बेटी की आग माँ की राख --1
कहानी शुरू होती है दिल्ली के एक छोटे से मोहल्ले में, जहाँ रीता और उसकी बेटी सोनिया रहती थीं। रीता, एक 38 साल की औरत, जिसका बदन अभी भी जवानी की आग बरकरार रखता था। उसकी गोरी चमड़ी, कसी हुई कमर, और भारी-भारी मम्मे मोहल्ले के मर्दों की नजरों का केंद्र थे। लेकिन रीता का पति, रमेश, ज्यादातर वक्त काम के सिलसिले में बाहर रहता था, जिससे रीता की रातें अक्सर तन्हा और तड़प भरी होती थीं। सोनिया, उसकी 19 साल की बेटी, अभी-अभी जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी। उसका कच्चा बदन, पतली कमर, और भोले चेहरे के साथ उभरते मम्मे हर किसी को उसकी तरफ खींचते थे।
मोहल्ले में एक नया मेहमान आया था—विकास, 35 साल का एक तेज-तर्रार व्यापारी, जो अंडरगारमेंट्स का बिजनेस करता था। विकास की बातों में जादू था, और उसका मर्दाना बदन और बेशर्मी भरी हंसी औरतों को बेकरार कर देती थी। उसकी दुकान पर रीता अक्सर कपड़े लेने जाती थी, और विकास की नजरें हमेशा रीता के जिस्म को नापती थीं। एक दिन, विकास ने रीता को अपनी दुकान के पीछे वाले कमरे में बुलाया, जहाँ वो नये डिजाइन की ब्रा-पैंटी दिखाने का बहाना बनाता था।
“रीता भाभी, ये देखो, ये नया माल आया है, तुम्हारे लिए एकदम फिट,” विकास ने मुस्कुराते हुए कहा, अपनी काली आँखों में चमक लिए। उसने एक लाल रंग की ब्रा रीता की तरफ बढ़ाई।
रीता ने शरमाते हुए ब्रा को हाथ में लिया, “विकास, ये तो बहुत बोल्ड है, मैं ऐसी कैसे पहनूँ?” उसकी आवाज में हल्की सी हिचक थी, लेकिन आँखों में एक अजीब सी चमक थी।
“अरे भाभी, तुम्हारा ये मस्त बदन ऐसे कपड़ों के लिए ही बना है,” विकास ने रीता की कमर पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसका हाथ धीरे-धीरे रीता की गांद की तरफ सरका, और उसने अपने खड़े लंड को रीता के चूतड़ों पर रगड़ना शुरू किया। “सोनिया को भी तो मैंने ऐसी ही ब्रा दी थी, उसने तो बड़े मजे से पहनी।”
रीता का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। सोनिया का नाम सुनकर उसे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन विकास के मोटे लंड का अहसास उसकी गांद पर होने से उसकी चूत में कुलबुलाहट शुरू हो गई। “सोनिया? उसने कब ली ये?” रीता ने पूछा, उसकी आवाज में थोड़ा गुस्सा और थोड़ी उत्सुकता थी।
“अरे भाभी, वो तो पिछले हफ्ते आई थी। मैंने उसकी फिटिंग भी करवाई। बिल्कुल तुम्हारी तरह मस्त बदन है उसका, बस थोड़ा कच्चा है अभी,” विकास ने हंसते हुए कहा, और अपना लंड अब और जोर से रीता की गांद पर रगड़ा। उसने रीता के मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से सहलाना शुरू किया। “सच बताऊँ, सोनिया तो मेरे हाथों से ब्रा पहनकर बहुत खुश हुई थी। बोल रही थी कि मम्मी को भी बुलाऊँगी।”
रीता को अपनी बेटी की बात सुनकर थोड़ा बुरा लगा, लेकिन विकास के हाथों का जादू उसे बेकरार कर रहा था। उसकी चूत अब गीली होने लगी थी, और वो अपनी गांद को विकास के लंड पर और जोर से दबाने लगी। “विकास, ये सब गलत है... सोनिया अभी छोटी है, और मैं... मैं शादीशुदा हूँ,” रीता ने कमजोर आवाज में कहा, लेकिन उसका जिस्म उसके शब्दों का साथ नहीं दे रहा था।
“अरे भाभी, गलत क्या? ये तो जिस्म की आग है, और मैं तो बस इसे ठंडा करने आया हूँ,” विकास ने रीता के ब्लाउज के बटन खोलते हुए कहा। उसने रीता की ब्रा के ऊपर से उसके निपल्स को मसलना शुरू किया। “सोनिया ने तो मेरे साथ पूरी रात मजे किए थे, भाभी। ट्रेन में उसका जिस्म मसलते हुए मैंने उसे सिखाया कि मर्द का लंड कैसे चूसते हैं। तुम भी तो देखो, मेरा लंड कितना तगड़ा है।”
रीता का दिमाग सुन्न हो गया। उसकी बेटी के साथ विकास ने ऐसा किया? लेकिन उसकी चूत में उठ रही आग उसे कुछ और सोचने नहीं दे रही थी। विकास ने रीता की साड़ी खींचकर नीचे गिरा दी, और उसकी पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। अब रीता सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी, और विकास का लंड उसकी गांद पर जोर-जोर से रगड़ रहा था। “विकास, प्लीज... रमेश आ जाएगा, और सोनिया भी घर पर है,” रीता ने आखिरी कोशिश की, लेकिन उसकी आवाज में अब कोई ताकत नहीं थी।
“अरे भाभी, रमेश तो चार दिन बाद आएगा, और सोनिया? वो तो मेरे साथ मजे ले चुकी है, अब तेरी बारी है,” विकास ने हंसते हुए कहा। उसने रीता की ब्रा का हुक खोल दिया, और उसके नंगे मम्मे उसके सामने उछल पड़े। “वाह, भाभी, क्या मस्त मम्मे हैं तुम्हारे, बिल्कुल सोनिया जैसे, बस थोड़े भारी।” विकास ने रीता के निपल्स को चूसना शुरू किया, और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी गीली चूत को सहलाने लगा।
रीता अब पूरी तरह विकास के हवाले थी। उसकी चूत में उंगली घुसते ही वो सिहर उठी। “आह्ह... विकास, ये गलत है... लेकिन... मुझे चाहिए तेरा लंड,” रीता ने बेशर्म होकर कहा। उसने विकास की पैंट के ऊपर से उसके लंड को पकड़ लिया, और उसका मोटापन महसूस करके उसकी आँखें चमक उठीं।
“हा, भाभी, यही तो चाहिए था,” विकास ने रीता की पैंटी नीचे खींचते हुए कहा। उसने रीता को दुकान के सोफे पर लिटाया और अपनी पैंट उतार दी। उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो रीता की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, भाभी, ये लंड सोनिया की चूत में भी गया था, और अब तेरी चूत का भोसड़ा बनाएगा।”
रीता ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूसना शुरू किया। उसका मुँह लंड से भर गया, और वो बड़े मजे से उसे चूस रही थी। विकास ने रीता के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, साली, तू तो सोनिया से भी मस्त चूसती है। बोल, मेरी रंडी भाभी, तुझे मेरा लंड चाहिए?” विकास ने पूछा।
“हाँ, विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... चोद डाल मुझे,” रीता ने बेशर्मी से कहा। विकास ने रीता की टाँगें फैलाईं और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा। फिर एक जोरदार धक्के में उसका आधा लंड रीता की चूत में घुस गया। रीता चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... आराम से, विकास... फट जाएगी मेरी चूत!”
