दोस्तों, मैं नाजिया, आपकी चटपटी कहानी के साथ हाजिर हूँ! ये तड़केदार देसी भाभी की चुदाई की कहानी मेरी अपनी है, जिसमें मैंने एक डिलीवरी बॉय के साथ रात भर चुदाई का लुत्फ उठाया। मेरी चुदाई की भूख ऐसी है कि शादी के बाद भी मैंने कई यार बनाए। लेकिन एक रात, जब मेरा कोई यार नहीं आ सका, तो मैंने किसके साथ मस्ती की?
मैंने जवानी के दिनों से ही सेक्स का मजा लेना शुरू कर दिया था। कॉलेज में मेरी सहेलियाँ गंदी-गंदी बातें करती थीं – लंड, चूत, और चुदाई की बातें! उनकी बातें सुनकर मेरी चूत में आग सी लग जाती थी। खासकर लंड की बातें – उसे पकड़ना, चूमना, चूसना – इन सब ने मेरे मन में चुदाई की तलब जगा दी।
एक दिन मैंने अपनी जिगरी सहेली नेहा से दिल की बात शेयर की। उसने कहा, “टेंशन मत ले, मैं अपने कजिन का लंड तुझे दिलवाऊँगी!” मैं तो खुशी से पागल हो गई। एक दिन उसने मुझे अपने कजिन का लंड दिखाया, और वो मेरी जिंदगी का पहला लंड था। फिर नेहा ने अपने कजिन से मेरी चूत में लंड डलवा दिया। उस दिन मुझे चुदाई का असली मजा समझ आया।
बस, फिर मैं रुकी नहीं। शादी से पहले मैं कई लड़कों से चुद चुकी थी।
मेरा नाम नाजिया है। मैं 30 साल की हूँ, हसीन, सेक्सी और हॉट। मेरा पति बिजनेस के सिलसिले में अक्सर बाहर जाता है, कभी-कभी विदेश भी। मैं उसकी गैरहाजिरी में पराये मर्दों से चुदवाती हूँ – कभी घर बुलाकर, कभी उनके घर जाकर, कभी होटल में, तो कभी सेक्स पार्टी में। अब तो पराये लंड लेना मेरी आदत बन चुकी है। मेरा दिमाग दिन-रात लंड के इर्द-गिर्द ही घूमता है।
एक दिन शाम 6:30 बजे मेरा पति लंदन के लिए रवाना हुआ। उसका 10 दिन का टूर था। मैंने उसे हँसकर विदा किया और लंड की तलाश में जुट गई।
मैंने अपने एक यार को फोन किया, तो उसने कहा, “मैं बैंगलोर में हूँ, भाभी!”
दूसरे ने कहा, “मेरी माँ की तबीयत खराब है, नहीं आ सकता।”
तीसरे ने कहा, “मैं अपने गाँव गया हूँ।”
ये सुनकर मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर था। मेरी चूत में आग लगी थी, और गांड भी बेचैन थी। मैंने सारे कपड़े उतारे और नंगी होकर टीवी पर पोर्न देखने लगी। खाना बनाने का मूड नहीं था, तो मैंने एक रेस्टोरेंट से खाना ऑर्डर कर दिया।
पोर्न देखते हुए मैं चूत में उंगली कर रही थी। करीब डे� Littlest hour बाद दरवाजे पर खटखट हुई। मैंने एक ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनी, जिसमें मेरे बड़े-बड़े स्तन और चूत की झांटें साफ दिख रही थीं।
दरवाजा खोला तो सामने एक जवान, गोरा, और स्मार्ट लड़का खड़ा था। उसे देखते ही मेरा मन उस पर आ गया। वो डिलीवरी बॉय था।
उसने कहा, “मैडम, आपका खाना।”
मैंने खाना लिया। तभी उसने पूछा, “मैडम, एक गिलास पानी मिलेगा?”
मैंने मुस्कुराकर कहा, “हाँ, बिल्कुल। अंदर आ, बैठ।”
मैंने उसे अंदर बिठाया और दरवाजा लॉक कर दिया। पानी का गिलास देते वक्त मैं जानबूझकर झुकी, ताकि मेरे स्तन उसे साफ दिखें।
पानी पीकर उसने कहा, “मैडम, आप बहुत हसीन हैं।”
ये सुनकर मेरी चूत कुलबुला उठी। मैंने कहा, “तू भी तो बड़ा स्मार्ट है! तेरा नाम क्या है, और क्या करता है?”
