जोर से!” काव्या की चूत से पानी की धार निकली, और उसका जिस्म आनंद से काँपने लगा।
विकास ने अब काव्या को गद्दे से उठाया और उसे टंकी के एक कोने में ले गया, जहाँ एक पुरानी लोहे की रेलिंग थी। उसने काव्या को रेलिंग से पकड़ने को कहा और उसकी एक टाँग हवा में उठाई। उसने काव्या की चूत में अपना लंड फिर से घुसा दिया और तेजी से धक्के मारने लगा। उसने काव्या के होंठों को चूमना शुरू किया और उसके मम्मों को कसकर मसला। काव्या की चूत और मुँह दोनों विकास के कब्जे में थे, और वो आनंद से पागल हो रही थी। “आह, विकास... तू कोई जादूगर है... मेरे जिस्म को जला डाल,” काव्या ने मोन करते हुए कहा।
अब विकास ने काव्या की गांद पर नजर डाली। “काव्या, तेरी चूत तो जन्नत है, लेकिन अब ये गांद मेरे लंड की सैर माँग रही है,” विकास ने कहा। काव्या डर गई। “नहीं, विकास, प्लीज... गांद नहीं... मैं मर जाऊँगी,” उसने विनती की।
“अरे, काव्या, प्रिया भाभी ने भी पहले नखरे किए थे, लेकिन मेरे लंड ने उनकी गांद को स्वर्ग बना दिया। तू भी ले, मेरी रानी,” विकास ने काव्या की गांद पर थूक लगाया और अपना लंड धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा। काव्या दर्द से चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... निकाल, विकास... बहुत दर्द हो रहा है!”
“चुप, मेरी रानी, अभी स्वर्ग दिखाऊँगा,” विकास ने काव्या की कमर पकड़कर धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू किया। उसकी उंगलियाँ काव्या की चूत को सहला रही थीं, और धीरे-धीरे काव्या का दर्द मजे में बदलने लगा। “आह, विकास... चोद... और जोर से... मेरी गांद को भी भोसड़ा बना डाल,” काव्या ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने काव्या की गांद को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी गांद में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, काव्या, ये मेरा बच्चा ले। और हाँ, अब तू भी मेरी रंडी बन,” विकास ने कहा। उसने काव्या को सफेद ब्रा-पैंटी का सेट गिफ्ट किया और कहा, “ये मेरी तरफ से तुझ पर इस सुख-महल की रात का तोहफा है। और हाँ, अगली बार अपनी कोई सहेली को भी लाना।”
काव्या निढाल होकर गद्दे पर पड़ी थी। उसका जिस्म पसीने और विकास के पानी से तर था, और उसकी चूत और गांद में आग अभी भी धधक रही थी। उसने कपड़े पहने और चुपके से टंकी से निकल गई। लेकिन उसके मन में विकास के लंड का जादू बस गया था।
### राहुल का दाँव
उधर, विकास को राहुल का फोन आया। “विकास भाई, मैं आज रात तुमसे मिलने दुकान पर आ रहा हूँ। सोनिया ने बताया कि तेरा ‘खास’ बिजनेस बड़ा मस्त है। मैं उसका हिस्सा बनना चाहता हूँ, लेकिन मेरी शर्त है—तुझे मुझे अपनी सारी रानियाँ दिखानी होंगी,” राहुल ने कहा। विकास को शक हुआ। राहुल को उसके जाल का कितना पता था? और सोनिया ने उसे क्या बताया था?