“साली, अभी तो शुरूआत है,” विकास ने हंसते हुए कहा, और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। रीता के मम्मे उछल रहे थे, और वो विकास को कसकर पकड़कर अपनी चूत चुदवाने लगी। “हाँ, विकास, चोद... और जोर से... मेरी चूत को फाड़ डाल,” रीता ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने रीता को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, भाभी, ये मेरा बच्चा ले, और अपने पति को बोल देना कि ये उसका है,” विकास ने हंसते हुए कहा। रीता निढाल होकर सोफे पर पड़ी थी, उसका जिस्म पसीने से तर और चूत विकास के पानी से गीली थी।
विकास ने रीता को नई ब्रा-पैंटी दीं और कहा, “भाभी, ये गिफ्ट है मेरी तरफ से। और हाँ, सोनिया को बोलना कि अगली बार वो भी आए। मैं तुम माँ-बेटी को हर महीने 50,000 रुपये दूँगा, बस मेरी रंडी बनकर रहो।”
रीता ने कुछ नहीं कहा, बस शरमाते हुए कपड़े पहने और घर चली गई। लेकिन उसकी चूत में अभी भी विकास के लंड की आग जल रही थी।
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बेटी की आग माँ की राख --2
कुछ महीने बाद, विकास का बिजनेस और तेजी से चलने लगा। उसने अब मोहल्ले की दूसरी औरतों को भी अपने जाल में फँसाना शुरू कर दिया। इस बार उसकी नजर थी रीता की सहेली, मंजू, पर। मंजू, 36 साल की एक शादीशुदा औरत, जिसका पति एक सरकारी नौकरी में था और अक्सर घर से बाहर रहता था। मंजू का बदन रीता से भी ज्यादा कसा हुआ था—गोरी चमड़ी, गोल-गोल मम्मे, और टाइट गांद जो साड़ी में और भी उभरती थी। विकास ने मंजू को अपनी दुकान पर बुलाया, ये कहकर कि उसने उसके लिए खास डिजाइन की ब्रा-पैंटी मँगवाई हैं।
“मंजू भाभी, तुम्हारे लिए ये स्पेशल माल लाया हूँ, देखो,” विकास ने एक काली ब्रा मंजू की तरफ बढ़ाई। उसकी आँखें मंजू के जिस्म को नाप रही थीं।
मंजू ने हँसते हुए कहा, “विकास, तू भी ना, हमेशा ऐसी बोल्ड चीजें लाता है। मैं ये कैसे पहनूँ?” लेकिन उसकी हँसी में एक छुपी हुई उत्सुकता थी।
“अरे भाभी, तुम्हारा ये मस्त बदन तो ऐसी चीजों के लिए ही बना है,” विकास ने मंजू की कमर पर हाथ रखते हुए कहा। उसने मंजू को दुकान के पीछे वाले कमरे में ले जाकर दरवाजा बंद कर दिया। “रीता भाभी ने तो मेरे हाथों से ब्रा-पैंटी पहनकर बहुत मजे लिए थे। बोलो, तुम भी ट्राई करोगी?”
मंजू का चेहरा लाल हो गया। “रीता ने ऐसा किया? विकास, ये सब गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और तू मुझे भाभी बोलता है,” मंजू ने कहा, लेकिन उसकी आवाज में कमजोरी थी।
विकास ने मंजू की साड़ी के पल्लू को हल्के से खींचा और उसकी कमर पर अपना लंड रगड़ना शुरू किया। “भाभी, ये भाई-भाभी का रिश्ता तो बस नाम का है। असली रिश्ता तो जिस्म से जिस्म का होता है,” विकास ने कहा, और मंजू के ब्लाउज के बटन खोलने लगा। उसने मंजू की ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को मसलना शुरू किया। “देख, मंजू भाभी, तेरा ये बदन तो रीता से भी मस्त है। तेरे पति को तो हर रात मजा आता होगा ना?”
मंजू की साँसें तेज हो गईं। विकास का मोटा लंड उसकी गांद पर रगड़ रहा था, और उसकी चूत में आग लगने लगी थी। “विकास, प्लीज... ये गलत है... मेरा पति... और लोग देख लेंगे,” मंजू ने कमजोर आवाज में कहा।
“अरे भाभी, कौन देखेगा? और तेरा पति तो बाहर है। चल, मेरे सामने अपनी ब्रा-पैंटी उतार, मैं तुझे नई फिटिंग करवाता हूँ,” विकास ने मंजू की साड़ी पूरी तरह खींचकर नीचे गिरा दी। उसने मंजू की पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, और अब मंजू सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।
मंजू की चूत गीली हो चुकी थी। विकास ने उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाना शुरू किया। “वाह, मंजू भाभी, तेरी चूत तो पहले से गीली है। बोल, मेरे लंड की प्यासी है ना तू?” विकास ने पूछा, और अपनी पैंट उतार दी। उसका मोटा, काला लंड मंजू के सामने लहरा रहा था।
मंजू ने विकास का लंड देखकर अपनी आँखें बंद कर लीं, लेकिन उसका जिस्म बेकरार था। “विकास, प्लीज... मुझे शर्म आ रही है... मैंने कभी अपने पति के अलावा किसी को नहीं देखा,” मंजू ने कहा, लेकिन उसने विकास का लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी।
“शर्माना छोड़, मेरी रंडी भाभी,” विकास ने मंजू की ब्रा खींचकर फाड़ दी। उसने मंजू के निपल्स को चूसना शुरू किया और उसकी पैंटी नीचे खींच दी। “देख, तेरी चूत तो मेरे लंड के लिए तरस रही है। बोल, चुदवाएगी मुझसे?”
मंजू अब पूरी तरह बेशर्म हो चुकी थी। “हाँ, विकास, चोद डाल मुझे... मुझे चाहिए तेरा लंड,” मंजू ने मोन करते हुए कहा। विकास ने मंजू को कमरे के बेड पर लिटाया और उसकी टाँगें फैलाईं। उसने अपना लंड मंजू की चूत पर रगड़ा और फिर एक जोरदार धक्के में पूरा लंड अंदर घुसा दिया।
“आह्ह, माआआ... विकास, आराम से... फट जाएगी मेरी चूत,” मंजू चिल्लाई।
“साली, अभी तो तेरी चूत का भोसड़ा बनाना है,” विकास ने हंसते हुए कहा, और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। मंजू के मम्मे उछल रहे थे, और वो विकास को कसकर पकड़कर अपनी चूत चुदवाने लगी। “हाँ, विकास, चोद... और जोर से... मेरी चूत को फाड़ डाल,” मंजू ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने मंजू को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, मंजू भाभी, ये मेरा बच्चा ले। और हाँ, रीता और सोनिया की तरह तू भी मेरी रंडी बन,” विकास ने कहा। उसने मंजू को नई ब्रा-पैंटी दीं और कहा, “ये गिफ्ट है मेरी तरफ से। और हाँ, अगली बार अपनी कोई सहेली को भी लाना।”
मंजू निढाल होकर बेड पर पड़ी थी। उसका जिस्म पसीने से तर और चूत विकास के पानी से गीली थी। उसने कपड़े पहने और शरमाते हुए घर चली गई। लेकिन उसकी चूत में विकास के लंड की आग अभी भी जल रही थी। विकास ने मन में सोचा, “ये मोहल्ला तो मेरे लिए जन्नत है। रीता, सोनिया, और अब मंजू... अगली बारी किसकी होगी?”
क्रमशः...
बेटी की आग माँ की राख --3
गतांक से आगे……………………….