उसने बताया, “मेरा नाम अजय है। मैं रेस्टोरेंट में डिलीवरी का काम करता हूँ।”
मैंने फिर झुककर अपने स्तन दिखाए और पूछा, “तेरा परिवार कहाँ रहता है?”
वो बोला, “मेरी शादी नहीं हुई। मैं अकेला रहता हूँ, यहाँ से 7 किलोमीटर दूर।”
मैंने कहा, “तो तुझे कोई रोकने वाला नहीं?”
तभी जोर से बादल गरजे, और मैं डर के मारे उस पर गिर पड़ी। मेरे स्तन उसके सीने से टकराए। उसने मुझे प्यार से देखा और कहा, “सॉरी, मैडम!”
मैंने कहा, “कोई बात नहीं, मैं ही डर गई।”
तभी बारिश शुरू हो गई। मैंने कहा, “अजय, अब तू घर नहीं जा पाएगा। बारिश रुकने तक यहीं रह।”
वो बोला, “हाँ, अब तो रुकना ही पड़ेगा।”
मैं अंदर गई और रम की बोतल, दो गिलास, और कुछ स्नैक्स ले आई। मैंने कहा, “मौसम रोमांटिक है, चाय नहीं, रम का मजा लें।”
मैंने उसे एक पैग बनाकर दिया और खुद भी एक लिया। हमने चियर्स किया और पीना शुरू कर दिया। मैं उसे गौर से देख रही थी, सोच रही थी कि उसका लंड कितना बड़ा होगा। उसकी पैंट में उभार देखकर लग रहा था कि लंड शानदार होगा।
वो भी मुझे घूर रहा था। मैंने पूछा, “अजय, तूने कभी किसी लड़की को इतने करीब से देखा?”
वो बोला, “हाँ, देखा है, पर तुम जितना करीब से नहीं।”
मैंने कहा, “मुझमें क्या खास है?”
वो बोला, “तुम तो पूरी तरह खास हो।”
मैंने हँसकर कहा, “बड़ा फ्लर्ट है तू!”
वो बोला, “तुम जैसी हसीना के सामने कौन फ्लर्ट नहीं करेगा?”
मैंने पूछा, “बता, तूने कभी किसी के साथ सेक्स किया?”
वो थोड़ा हिचकिचाया, फिर बोला, “हाँ, किया है।”
मैंने सेक्सी अंदाज में कहा, “मुझे मैडम मत बोल। मैं नाजिया हूँ, मस्त नाजिया, रंडी नाजिया!”
मेरी गालियों ने उसमें आग लगा दी। उसकी पैंट में लंड का उभार साफ दिख रहा था। दो-दो पैग पीने के बाद नशा चढ़ने लगा। मेरी नाइटी खिसक गई, और उसकी शर्ट भी।
वो बोला, “मुझे बाथरूम जाना है।” मैं उसे बाथरूम ले गई। उसकी पैंट की जिप अटक गई। मैंने आगे बढ़कर उसकी जिप खोली और लंड बाहर निकाला।
वो पेशाब करने लगा, और मैं उसका लंड चाव से देखने लगी। पेशाब के बाद उसने जिप बंद करनी चाही, तो मैंने कहा, “पैंट उतार दे, गीली हो गई।”
मैंने उसकी पैंट और शर्ट उतरवा दी और उसे नंगा बेड पर लिटा दिया। मैंने भी अपनी नाइटी उतारी और नंगी उसकी टाँगों के बीच बैठ गई। मैंने उसका लंड पकड़कर हिलाना शुरू किया।
पल भर में लंड पूरा तन गया। इतना मोटा और लंबा था कि मेरी मुठ्ठी में नहीं आ रहा था। मैंने दोनों हाथों से उसे हिलाया, और टोपा मुँह में लेकर चूसने लगी। मैं उसके नंगे बदन पर हाथ फेर रही थी।
वो जोश में आ गया। अचानक उसने मुझे नीचे लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया। बोला, “नाजिया, तुझे नंगी देखकर मेरा लंड बेकाबू हो गया। तेरे बड़े-बड़े स्तन मुझे पागल कर रहे हैं।”
वो मेरे स्तनों को मसलने लगा और चूत पर उंगलियाँ फेरने लगा। मेरी हल्की झांटें उसे बहुत पसंद आईं।
उसने लंड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू किया। मुझे मजा आने लगा। फिर उसने एक झटके में पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया। मैंने चिल्लाकर कहा, “हरामी, एक बार में पूरा डाल दिया? मेरी चूत फट गई!”