विकास ने हँसकर कहा, “राहुल, तू बड़ा चालाक है। ठीक है, आज रात दुकान पर आ। मैं तुझे अपनी रानियाँ दिखाऊँगा, लेकिन याद रख, मेरे जाल में फँसने के बाद कोई वापस नहीं जाता।” राहुल ने जवाब दिया, “विकास भाई, मैं तुझ से ज्यादा आग लगा सकता हूँ। चल, देखते हैं, कौन जीतता है।”
रात को, विकास अपनी दुकान पर राहुल का इंतजार कर रहा था। सोनिया भी वहाँ थी, उसकी आँखों में एक चमक थी। राहुल जैसे ही दुकान में दाखिल हुआ, उसने विकास को देखकर मुस्कुराया। “विकास भाई, मैंने सुना है कि तू मोहल्ले की हर औरत को अपनी रंडी बना चुका है। लेकिन मैं तुझ से एक सवाल पूछना चाहता हूँ—क्या सोनिया भी तेरी रंडी है?” राहुल ने सीधे तीर चलाया।
विकास का चेहरा लाल हो गया। उसने सोनिया की तरफ देखा, जो चुपके से मुस्कुरा रही थी। “राहुल, तू हद पार कर रहा है। सोनिया मेरी रानी है, लेकिन तू ये जानने की औकात नहीं रखता,” विकास ने गुस्से में कहा।
सोनिया ने बीच में बोलते हुए कहा, “विकास, राहुल को सच बताने में क्या हर्ज है? हाँ, मैं तेरी रंडी थी, लेकिन अब मैं राहुल की हूँ। और राहुल, मैंने तुझे विकास का खेल इसलिए बताया, ताकि तू इसे खत्म कर सके।” विकास को ऐसा लगा जैसे उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।
राहुल ने हँसते हुए कहा, “विकास भाई, तेरा खेल खत्म। मैंने मोहल्ले की औरतों से बात की है—रीता, मंजू, अनीता, राधा, पूजा, शालिनी, रिया, निशा, और प्रिया। सब ने बताया कि तू उन्हें ब्लैकमेल करके अपने जाल में फँसाता है। अब मैं पुलिस को सबूत दूँगा, और तेरा ये सुख-महल जेल में तब्दील हो जाएगा।”
विकास ने गुस्से में राहुल की कॉलर पकड़ ली। “साले, तू मुझे धमकी देगा? ये मोहल्ला मेरा है, और ये औरतें मेरी। तू कुछ नहीं कर सकता!” लेकिन सोनिया ने विकास का हाथ झटक दिया। “विकास, अब बहुत हो गया। तूने मेरी माँ रीता को, मुझे, और मोहल्ले की हर औरत को अपनी रंडी बनाया। अब राहुल के साथ मैं तेरा खेल खत्म करूँगी।”
लेकिन विकास ने हँसते हुए कहा, “सोनिया, तू भूल रही है कि मेरे पास तेरी और तेरी माँ की वीडियो हैं। अगर मैं जेल गया, तो ये वीडियो मोहल्ले में बँट जाएँगी। और राहुल, तू सोचता है कि तू मुझे हरा सकता है? अभी तुझे मेरी आखिरी रानी काव्या से मिलना बाकी है।”
विकास ने काव्या को फोन किया और उसे तुरंत दुकान पर बुलाया। काव्या कुछ ही मिनटों में वहाँ पहुँच गई, उसकी आँखों में विकास के लिए वही आग थी। “विकास, तूने मुझे क्यों बुलाया?” काव्या ने पूछा।
विकास ने हँसकर कहा, “काव्या, ये राहुल मेरे जाल को तोड़ना चाहता है। इसे दिखा कि तू मेरी कितनी वफादार रंडी है।” काव्या ने राहुल की तरफ देखा और मुस्कुराई। “राहुल, विकास का लंड मेरे जिस्म की जान है। तू चाहे जो कर ले, मैं उसकी रानी हूँ।”
राहुल और सोनिया हैरान रह गए। क्या काव्या सचमुच विकास की गुलाम थी, या ये उसकी नई चाल थी? विकास ने राहुल को देखकर कहा, “राहुल, अब तेरा क्या इरादा है? मेरे पास अभी भी मोहल्ले की औरतें हैं, और काव्या मेरी ताकत है। तू पुलिस को बुलाएगा, या मेरे साथ बिजनेस में शामिल होगा?”
सोनिया ने राहुल का हाथ पकड़ा और कहा, “राहुल, हमें अभी रुकना होगा। विकास के पास वीडियो हैं, और अगर वो लीक हुए, तो मोहल्ले की औरतों की इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी।” राहुल ने गुस्से में विकास को देखा और कहा, “विकास, ये खेल अभी खत्म नहीं हुआ। मैं तुझे जरूर हराऊँगा।”
विकास ने हँसते हुए कहा, “राहुल, तू कोशिश कर ले। लेकिन ये मोहल्ला मेरी जन्नत है, और मेरी रानियाँ मेरी ताकत हैं। अगली बारी किसकी होगी, ये मैं तय करूँगा।”
काव्या ने विकास का हाथ पकड़ा और कहा, “विकास, मुझे अपनी अगली सहेली से मिलवाने का मौका दे। मेरी चचेरी बहन माया मोहल्ले में आई है। उसे तेरा सुख-महल दिखा।” विकास की आँखें चमक उठीं। क्या माया उसकी अगली रानी बनेगी, या राहुल और सोनिया उसका खेल खत्म कर देंगे?
क्रमशः...