विकास का जादू अब पूरे मोहल्ले में फैल चुका था। उसकी दुकान न सिर्फ अंडरगारमेंट्स के लिए मशहूर थी, बल्कि उसकी चिकनी बातें और मर्दाना अंदाज मोहल्ले की औरतों को बेकरार कर रहा था। रीता और मंजू तो पहले ही उसकी रंडी बन चुकी थीं, और सोनिया की जवानी भी विकास के लंड की प्यासी थी। लेकिन विकास का दिल अब नई शिकार की तलाश में था। इस बार उसकी नजर पड़ी अनीता पर, जो मंजू की छोटी बहन थी।
अनीता, 32 साल की एक शादीशुदा औरत, अपने पति संजय के साथ मोहल्ले में रहती थी। उसका बदन मंजू से भी ज्यादा कातिल था—गोरी चमड़ी, पतली कमर, भरे हुए मम्मे, और गोल-गोल चूतड़ जो साड़ी में लहराते थे। अनीता का पति संजय एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था और अक्सर रात को देर से घर लौटता था। अनीता की शादी को 8 साल हो चुके थे, लेकिन उसकी चूत में अभी भी जवानी की आग बरकरार थी। मंजू ने एक दिन अनीता को विकास की दुकान का जिक्र किया, “अनीता, तू विकास की दुकान पर जा, वहाँ ऐसी ब्रा-पैंटी मिलती हैं जो तेरा जिस्म और खिल उठेगा।”
अनीता ने हँसते हुए कहा, “दीदी, तुम भी ना, मुझे ऐसी चीजों की क्या जरूरत? संजय तो वैसे भी मेरे कपड़ों पर ध्यान नहीं देता।” लेकिन मंजू की बातों में कुछ ऐसा था कि अनीता का मन कुलबुलाने लगा। उसने सोचा, “चलकर देख ही आती हूँ, क्या माल है इस विकास के पास।”
एक दोपहर, अनीता विकास की दुकान पर पहुँची। दुकान में कोई और नहीं था, और विकास अकेला काउंटर पर बैठा था। उसने अनीता को देखते ही मुस्कुरा दिया। “अरे, अनीता भाभी, आओ-आओ, मंजू भाभी ने बताया था कि तुम आओगी,” विकास ने चिकनी आवाज में कहा, उसकी आँखें अनीता के जिस्म को नाप रही थीं।
“हाँ, मंजू दीदी ने कहा था कि तुम्हारे पास अच्छा माल है,” अनीता ने शरमाते हुए कहा। उसने एक नीली साड़ी पहनी थी, जो उसके कसे हुए बदन को और उभार रही थी।
“भाभी, तुम्हारे लिए तो मैंने स्पेशल माल रखा है,” विकास ने कहा और अनीता को दुकान के पीछे वाले कमरे में ले गया। उसने दरवाजा बंद किया और एक काली ब्रा-पैंटी का सेट अनीता की तरफ बढ़ाया। “ये देखो, ये तुम्हारे मस्त बदन पर एकदम फिट बैठेगा।”
अनीता ने ब्रा को हाथ में लिया, लेकिन उसकी बोल्ड डिजाइन देखकर उसका चेहरा लाल हो गया। “विकास, ये तो बहुत खुला हुआ है... मैं ऐसी कैसे पहनूँ?” उसने हिचकते हुए कहा।
“अरे भाभी, तुम्हारा ये कातिल जिस्म तो ऐसे कपड़ों के लिए ही बना है,” विकास ने अनीता की कमर पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसने अनीता को अपनी तरफ खींचा और अपना खड़ा लंड उसकी गांद पर रगड़ना शुरू किया। “मंजू भाभी ने तो मेरे हाथों से ब्रा-पैंटी पहनकर बहुत मजे लिए थे। और हाँ, रीता भाभी और सोनिया भी मेरी फैन हैं।”
अनीता का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मंजू, रीता, और सोनिया का नाम सुनकर उसे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन विकास के मोटे लंड का अहसास उसकी गांद पर होने से उसकी चूत में आग सी लग गई। “विकास, ये सब क्या बोल रहे हो? मंजू दीदी और रीता भाभी ने ऐसा किया?” अनीता ने पूछा, उसकी आवाज में उत्सुकता थी।
“हाँ, भाभी, और सोनिया ने तो मेरे साथ ट्रेन में पूरी रात मजे किए,” विकास ने हंसते हुए कहा। उसने अनीता की साड़ी का पल्लू खींचना शुरू किया और उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा। “सोनिया की चूत में मेरा लंड ऐसा घुसा था कि वो चिल्ला रही थी। और रीता भाभी? उनकी चूत तो मेरे लंड की दीवानी है। अब तेरी बारी है, अनीता भाभी।”
अनीता का दिमाग सुन्न हो गया। उसकी बहन मंजू और पड़ोसन रीता ने विकास के साथ ऐसा किया? और सोनिया, जो इतनी जवान थी? लेकिन विकास के हाथ अब उसके मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से मसल रहे थे, और उसकी चूत गीली होने लगी थी। “विकास, ये गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और संजय... वो घर आ जाएगा,” अनीता ने कमजोर आवाज में कहा।
“अरे भाभी, संजय तो रात को 10 बजे से पहले नहीं आता। और ये गलत-वगलत छोड़ो, ये तो जिस्म की प्यास है,” विकास ने अनीता की साड़ी पूरी तरह खींचकर नीचे गिरा दी। उसने अनीता की पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, और अब अनीता सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। “वाह, भाभी, क्या मस्त मम्मे हैं तुम्हारे, और ये गांद? एकदम टाइट और गोल।”
विकास ने अनीता की ब्रा का हुक खोल दिया, और उसके नंगे मम्मे उसके सामने उछल पड़े। उसने अनीता के निपल्स को चूसना शुरू किया और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी गीली चूत को सहलाने लगा। “आह, भाभी, तेरी चूत तो पहले से रसीली है। बोल, मेरे लंड की प्यासी है ना तू?” विकास ने पूछा।
अनीता अब पूरी तरह विकास के हवाले थी। उसकी चूत में उंगली घुसते ही वो सिहर उठी। “आह्ह... विकास, ये गलत है... लेकिन... मुझे चाहिए तेरा लंड,” अनीता ने बेशर्म होकर कहा। उसने विकास की पैंट के ऊपर से उसके लंड को पकड़ लिया, और उसका मोटापन महसूस करके उसकी आँखें चमक उठीं।
“हा, भाभी, यही तो चाहिए था,” विकास ने अनीता की पैंटी नीचे खींचते हुए कहा। उसने अनीता को कमरे के सोफे पर लिटाया और अपनी पैंट उतार दी। उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो अनीता की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, भाभी, ये लंड मंजू भाभी और रीता भाभी की चूत में भी गया था, और अब तेरी चूत का भोसड़ा बनाएगा।”
अनीता ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूसना शुरू किया। उसका मुँह लंड से भर गया, और वो बड़े मजे से उसे चूस रही थी। विकास ने अनीता के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, साली, तू तो मंजू भाभी से भी मस्त चूसती है। बोल, मेरी रंडी भाभी, तुझे मेरा लंड चाहिए?” विकास ने पूछा।
“हाँ, विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... चोद डाल मुझे,” अनीता ने बेशर्मी से कहा। विकास ने अनीता की टाँगें फैलाईं और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा। फिर एक जोरदार धक्के में उसका आधा लंड अनीता की चूत में घुस गया। अनीता चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... आराम से, विकास... फट जाएगी मेरी चूत!”
“साली, अभी तो शुरूआत है,” विकास ने हंसते हुए कहा, और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। अनीता के मम्मे उछल रहे थे, और वो विकास को कसकर पकड़कर अपनी चूत चुदवाने लगी। “हाँ, विकास, चोद... और जोर से... मेरी चूत को फाड़ डाल,” अनीता ने मोन करते हुए कहा।
लेकिन विकास का मन अब और कुछ करने को था। उसने अनीता को उल्टा किया और उसकी गांद पर अपना लंड रगड़ना शुरू किया। “भाभी, तेरी चूत तो मस्त है, लेकिन ये गांद? इसे तो आज मैं फाड़ डालूँगा,” विकास ने कहा।
अनीता डर गई। “नहीं, विकास, प्लीज... गांद नहीं... बहुत दर्द होगा,” उसने विनती की।
“अरे, भाभी, मंजू भाभी ने भी पहले नखरे किए थे, लेकिन मेरे लंड ने उसकी गांद का भोसड़ा बना दिया। तू भी ले, मेरी रंडी भाभी,” विकास ने अनीता की गांद पर थूक लगाया और अपना लंड धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा। अनीता दर्द से चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... निकाल, विकास... बहुत दर्द हो रहा है!”