वो जोर-जोर से चोदने लगा। मैं जन्नत में पहुँच गई। मैंने कहा, “साले, खूब चोद मुझे! मेरी चूत का भोसड़ा बना दे! तेरा लंड मेरी बच्चेदानी को ठोक रहा है। रोज आया कर मुझे चोदने!”
उसने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पेल दिया। मुझे स्वर्ग का मजा आने लगा। मैंने पूछा, “कितनों को चोदा है तूने?”
वो बोला, “मेरी शादी नहीं हुई, पर मैं 4 औरतों को चोद रहा हूँ। परसों एक भाभी को चोदा था।”
उसकी बात ने मेरी उत्तेजना दोगुनी कर दी। मैं और मस्ती से चुदवाने लगी। थोड़ी देर बाद उसने मुझे अपने लंड पर बिठा लिया। मैं लंड पर उछल-उछलकर चुदवाने लगी।
मैं इतनी उत्तेजित हो गई कि मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैं लंड से उतरी और उसे मुठ्ठी में लेकर चूसने लगी। पल भर में उसका माल मेरे मुँह में आ गया। मैंने सब गटक लिया और टोपा चाटकर चमका दिया।
हम बाथरूम गए, नहाए, और नंगे ही खाना खाया। खाते वक्त गंदी बातें कीं, जिससे उसका लंड फिर तन गया।
इस बार उसने कहा, “नाजिया, अब तेरी गांड मारूँगा!” उसने मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मारा और गांड में उंगली डाल दी। मैं भी गांड मरवाने को तैयार थी, तो घोड़ी बन गई।
उसने लंड मेरी गांड में पेल दिया। मैं चिल्लाई, “मादरचोद, मेरी गांड फाड़ दी!” वो तूफान की तरह मेरी गांड मारता रहा।
बारिश रात भर चली। हम नंगे ही सो गए। सुबह उसने एक बार फिर मेरी चूत में लंड पेला। सुबह की चुदाई का मजा बेमिसाल था।
जाते वक्त मैंने उसे चूमा और कहा, “अजय, अब मैं रोज खाना मंगवाऊँगी। तू ही खाना लाना और मुझे चोदकर जाना। मैं तेरे लंड की दीवानी हो गई हूँ।”
दोस्तों, मैं नाजिया, एक बार फिर आपकी चटपटी कहानी के साथ हाजिर हूँ! पिछली कहानी में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने डिलीवरी बॉय अजय के साथ रात भर चुदाई का मजा लिया। उस रात की मस्ती ने मेरी चुदाई की भूख को और बढ़ा दिया। अब आगे की कहानी सुनिए, जिसमें अजय और मेरी रंगरलियाँ और तड़केदार हो गईं!
उस रात के बाद अजय मेरे लिए एक नया जुनून बन गया। उसका मोटा, लंबा लंड मेरे दिमाग से निकल ही नहीं रहा था। मैंने ठान लिया था कि अब जब तक मेरा पति लंदन से वापस नहीं आता, मैं अजय से रोज चुदवाऊँगी।
अगले दिन सुबह अजय के जाने के बाद मैंने उसे व्हाट्सएप पर मैसेज किया, “अजय, कल रात का मजा भूल नहीं पा रही। आज फिर आना, खाना लेकर। और हाँ, देर तक रुकना!”
उसने तुरंत रिप्लाई किया, “नाजिया, तू तो आग है! आज रात फिर तुझे जन्नत दिखाऊँगा।”
उसका मैसेज पढ़कर मेरी चूत गनगना उठी। मैंने दिन भर अपने आपको संभाला, लेकिन शाम होते ही बेचैनी बढ़ने लगी। मैंने फिर से एक सेक्सी, ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनी और रेस्टोरेंट से खाना ऑर्डर कर दिया।
रात 8 बजे दरवाजे पर खटखट हुई। मैंने दरवाजा खोला तो अजय खड़ा था, अपने स्मार्ट अंदाज में। उसने मुझे देखते ही आँख मारी और बोला, “नाजिया, आज तो तू और भी हॉट लग रही है!”