“चुप, साली, अभी मजा आएगा,” विकास ने अनीता की कमर पकड़कर जोर से धक्का मारा, और उसका पूरा लंड अनीता की गांद में घुस गया। अनीता की आँखों में आँसू आ गए, लेकिन विकास ने कोई रहम नहीं किया। वो जोर-जोर से अनीता की गांद चोदने लगा। “ले, भाभी, ये ले मेरे लंड का मजा। तेरी गांद तो मंजू भाभी से भी टाइट है।”
अनीता दर्द से तड़प रही थी, लेकिन धीरे-धीरे उसका दर्द मजे में बदलने लगा। वो अपनी गांद को विकास के लंड पर दबाने लगी। “आह, विकास... चोद... और जोर से... मेरी गांद फाड़ डाल,” अनीता ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने अनीता की गांद को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी गांद में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, भाभी, ये मेरा बच्चा ले। और हाँ, अब तू भी मेरी रंडी बन,” विकास ने कहा। उसने अनीता को नई ब्रा-पैंटी दीं और कहा, “ये गिफ्ट है मेरी तरफ से। और हाँ, अगली बार अपनी कोई सहेली को भी लाना।”
अनीता निढाल होकर सोफे पर पड़ी थी। उसका जिस्म पसीने से तर और गांद विकास के पानी से गीली थी। उसने कपड़े पहने और शरमाते हुए घर चली गई। लेकिन उसकी चूत और गांद में विकास के लंड की आग अभी भी जल रही थी।
घर पहुँचकर अनीता ने मंजू को फोन किया। “दीदी, तुमने सही कहा था... विकास का माल तो लाजवाब है,” अनीता ने हँसते हुए कहा। मंजू ने जवाब दिया, “हाँ, बहन, उसका माल तो हर औरत की चूत में आग लगा देता है। अब तू भी उसकी रंडी बन गई ना?”
अनीता ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी। लेकिन उसके मन में एक सवाल था—क्या वो विकास को अपनी सहेली राधा से मिलवाए? विकास का लंड उसकी चूत और गांद को शांत कर चुका था, लेकिन उसकी प्यास अभी भी बरकरार थी।
विकास ने मन में सोचा, “ये मोहल्ला तो मेरे लिए सोने की खान है। रीता, सोनिया, मंजू, और अब अनीता... अगली बारी राधा की होगी।” उसने अपनी दुकान बंद की और अगले शिकार की तलाश में निकल पड़ा।
क्रमशः...
बेटी की आग माँ की राख --4
गतांक से आगे……………………….
विकास का जाल अब दिल्ली के इस छोटे से मोहल्ले में पूरी तरह फैल चुका था। उसकी दुकान अब सिर्फ अंडरगारमेंट्स की दुकान नहीं थी, बल्कि एक ऐसी जगह बन चुकी थी जहाँ मोहल्ले की औरतें अपनी जिस्मानी प्यास बुझाने आती थीं। रीता, सोनिया, मंजू, और अनीता तो पहले ही विकास के लंड की दीवानी बन चुकी थीं। लेकिन विकास का मन अभी भरा नहीं था। उसकी नजर अब राधा पर थी, जो अनीता की सबसे करीबी सहेली थी।
राधा, 30 साल की एक जवान औरत, अपने पति अजय के साथ मोहल्ले में रहती थी। उसका बदन एकदम कातिल था—दूध सी गोरी चमड़ी, कसी हुई कमर, भरे हुए मम्मे, और गोल-गोल चूतड़ जो सलवार-कमीज में और भी उभरते थे। राधा की शादी को सिर्फ 5 साल हुए थे, और उसकी जवानी अभी पूरी तरह चरम पर थी। अजय एक बिजनेसमैन था, जो अक्सर शहर से बाहर रहता था, और राधा की रातें तन्हा और तड़प भरी होती थीं। अनीता ने एक दिन राधा को विकास की दुकान का जिक्र किया, “राधा, तू विकास की दुकान पर जा, वहाँ ऐसी ब्रा-पैंटी मिलती हैं जो तेरे जिस्म को और भी हसीन बना देंगी।”
राधा ने हँसते हुए कहा, “अनीता, तू भी ना, मुझे ऐसी चीजों की क्या जरूरत? अजय को तो मेरे कपड़े पसंद ही हैं।” लेकिन अनीता की आँखों में एक चमक थी, और उसकी बातों में कुछ ऐसा था कि राधा का मन कुलबुलाने लगा। उसने सोचा, “चलकर देख ही लेती हूँ, क्या जादू है इस विकास में।”
एक शाम, राधा विकास की दुकान पर पहुँची। दुकान में कोई और नहीं था, और विकास अकेला काउंटर पर बैठा था। उसने राधा को देखते ही अपनी चिर-परिचित मुस्कान बिखेरी। “अरे, राधा भाभी, आओ-आओ, अनीता भाभी ने बताया था कि तुम आओगी,” विकास ने चिकनी आवाज में कहा, उसकी आँखें राधा के जिस्म को नाप रही थीं।
“हाँ, अनीता ने कहा था कि तुम्हारे पास अच्छा माल है,” राधा ने शरमाते हुए कहा। उसने एक हरी सलवार-कमीज पहनी थी, जो उसके कसे हुए बदन को और उभार रही थी।
“भाभी, तुम्हारे लिए तो मैंने खास माल रखा है,” विकास ने कहा और राधा को दुकान के पीछे वाले कमरे में ले गया। उसने दरवाजा बंद किया और एक लाल रंग की ब्रा-पैंटी का सेट राधा की तरफ बढ़ाया। “ये देखो, ये तुम्हारे मस्त बदन पर एकदम फिट बैठेगा।”
राधा ने ब्रा को हाथ में लिया, लेकिन उसकी बोल्ड डिजाइन देखकर उसका चेहरा लाल हो गया। “विकास, ये तो बहुत खुला हुआ है... मैं ऐसी कैसे पहनूँ?” उसने हिचकते हुए कहा।
“अरे भाभी, तुम्हारा ये कातिल जिस्म तो ऐसे कपड़ों के लिए ही बना है,” विकास ने राधा की कमर पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसने राधा को अपनी तरफ खींचा और अपना खड़ा लंड उसकी गांद पर रगड़ना शुरू किया। “अनीता भाभी ने तो मेरे हाथों से ब्रा-पैंटी पहनकर बहुत मजे लिए थे। और हाँ, रीता भाभी, सोनिया, और मंजू भाभी भी मेरी फैन हैं।”
राधा का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। अनीता, मंजू, रीता, और सोनिया का नाम सुनकर उसे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन विकास के मोटे लंड का अहसास उसकी गांद पर होने से उसकी चूत में आग सी लग गई। “विकास, ये सब क्या बोल रहे हो? अनीता और मंजू ने ऐसा किया?” राधा ने पूछा, उसकी आवाज में उत्सुकता थी।
“हाँ, भाभी, और सोनिया ने तो मेरे साथ ट्रेन में पूरी रात मजे किए,” विकास ने हंसते हुए कहा। उसने राधा की कमीज का दुपट्टा खींचना शुरू किया और उसके कुरते के बटन खोलने लगा। “सोनिया की चूत में मेरा लंड ऐसा घुसा था कि वो चिल्ला रही थी। और अनीता भाभी? उनकी गांद तो मेरे लंड की दीवानी है। अब तेरी बारी है, राधा भाभी।”
राधा का दिमाग सुन्न हो गया। उसकी सहेली अनीता और दूसरी औरतें विकास के साथ ऐसा कर चुकी थीं? लेकिन विकास के हाथ अब उसके मम्मों को कुरते के ऊपर से मसल रहे थे, और उसकी चूत गीली होने लगी थी। “विकास, ये गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और अजय... वो घर आ जाएगा,” राधा ने कमजोर आवाज में कहा।
“अरे भाभी, अजय तो रात को 11 बजे से पहले नहीं आता। और ये गलत-वगलत छोड़ो, ये तो जिस्म की प्यास है,” विकास ने राधा की कमीज पूरी तरह खींचकर नीचे गिरा दी। उसने राधा की सलवार का नाड़ा खोल दिया, और अब राधा सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। “वाह, भाभी, क्या मस्त मम्मे हैं तुम्हारे, और ये गांद? एकदम टाइट और गोल।”
विकास ने राधा की ब्रा का हुक खोल दिया, और उसके नंगे मम्मे उसके सामने उछल पड़े। उसने राधा के निपल्स को चूसना शुरू किया और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी गीली चूत को सहलाने लगा। “आह, भाभी, तेरी चूत तो पहले से रसीली है। बोल, मेरे लंड की प्यासी है ना तू?” विकास ने पूछा।
राधा अब पूरी तरह विकास के हवाले थी। उसकी चूत में उंगली घुसते ही वो सिहर उठी। “आह्ह... विकास, ये गलत है... लेकिन... मुझे चाहिए तेरा लंड,” राधा ने बेशर्म होकर कहा। उसने विकास की पैंट के ऊपर से उसके लंड को पकड़ लिया, और उसका मोटापन महसूस करके उसकी आँखें चमक उठीं।
“हा, भाभी, यही तो चाहिए था,” विकास ने राधा की पैंटी नीचे खींचते हुए कहा। उसने राधा को कमरे के बेड पर लिटाया और अपनी पैंट उतार दी। उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो राधा की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, भाभी, ये लंड अनीता भाभी और मंजू भाभी की चूत और गांद में भी गया था, और अब तेरी चूत का भोसड़ा बनाएगा।”
राधा ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूसना शुरू किया। उसका मुँह लंड से भर गया, और वो बड़े मजे से उसे चूस रही थी। विकास ने राधा के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, साली, तू तो अनीता भाभी से भी मस्त चूसती है। बोल, मेरी रंडी भाभी, तुझे मेरा लंड चाहिए?” विकास ने पूछा।
“हाँ, विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... चोद डाल मुझे,” राधा ने बेशर्मी से कहा। लेकिन विकास का मन अब कुछ और करने को था। उसने राधा को उल्टा किया और उसकी गांद पर अपना लंड रगड़ना शुरू किया। “भाभी, तेरी चूत तो मस्त है, लेकिन ये गांद? इसे तो आज मैं फाड़ डालूँगा,” विकास ने कहा।
राधा डर गई। “नहीं, विकास, प्लीज... गांद नहीं... बहुत दर्द होगा,” उसने विनती की।
“अरे, भाभी, अनीता भाभी ने भी पहले नखरे किए थे, लेकिन मेरे लंड ने उसकी गांद का भोसड़ा बना दिया। तू भी ले, मेरी रंडी भाभी,” विकास ने राधा की गांद पर थूक लगाया और अपना लंड धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा। राधा दर्द से चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... निकाल, विकास... बहुत दर्द हो रहा है!”
“चुप, साली, अभी मजा आएगा,” विकास ने राधा की कमर पकड़कर जोर से धक्का मारा, और उसका पूरा लंड राधा की गांद में घुस गया। राधा की आँखों में आँसू आ गए, लेकिन विकास ने कोई रहम नहीं किया। वो जोर-जोर से राधा की गांद चोदने लगा। “ले, भाभी, ये ले मेरे लंड का मजा। तेरी गांद तो अनीता भाभी से भी टाइट है।”
राधा दर्द से तड़प रही थी, लेकिन धीरे-धीरे उसका दर्द मजे में बदलने लगा। वो अपनी गांद को विकास के लंड पर दबाने लगी। “आह, विकास... चोद... और जोर से... मेरी गांद फाड़ डाल,” राधा ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने राधा की गांद को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी गांद में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, भाभी, ये मेरा बच्चा ले। और हाँ, अब तू भी मेरी रंडी बन,” विकास ने कहा। उसने राधा को नई ब्रा-पैंटी दीं और कहा, “ये गिफ्ट है मेरी तरफ से। और हाँ, अगली बार अपनी कोई रिश्तेदार को भी लाना।”
राधा निढाल होकर बेड पर पड़ी थी। उसका जिस्म पसीने से तर और गांद विकास के पानी से गीली थी। उसने कपड़े पहने और शरमाते हुए घर चली गई। लेकिन उसकी चूत और गांद में विकास के लंड की आग अभी भी जल रही थी।
घर पहुँचकर राधा ने अनीता को फोन किया। “अनीता, तूने सही कहा था... विकास का माल तो लाजवाब है,” राधा ने हँसते हुए कहा। अनीता ने जवाब दिया, “हाँ, राधा, उसका लंड तो हर औरत की चूत और गांद में आग लगा देता है। अब तू भी उसकी रंडी बन गई ना?”
राधा ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी। लेकिन उसके मन में एक नया ख्याल था—विकास को अपनी चचेरी बहन पूजा से मिलवाने का। पूजा, 28 साल की एक जवान औरत, हाल ही में मोहल्ले में अपने पति के साथ रहने आई थी। राधा सोचने लगी कि अगर विकास पूजा को भी अपने जाल में फँसा ले, तो क्या मजा आएगा।
विकास ने मन में सोचा, “ये मोहल्ला तो मेरे लिए जन्नत की सैर है। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, और अब राधा... अगली बारी पूजा की होगी।” उसने अपनी दुकान बंद की और अगले शिकार की तलाश में निकल पड़ा। लेकिन इस बार उसे एक नई चुनौती का सामना करना था—सोनिया ने विकास को फोन करके बताया कि उसका एक नया दोस्त, राहुल, उससे मिलना चाहता है। विकास को शक हुआ कि कहीं सोनिया उसका खेल बिगाड़ने की कोशिश तो नहीं कर रही?
क्रमशः...
बेटी की आग माँ की राख --5
गतांक से आगे……………………….
विकास का राज अब दिल्ली के इस मोहल्ले में पूरी तरह कायम हो चुका था। उसकी दुकान और उसका मर्दाना जादू मोहल्ले की औरतों के दिल और जिस्म पर छा गया था। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, और राधा—सब उसकी रंडी बन चुकी थीं, और हर एक की चूत और गांद में विकास के लंड की आग जल रही थी। लेकिन विकास का मन अभी भी भूखा था। राधा ने उसे अपनी चचेरी बहन पूजा का जिक्र किया था, और विकास की आँखों में नई शिकार की चमक थी। साथ ही, सोनिया का फोन और राहुल का नाम सुनकर विकास को थोड़ा शक हुआ। क्या सोनिया उसका खेल बिगाड़ने की कोशिश कर रही थी?