मैंने उसे अंदर खींचा, दरवाजा लॉक किया, और खाना टेबल पर रखते हुए कहा, “खाना बाद में, पहले तू मेरी भूख मिटा!”
वो हँसते हुए मेरे पास आया और मुझे बाँहों में भर लिया। उसने मेरे होंठों पर जोरदार चुंबन किया। मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। मेरी नाइटी पहले से ही खिसक रही थी, और मेरे बड़े-बड़े स्तन उसके सीने से दब रहे थे।
उसने मेरी नाइटी एक झटके में उतार दी और बोला, “नाजिया, तेरा ये बदन मुझे पागल कर देता है।” मैंने उसकी शर्ट और पैंट उतार दी। उसका लंड पहले से ही तनकर खड़ा था। मैंने उसे पकड़ा और हिलाने लगी।
वो बोला, “आज तुझे कुछ नया मजा दूँगा।” उसने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरे पैर फैलाकर मेरी चूत पर मुँह रख दिया। जैसे ही उसकी जीभ मेरी चूत को छूई, मैं सिहर उठी। वो मेरी चूत को चाटने लगा, और मैं सिसकारियाँ लेने लगी, “उफ्फ… अजय… आह… क्या कर रहा है… हाय… मार डालेगा!”
उसने मेरी चूत को चाट-चाटकर गीली कर दिया। फिर उसने एक उंगली मेरी चूत में डाली और चाटना जारी रखा। मैं पागल सी हो रही थी। मेरी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं, “अजय… और जोर से… उफ्फ… मैं गई!”
थोड़ी देर में मैं झड़ गई। मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, और अजय ने उसे चाट लिया। मैंने उसे खींचकर अपने ऊपर लिया और बोला, “अब बर्दाश्त नहीं होता, जल्दी से पेल दे अपना लंड!”
उसने कॉन्डम निकाला, लंड पर चढ़ाया, और मेरी चूत पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा। उसका मोटा लंड पूरा मेरी चूत में समा गया। मैं चिल्लाई, “मादरचोद… धीरे… फाड़ दी मेरी चूत!”
वो हँसते हुए बोला, “नाजिया, तू तो रंडी है, तुझे तो ऐसे ही चाहिए!” उसने जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए। मैं भी गांड उठा-उठाकर उसका साथ देने लगी। मेरे मुँह से गालियाँ निकल रही थीं, “साले… खूब चोद… फाड़ दे मेरी चूत… तेरा लंड जन्नत है… आह… और जोर से!”
कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पेल दिया। इस बार उसका लंड और गहराई तक गया। मैं चीख रही थी, “हाय… अजय… तू तो चुदाई का बादशाह है… मार डाल मुझे!”
वो मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मारते हुए चोद रहा था। मेरी चूत फिर से पानी छोड़ने वाली थी। मैंने कहा, “अजय, मैं झड़ने वाली हूँ… रुकना मत!” थोड़ी देर में मैं फिर झड़ गई, और मेरी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ा।
अजय ने अपनी स्पीड बढ़ाई और बोला, “नाजिया, मैं भी आने वाला हूँ!” उसने कॉन्डम में ही झड़ गया। हम दोनों हाँफते हुए सोफे पर गिर पड़े।
थोड़ी देर बाद हमने खाना खाया। खाते वक्त मैंने उससे पूछा, “अजय, तू इतनी गजब की चुदाई कैसे सीख गया?”
वो हँसकर बोला, “नाजिया, मैंने कई भाभियों को चोदा है। लेकिन तू जैसी मस्त माल कोई नहीं। तू तो आग है!”
उसकी बात सुनकर मेरी चूत फिर कुलबुलाने लगी। मैंने कहा, “तो आज रात फिर आग बुझा दे!”
खाना खाने के बाद हम बेडरूम में गए। इस बार अजय ने कहा, “नाजिया, अब तेरी गांड की बारी!” मैंने हँसकर कहा, “साले, मेरी गांड फाड़ने को तैयार है!”