पूजा, 28 साल की एक ताजा-ताजा शादीशुदा औरत, अपने पति मनीष के साथ हाल ही में मोहल्ले में आई थी। उसका बदन किसी अप्सरा से कम नहीं था—सांवली चमकदार चमड़ी, पतली कमर, उभरे हुए मम्मे, और गोल-गोल चूतड़ जो साड़ी में लहराते थे। पूजा की शादी को सिर्फ दो साल हुए थे, और उसकी जवानी अपनी चरम सीमा पर थी। मनीष एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, जो अक्सर विदेशी प्रोजेक्ट्स के लिए बाहर रहता था। पूजा की रातें अकेली और तड़प भरी होती थीं। राधा ने एक दिन पूजा को विकास की दुकान का जिक्र किया, “पूजा, तू विकास की दुकान पर जा, वहाँ ऐसी ब्रा-पैंटी मिलती हैं जो तेरे जिस्म को और भी कातिल बना देंगी।”
पूजा ने हँसते हुए कहा, “राधा दी, तू भी ना, मुझे ऐसी चीजों की क्या जरूरत? मनीष को तो मेरे कपड़े वैसे भी पसंद हैं।” लेकिन राधा की बातों में एक अजीब सी चमक थी, और पूजा का मन कुलबुलाने लगा। उसने सोचा, “चलकर देख ही लेती हूँ, ये विकास क्या बला है।”
एक दोपहर, पूजा विकास की दुकान पर पहुँची। दुकान में कोई और नहीं था, और विकास अकेला काउंटर पर बैठा था। उसने पूजा को देखते ही अपनी चिर-परिचित मुस्कान बिखेरी। “अरे, पूजा भाभी, आओ-आओ, राधा भाभी ने बताया था कि तुम आओगी,” विकास ने चिकनी आवाज में कहा, उसकी आँखें पूजा के जिस्म को नाप रही थीं।
“हाँ, राधा दी ने कहा था कि तुम्हारे पास अच्छा माल है,” पूजा ने शरमाते हुए कहा। उसने एक गुलाबी साड़ी पहनी थी, जो उसके सांवले बदन को और उभार रही थी।
“भाभी, तुम्हारे लिए तो मैंने स्पेशल माल रखा है,” विकास ने कहा और पूजा को दुकान के पीछे वाले कमरे में ले गया। उसने दरवाजा बंद किया और एक काली ब्रा-पैंटी का सेट पूजा की तरफ बढ़ाया। “ये देखो, ये तुम्हारे मस्त बदन पर एकदम फिट बैठेगा।”
पूजा ने ब्रा को हाथ में लिया, लेकिन उसकी बोल्ड डिजाइन देखकर उसका चेहरा लाल हो गया। “विकास, ये तो बहुत खुला हुआ है... मैं ऐसी कैसे पहनूँ?” उसने हिचकते हुए कहा।
“अरे भाभी, तुम्हारा ये कातिल जिस्म तो ऐसे कपड़ों के लिए ही बना है,” विकास ने पूजा की कमर पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसने पूजा को अपनी तरफ खींचा और अपना खड़ा लंड उसकी गांद पर रगड़ना शुरू किया। “राधा भाभी ने तो मेरे हाथों से ब्रा-पैंटी पहनकर बहुत मजे लिए थे। और हाँ, रीता भाभी, सोनिया, मंजू भाभी, और अनीता भाभी भी मेरी फैन हैं।”
पूजा का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। राधा, अनीता, मंजू, रीता, और सोनिया का नाम सुनकर उसे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन विकास के मोटे लंड का अहसास उसकी गांद पर होने से उसकी चूत में आग सी लग गई। “विकास, ये सब क्या बोल रहे हो? राधा दी और अनीता ने ऐसा किया?” पूजा ने पूछा, उसकी आवाज में उत्सुकता थी।
“हाँ, भाभी, और सोनिया ने तो मेरे साथ ट्रेन में पूरी रात मजे किए,” विकास ने हंसते हुए कहा। उसने पूजा की साड़ी का पल्लू खींचना शुरू किया और उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा। “सोनिया की चूत में मेरा लंड ऐसा घुसा था कि वो चिल्ला रही थी। और राधा भाभी? उनकी गांद तो मेरे लंड की दीवानी है। अब तेरी बारी है, पूजा भाभी।”
पूजा का दिमाग सुन्न हो गया। उसकी चचेरी बहन राधा और सहेली अनीता ने विकास के साथ ऐसा किया? और सोनिया, जो इतनी जवान थी? लेकिन विकास के हाथ अब उसके मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से मसल रहे थे, और उसकी चूत गीली होने लगी थी। “विकास, ये गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और मनीष... वो घर आ जाएगा,” पूजा ने कमजोर आवाज में कहा।
“अरे भाभी, मनीष तो विदेश में है, और ये गलत-वगलत छोड़ो, ये तो जिस्म की प्यास है,” विकास ने पूजा की साड़ी पूरी तरह खींचकर नीचे गिरा दी। उसने पूजा की पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, और अब पूजा सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। “वाह, भाभी, क्या मस्त मम्मे हैं तुम्हारे, और ये गांद? एकदम टाइट और गोल।”
विकास ने पूजा की ब्रा का हुक खोल दिया, और उसके नंगे मम्मे उसके सामने उछल पड़े। उसने पूजा के निपल्स को चूसना शुरू किया और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी गीली चूत को सहलाने लगा। “आह, भाभी, तेरी चूत तो पहले से रसीली है। बोल, मेरे लंड की प्यासी है ना तू?” विकास ने पूछा।
पूजा अब पूरी तरह विकास के हवाले थी। उसकी चूत में उंगली घुसते ही वो सिहर उठी। “आह्ह... विकास, ये गलत है... लेकिन... मुझे चाहिए तेरा लंड,” पूजा ने बेशर्म होकर कहा। उसने विकास की पैंट के ऊपर से उसके लंड को पकड़ लिया, और उसका मोटापन महसूस करके उसकी आँखें चमक उठीं।
“हा, भाभी, यही तो चाहिए था,” विकास ने पूजा की पैंटी नीचे खींचते हुए कहा। उसने पूजा को कमरे के बेड पर लिटाया और अपनी पैंट उतार दी। उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो पूजा की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, भाभी, ये लंड राधा भाभी और अनीता भाभी की चूत और गांद में भी गया था, और अब तेरी चूत का भोसड़ा बनाएगा।”
पूजा ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूसना शुरू किया। उसका मुँह लंड से भर गया, और वो बड़े मजे से उसे चूस रही थी। विकास ने पूजा के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, साली, तू तो राधा भाभी से भी मस्त चूसती है। बोल, मेरी रंडी भाभी, तुझे मेरा लंड चाहिए?” विकास ने पूछा।
“हाँ, विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... चोद डाल मुझे,” पूजा ने बेशर्मी से कहा। लेकिन विकास का मन अब कुछ और करने को था। उसने पूजा को उल्टा किया और उसकी गांद पर अपना लंड रगड़ना शुरू किया। “भाभी, तेरी चूत तो मस्त है, लेकिन ये गांद? इसे तो आज मैं फाड़ डालूँगा,” विकास ने कहा।
पूजा डर गई। “नहीं, विकास, प्लीज... गांद नहीं... बहुत दर्द होगा,” उसने विनती की।
“अरे, भाभी, राधा भाभी ने भी पहले नखरे किए थे, लेकिन मेरे लंड ने उसकी गांद का भोसड़ा बना दिया। तू भी ले, मेरी रंडी भाभी,” विकास ने पूजा की गांद पर थूक लगाया और अपना लंड धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा। पूजा दर्द से चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... निकाल, विकास... बहुत दर्द हो रहा है!”