उसने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड पर तेल लगाया। फिर उसने धीरे-धीरे अपना लंड मेरी गांड में डाला। मैं चिल्लाई, “हरामी… धीरे… मेरी गांड फट जाएगी!”
वो बोला, “चुप, रंडी… तुझे तो ऐसा ही मजा चाहिए!” उसने धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई और मेरी गांड मारने लगा। दर्द के साथ-साथ मजा भी आने लगा। मैं सिसकारियाँ ले रही थी, “अजय… मार डाल… उफ्फ… क्या लंड है तेरा!”
कुछ देर बाद वो मेरी गांड में ही झड़ गया। हम दोनों थककर बिस्तर पर लेट गए।
रात भर हमने दो बार और चुदाई की। सुबह अजय ने जाने से पहले एक बार फिर मेरी चूत ठोकी। सुबह की चुदाई का मजा ही अलग था।
जाते वक्त मैंने उसे गले लगाया और कहा, “अजय, जब तक मेरा पति वापस नहीं आता, तू रोज आना। मैं तेरे लंड की गुलाम हो गई हूँ।”
वो हँसकर बोला, “नाजिया, तू माँगेगी तो मैं हर रात तेरी चूत और गांड मारूँगा!”
अगले कुछ दिन हम रोज मिले। हर रात अजय मेरे घर आता, खाना लाता, और मुझे चोदकर जाता। लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि हमारी चुदाई में नया मोड़ आ गया। वो क्या था? वो अगली कहानी में बताऊँगी।
क्या आपको ये कहानी पसंद आई? अगले भाग में क्या होगा, अपनी राय बताएँ!
दोस्तों, मैं नाजिया, आपकी मसालेदार कहानी के साथ फिर हाजिर हूँ! पिछली बार आपने पढ़ा कि कैसे डिलीवरी बॉय अजय मेरी चुदाई की प्यास का इकलौता सहारा बन गया। हर रात वो मेरे घर खाना लाता और मेरी चूत और गांड की आग बुझाकर जाता। लेकिन एक रात कुछ ऐसा हुआ कि मेरी चुदाई की दुनिया में तूफान आ गया। कैसे? चलिए बताती हूँ!
अजय के साथ मेरी चुदाई का सिलसिला पूरे शबाब पर था। मेरा पति अभी भी लंदन में था, और मुझे उसकी वापसी की कोई जल्दी नहीं थी। मैं और अजय रोज रात को मिलते, कभी सोफे पर, कभी बेड पर, तो कभी बाथरूम में चुदाई का मजा लेते। उसका मोटा लंड मेरी चूत का बेस्ट फ्रेंड बन चुका था।
एक शाम मैंने फिर रेस्टोरेंट से खाना ऑर्डर किया। मैंने सोचा आज अजय को सरप्राइज दूँगी। मैंने एक काली, पूरी तरह पारदर्शी नाइटी पहनी, जिसमें मेरे बड़े-बड़े स्तन और चूत की हल्की झांटें साफ दिख रही थीं। मैंने हल्का मेकअप किया और इंतजार करने लगी।
रात 8:30 बजे दरवाजे पर खटखट हुई। मैंने दरवाजा खोला, तो सामने अजय था, लेकिन उसके साथ एक और लड़का! मैं थोड़ा चौंकी, पर अजय ने मुस्कुराते हुए कहा, “नाजिया, ये मेरा दोस्त विक्की है। आज रेस्टोरेंट में ज्यादा ऑर्डर थे, तो ये मेरे साथ आ गया।”
विक्की को देखकर मेरी आँखें चमक उठीं। वो अजय से भी ज्यादा स्मार्ट था – गोरा, लंबा, और मस्कुलर। उसकी आँखों में शरारत थी, और मेरी नाइटी को देखकर उसकी नजरें मेरे बदन पर टिक गईं। मैंने सोचा, “एक लंड तो मैं रोज ले रही हूँ, अगर दो मिल जाएँ तो क्या बात हो!”
मैंने दोनों को अंदर बुलाया और दरवाजा लॉक कर दिया। खाना टेबल पर रखते हुए मैंने जानबूझकर झुककर अपने स्तन दिखाए। विक्की की आँखें मेरे स्तनों पर अटक गईं। मैंने अजय को आँख मारी और कहा, “आज कुछ खास करने का मूड है। विक्की भी रुकेगा न?”