“चुप, साली, अभी मजा आएगा,” विकास ने पूजा की कमर पकड़कर जोर से धक्का मारा, और उसका पूरा लंड पूजा की गांद में घुस गया। पूजा की आँखों में आँसू आ गए, लेकिन विकास ने कोई रहम नहीं किया। वो जोर-जोर से पूजा की गांद चोदने लगा। “ले, भाभी, ये ले मेरे लंड का मजा। तेरी गांद तो राधा भाभी से भी टाइट है।”
पूजा दर्द से तड़प रही थी, लेकिन धीरे-धीरे उसका दर्द मजे में बदलने लगा। वो अपनी गांद को विकास के लंड पर दबाने लगी। “आह, विकास... चोद... और जोर से... मेरी गांद फाड़ डाल,” पूजा ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने पूजा की गांद को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी गांद में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, भाभी, ये मेरा बच्चा ले। और हाँ, अब तू भी मेरी रंडी बन,” विकास ने कहा। उसने पूजा को नई ब्रा-पैंटी दीं और कहा, “ये गिफ्ट है मेरी तरफ से। और हाँ, अगली बार अपनी कोई सहेली को भी लाना।”
पूजा निढाल होकर बेड पर पड़ी थी। उसका जिस्म पसीने से तर और गांद विकास के पानी से गीली थी। उसने कपड़े पहने और शरमाते हुए घर चली गई। लेकिन उसकी चूत और गांद में विकास के लंड की आग अभी भी जल रही थी।
घर पहुँचकर पूजा ने राधा को फोन किया। “राधा दी, तूने सही कहा था... विकास का माल तो लाजवाब है,” पूजा ने हँसते हुए कहा। राधा ने जवाब दिया, “हाँ, पूजा, उसका लंड तो हर औरत की चूत और गांद में आग लगा देता है। अब तू भी उसकी रंडी बन गई ना?”
पूजा ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी। लेकिन उसके मन में एक नया ख्याल था—विकास को अपनी पड़ोसन शालिनी से मिलवाने का। शालिनी, 34 साल की एक शादीशुदा औरत, अपने पति के साथ मोहल्ले में रहती थी। पूजा सोचने लगी कि अगर विकास शालिनी को भी अपने जाल में फँसा ले, तो क्या मजा आएगा।
लेकिन उधर, विकास को सोनिया का फोन आया। “विकास, राहुल तुमसे मिलना चाहता है। वो मेरा खास दोस्त है, और उसे तुम्हारे बिजनेस में इंटरेस्ट है,” सोनिया ने कहा। विकास को शक हुआ। राहुल कौन था? क्या वो उसका नया शिकार था, या सोनिया कोई खेल खेल रही थी? विकास ने सोनिया को हँसते हुए कहा, “ठीक है, सोनिया रानी, अपने राहुल को मेरी दुकान पर भेज दे। लेकिन याद रख, मेरे लंड की आग तुझ में अभी भी जल रही है।”
सोनिया ने हँसकर फोन रख दिया, लेकिन विकास के मन में एक नया सवाल था—क्या राहुल उसका नया साथी बनेगा, या उसका खेल बिगाड़ने वाला दुश्मन? विकास ने मन में सोचा, “ये मोहल्ला तो मेरे लिए जन्नत है। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, और अब पूजा... अगली ब (मैं) शालिनी की होगी।” उसने अपनी दुकान बंद की और राहुल से मिलने की तैयारी करने लगा।
क्रमशः...
बेटी की आग माँ की राख --5
गतांक से आगे……………………….
विकास का राज अब दिल्ली के इस मोहल्ले में पूरी तरह कायम हो चुका था। उसकी दुकान और उसका मर्दाना जादू मोहल्ले की औरतों के दिल और जिस्म पर छा गया था। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, और राधा—सब उसकी रंडी बन चुकी थीं, और हर एक की चूत और गांद में विकास के लंड की आग जल रही थी। लेकिन विकास का मन अभी भी भूखा था। राधा ने उसे अपनी चचेरी बहन पूजा का जिक्र किया था, और विकास की आँखों में नई शिकार की चमक थी। साथ ही, सोनिया का फोन और राहुल का नाम सुनकर विकास को थोड़ा शक हुआ। क्या सोनिया उसका खेल बिगाड़ने की कोशिश कर रही थी?
पूजा, 28 साल की एक ताजा-ताजा शादीशुदा औरत, अपने पति मनीष के साथ हाल ही में मोहल्ले में आई थी। उसका बदन किसी अप्सरा से कम नहीं था—सांवली चमकदार चमड़ी, पतली कमर, उभरे हुए मम्मे, और गोल-गोल चूतड़ जो साड़ी में लहराते थे। पूजा की शादी को सिर्फ दो साल हुए थे, और उसकी जवानी अपनी चरम सीमा पर थी। मनीष एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, जो अक्सर विदेशी प्रोजेक्ट्स के लिए बाहर रहता था। पूजा की रातें अकेली और तड़प भरी होती थीं। राधा ने एक दिन पूजा को विकास की दुकान का जिक्र किया, “पूजा, तू विकास की दुकान पर जा, वहाँ ऐसी ब्रा-पैंटी मिलती हैं जो तेरे जिस्म को और भी कातिल बना देंगी।”
पूजा ने हँसते हुए कहा, “राधा दी, तू भी ना, मुझे ऐसी चीजों की क्या जरूरत? मनीष को तो मेरे कपड़े वैसे भी पसंद हैं।” लेकिन राधा की बातों में एक अजीब सी चमक थी, और पूजा का मन कुलबुलाने लगा। उसने सोचा, “चलकर देख ही लेती हूँ, ये विकास क्या बला है।”
एक दोपहर, पूजा विकास की दुकान पर पहुँची। दुकान में कोई और नहीं था, और विकास अकेला काउंटर पर बैठा था। उसने पूजा को देखते ही अपनी चिर-परिचित मुस्कान बिखेरी। “अरे, पूजा भाभी, आओ-आओ, राधा भाभी ने बताया था कि तुम आओगी,” विकास ने चिकनी आवाज में कहा, उसकी आँखें पूजा के जिस्म को नाप रही थीं।
“हाँ, राधा दी ने कहा था कि तुम्हारे पास अच्छा माल है,” पूजा ने शरमाते हुए कहा। उसने एक गुलाबी साड़ी पहनी थी, जो उसके सांवले बदन को और उभार रही थी।
“भाभी, तुम्हारे लिए तो मैंने स्पेशल माल रखा है,” विकास ने कहा और पूजा को दुकान के पीछे वाले कमरे में ले गया। उसने दरवाजा बंद किया और एक काली ब्रा-पैंटी का सेट पूजा की तरफ बढ़ाया। “ये देखो, ये तुम्हारे मस्त बदन पर एकदम फिट बैठेगा।”
पूजा ने ब्रा को हाथ में लिया, लेकिन उसकी बोल्ड डिजाइन देखकर उसका चेहरा लाल हो गया। “विकास, ये तो बहुत खुला हुआ है... मैं ऐसी कैसे पहनूँ?” उसने हिचकते हुए कहा।
“अरे भाभी, तुम्हारा ये कातिल जिस्म तो ऐसे कपड़ों के लिए ही बना है,” विकास ने पूजा की कमर पर हल्के से हाथ रखते हुए कहा। उसने पूजा को अपनी तरफ खींचा और अपना खड़ा लंड उसकी गांद पर रगड़ना शुरू किया। “राधा भाभी ने तो मेरे हाथों से ब्रा-पैंटी पहनकर बहुत मजे लिए थे। और हाँ, रीता भाभी, सोनिया, मंजू भाभी, और अनीता भाभी भी मेरी फैन हैं।”
पूजा का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। राधा, अनीता, मंजू, रीता, और सोनिया का नाम सुनकर उसे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन विकास के मोटे लंड का अहसास उसकी गांद पर होने से उसकी चूत में आग सी लग गई। “विकास, ये सब क्या बोल रहे हो? राधा दी और अनीता ने ऐसा किया?” पूजा ने पूछा, उसकी आवाज में उत्सुकता थी।