अजय हँसकर बोला, “नाजिया, तू तो आग है। विक्की, तैयार है न?”
विक्की ने शरमाते हुए कहा, “मैडम, ये क्या बात कर रहे हैं?”
मैंने सेक्सी अंदाज में कहा, “मैडम नहीं, नाजिया बोल! और शरमाने की जरूरत नहीं। आज रात हम तीनों मिलकर मजा करेंगे।”
मैंने रम की बोतल निकाली और तीन गिलास में पैग बनाए। हमने चियर्स किया और पीना शुरू कर दिया। मैं दोनों के बीच सोफे पर बैठ गई। मेरी नाइटी ऊपर खिसक गई, और मेरी जाँघें साफ दिख रही थीं। अजय ने मेरा कंधा दबाया, और विक्की मेरी जाँघों को घूर रहा था।
दो पैग के बाद नशा चढ़ने लगा। मैंने अजय का हाथ पकड़कर अपने स्तन पर रखा और विक्की की तरफ देखकर कहा, “तू भी बस देखेगा, या कुछ करेगा?”
विक्की ने हिम्मत करके मेरी दूसरी जाँघ पर हाथ रखा। मैंने अपनी नाइटी उतार दी और नंगी उनके सामने बैठ गई। दोनों की आँखें फटी रह गईं। मैंने कहा, “कपड़े उतारो, दोनों! आज रात तुम दोनों मेरे मालिक हो!”
अजय और विक्की ने फटाफट अपने कपड़े उतारे। दोनों के लंड तनकर खड़े थे। अजय का लंड तो मैं जानती थी, लेकिन विक्की का लंड उससे भी लंबा और थोड़ा पतला था। मैंने दोनों के लंड पकड़े और एक-एक करके हिलाने लगी।
मैंने अजय का लंड मुँह में लिया और विक्की के लंड को हिलाती रही। फिर मैंने विक्की का लंड चूसना शुरू किया। दोनों सिसकारियाँ ले रहे थे। अजय बोला, “नाजिया, तू तो रंडी से भी बड़ी रंडी है!”
मैंने हँसकर कहा, “साले, आज तुम दोनों मेरी चूत और गांड फाड़ दो!”
अजय ने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी चूत में लंड पेल दिया। विक्की मेरे मुँह के पास आया और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया। मैं एक साथ अजय से चुद रही थी और विक्की का लंड चूस रही थी। मेरी सिसकारियाँ गूँज रही थीं, “उफ्फ… अजय… जोर से… विक्की… और अंदर डाल… आह!”
कुछ देर बाद अजय ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड में लंड डाला। विक्की मेरे सामने आया और मेरी चूत में लंड पेल दिया। अब मैं एक साथ दोनों छेदों में चुद रही थी। मैं चीख रही थी, “हाय… मार डाला… दोनों साले… फाड़ दो मुझे… उफ्फ… क्या मजा है!”
दोनों ने अपनी स्पीड बढ़ा दी। मेरी चूत और गांड में आग लगी थी, लेकिन मजा स्वर्ग से भी ज्यादा था। मैंने चिल्लाकर कहा, “सालो, मुझे जन्नत दिखाओ… और जोर से!”
थोड़ी देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैं झड़ गई, लेकिन दोनों रुके नहीं। अजय ने मेरी गांड में और विक्की ने मेरी चूत में कॉन्डम में झड़ दिया। हम तीनों हाँफते हुए सोफे पर गिर पड़े।
थोड़ी देर बाद हमने खाना खाया। खाते वक्त मैंने दोनों से गंदी-गंदी बातें कीं। विक्की बोला, “नाजिया, तू जैसी मस्त औरत मैंने पहले कभी नहीं देखी।”
अजय ने हँसकर कहा, “विक्की, ये रंडी तो हर रात चुदाई का तूफान लाती है!”
खाना खाने के बाद हम बेडरूम में गए। इस बार मैंने कहा, “अब तुम दोनों मुझे एक साथ मुँह और चूत में चोदो!”