“हाँ, भाभी, और सोनिया ने तो मेरे साथ ट्रेन में पूरी रात मजे किए,” विकास ने हंसते हुए कहा। उसने पूजा की साड़ी का पल्लू खींचना शुरू किया और उसके ब्लाउज के बटन खोलने लगा। “सोनिया की चूत में मेरा लंड ऐसा घुसा था कि वो चिल्ला रही थी। और राधा भाभी? उनकी गांद तो मेरे लंड की दीवानी है। अब तेरी बारी है, पूजा भाभी।”
पूजा का दिमाग सुन्न हो गया। उसकी चचेरी बहन राधा और सहेली अनीता ने विकास के साथ ऐसा किया? और सोनिया, जो इतनी जवान थी? लेकिन विकास के हाथ अब उसके मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से मसल रहे थे, और उसकी चूत गीली होने लगी थी। “विकास, ये गलत है... मैं शादीशुदा हूँ, और मनीष... वो घर आ जाएगा,” पूजा ने कमजोर आवाज में कहा।
“अरे भाभी, मनीष तो विदेश में है, और ये गलत-वगलत छोड़ो, ये तो जिस्म की प्यास है,” विकास ने पूजा की साड़ी पूरी तरह खींचकर नीचे गिरा दी। उसने पूजा की पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया, और अब पूजा सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। “वाह, भाभी, क्या मस्त मम्मे हैं तुम्हारे, और ये गांद? एकदम टाइट और गोल।”
विकास ने पूजा की ब्रा का हुक खोल दिया, और उसके नंगे मम्मे उसके सामने उछल पड़े। उसने पूजा के निपल्स को चूसना शुरू किया और उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसकी गीली चूत को सहलाने लगा। “आह, भाभी, तेरी चूत तो पहले से रसीली है। बोल, मेरे लंड की प्यासी है ना तू?” विकास ने पूछा।
पूजा अब पूरी तरह विकास के हवाले थी। उसकी चूत में उंगली घुसते ही वो सिहर उठी। “आह्ह... विकास, ये गलत है... लेकिन... मुझे चाहिए तेरा लंड,” पूजा ने बेशर्म होकर कहा। उसने विकास की पैंट के ऊपर से उसके लंड को पकड़ लिया, और उसका मोटापन महसूस करके उसकी आँखें चमक उठीं।
“हा, भाभी, यही तो चाहिए था,” विकास ने पूजा की पैंटी नीचे खींचते हुए कहा। उसने पूजा को कमरे के बेड पर लिटाया और अपनी पैंट उतार दी। उसका काला, मोटा लंड बाहर निकला, जो पूजा की आँखों के सामने लहरा रहा था। “देख, भाभी, ये लंड राधा भाभी और अनीता भाभी की चूत और गांद में भी गया था, और अब तेरी चूत का भोसड़ा बनाएगा।”
पूजा ने विकास का लंड पकड़कर उसे चूसना शुरू किया। उसका मुँह लंड से भर गया, और वो बड़े मजे से उसे चूस रही थी। विकास ने पूजा के बाल पकड़कर उसके मुँह को चोदना शुरू किया। “आह, साली, तू तो राधा भाभी से भी मस्त चूसती है। बोल, मेरी रंडी भाभी, तुझे मेरा लंड चाहिए?” विकास ने पूछा।
“हाँ, विकास, मुझे चाहिए तेरा लंड... चोद डाल मुझे,” पूजा ने बेशर्मी से कहा। लेकिन विकास का मन अब कुछ और करने को था। उसने पूजा को उल्टा किया और उसकी गांद पर अपना लंड रगड़ना शुरू किया। “भाभी, तेरी चूत तो मस्त है, लेकिन ये गांद? इसे तो आज मैं फाड़ डालूँगा,” विकास ने कहा।
पूजा डर गई। “नहीं, विकास, प्लीज... गांद नहीं... बहुत दर्द होगा,” उसने विनती की।
“अरे, भाभी, राधा भाभी ने भी पहले नखरे किए थे, लेकिन मेरे लंड ने उसकी गांद का भोसड़ा बना दिया। तू भी ले, मेरी रंडी भाभी,” विकास ने पूजा की गांद पर थूक लगाया और अपना लंड धीरे-धीरे उसमें घुसाने लगा। पूजा दर्द से चिल्लाई, “आह्ह, माआआ... निकाल, विकास... बहुत दर्द हो रहा है!”
“चुप, साली, अभी मजा आएगा,” विकास ने पूजा की कमर पकड़कर जोर से धक्का मारा, और उसका पूरा लंड पूजा की गांद में घुस गया। पूजा की आँखों में आँसू आ गए, लेकिन विकास ने कोई रहम नहीं किया। वो जोर-जोर से पूजा की गांद चोदने लगा। “ले, भाभी, ये ले मेरे लंड का मजा। तेरी गांद तो राधा भाभी से भी टाइट है।”
पूजा दर्द से तड़प रही थी, लेकिन धीरे-धीरे उसका दर्द मजे में बदलने लगा। वो अपनी गांद को विकास के लंड पर दबाने लगी। “आह, विकास... चोद... और जोर से... मेरी गांद फाड़ डाल,” पूजा ने मोन करते हुए कहा।
विकास ने पूजा की गांद को आधे घंटे तक चोदा, और फिर उसकी गांद में अपना पानी छोड़ दिया। “ले, भाभी, ये मेरा बच्चा ले। और हाँ, अब तू भी मेरी रंडी बन,” विकास ने कहा। उसने पूजा को नई ब्रा-पैंटी दीं और कहा, “ये गिफ्ट है मेरी तरफ से। और हाँ, अगली बार अपनी कोई सहेली को भी लाना।”
पूजा निढाल होकर बेड पर पड़ी थी। उसका जिस्म पसीने से तर और गांद विकास के पानी से गीली थी। उसने कपड़े पहने और शरमाते हुए घर चली गई। लेकिन उसकी चूत और गांद में विकास के लंड की आग अभी भी जल रही थी।
घर पहुँचकर पूजा ने राधा को फोन किया। “राधा दी, तूने सही कहा था... विकास का माल तो लाजवाब है,” पूजा ने हँसते हुए कहा। राधा ने जवाब दिया, “हाँ, पूजा, उसका लंड तो हर औरत की चूत और गांद में आग लगा देता है। अब तू भी उसकी रंडी बन गई ना?”
पूजा ने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी। लेकिन उसके मन में एक नया ख्याल था—विकास को अपनी पड़ोसन शालिनी से मिलवाने का। शालिनी, 34 साल की एक शादीशुदा औरत, अपने पति के साथ मोहल्ले में रहती थी। पूजा सोचने लगी कि अगर विकास शालिनी को भी अपने जाल में फँसा ले, तो क्या मजा आएगा।
लेकिन उधर, विकास को सोनिया का फोन आया। “विकास, राहुल तुमसे मिलना चाहता है। वो मेरा खास दोस्त है, और उसे तुम्हारे बिजनेस में इंटरेस्ट है,” सोनिया ने कहा। विकास को शक हुआ। राहुल कौन था? क्या वो उसका नया शिकार था, या सोनिया कोई खेल खेल रही थी? विकास ने सोनिया को हँसते हुए कहा, “ठीक है, सोनिया रानी, अपने राहुल को मेरी दुकान पर भेज दे। लेकिन याद रख, मेरे लंड की आग तुझ में अभी भी जल रही है।”
सोनिया ने हँसकर फोन रख दिया, लेकिन विकास के मन में एक नया सवाल था—क्या राहुल उसका नया साथी बनेगा, या उसका खेल बिगाड़ने वाला दुश्मन? विकास ने मन में सोचा, “ये मोहल्ला तो मेरे लिए जन्नत है। रीता, सोनिया, मंजू, अनीता, राधा, और अब पूजा... अगली ब (मैं) शालिनी की होगी।” उसने अपनी दुकान बंद की और राहुल से मिलने की तैयारी करने लगा।
क्रमशः...