विक्की बेड पर लेट गया, और मैं उसके लंड पर बैठ गई। अजय मेरे पीछे आया और मेरे मुँह में लंड डाल दिया। मैं विक्की के लंड पर उछल रही थी और अजय का लंड चूस रही थी। मेरी सिसकारियाँ फिर शुरू हो गईं, “उफ्फ… दोनों साले… मार डालो… आह… क्या लंड हैं तुम्हारे!”
कुछ देर बाद अजय ने मेरी गांड में लंड डाला, और विक्की मेरी चूत में चोदता रहा। मैं एक बार फिर दोनों छेदों में चुद रही थी। मैं चीख रही थी, “हाय… मेरी चूत… मेरी गांड… फाड़ डाली… और जोर से… सालो!”
इस बार मैं दो बार झड़ गई। दोनों ने भी कॉन्डम में झड़कर मुझे शांत किया। हम तीनों थककर बिस्तर पर लेट गए।
रात भर हमने तीन बार और चुदाई की। सुबह दोनों ने एक बार फिर मेरी चूत और गांड ठोकी। सुबह की चुदाई का मजा हमेशा की तरह जन्नत जैसा था।
जाते वक्त मैंने दोनों को चूमा और कहा, “अजय, विक्की, अब तुम दोनों रोज आना। मैं तुम दोनों के लंड की गुलाम हूँ!”
विक्की ने हँसकर कहा, “नाजिया, तू माँगेगी तो हम दोनों तेरी हर रात चुदाई करेंगे!”
अजय ने कहा, “लेकिन अगली बार हम तुझे कोई नया सरप्राइज देंगे!”
उस सरप्राइज की बात सुनकर मेरी चूत फिर कुलबुलाने लगी। वो सरप्राइज क्या था? और क्या मैंने उसका मजा लिया? ये सब अगली कहानी में बताऊँगी।
क्या आपको ये तूफानी चुदाई की कहानी पसंद आई? अगले भाग में क्या होगा, अपनी राय बताएँ!
दोस्तों, मैं नाजिया, एक बार फिर अपनी आग सी जलती कहानी लेकर हाजिर हूँ! पिछली बार आपने पढ़ा कि कैसे अजय और उसके दोस्त विक्की ने मेरी चूत और गांड की ऐसी तैसी कर दी। दोनों के मोटे लंडों ने मुझे जन्नत की सैर कराई, और जाते वक्त उन्होंने एक नए सरप्राइज का वादा किया। उस सरप्राइज ने मेरी चुदाई की भूख को और बेकाबू कर दिया। क्या था वो सरप्राइज? चलिए बताती हूँ!
अजय और विक्की के साथ चुदाई का सिलसिला अब मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा नशा बन चुका था। मेरा पति अभी भी लंदन में था, और मैं हर रात इन दोनों के लंडों की सैर कर रही थी। उनकी आखिरी बात, “अगली बार नया सरप्राइज देंगे,” मेरे दिमाग में घूम रही थी। मेरी चूत हर वक्त गीली रहने लगी थी, सोच-सोचकर कि अब क्या नया मजा मिलेगा।
अगले दिन मैंने अजय को मैसेज किया, “साले, वो सरप्राइज क्या है? आज रात बता दे, नहीं तो मेरी चूत तुझे खा जाएगी!”
उसने हँसते हुए रिप्लाई किया, “नाजिया, आज रात तैयार रह। विक्की और मैं तुझे ऐसा मजा देंगे कि तू जिंदगी भर याद रखेगी!”
उसके मैसेज ने मेरे बदन में आग लगा दी। मैंने उस रात के लिए खास तैयारी की। मैंने एक लाल रंग की बिकिनी पहनी, जो मेरे बड़े-बड़े स्तनों और चूत को मुश्किल से ढक रही थी। मैंने बाल खुले छोड़े, हल्का परफ्यूम लगाया, और बेडरूम को मोमबत्तियों से सजाया। आज मैं दोनों को पागल करने वाली थी।
रात 9 बजे दरवाजे पर खटखट हुई। मैंने दरवाजा खोला तो अजय और विक्की खड़े थे, लेकिन उनके साथ एक और शख्स था! वो एक लंबा, काला, और मस्कुलर लड़का था, जिसकी आँखों में वासना साफ झलक रही थी। मैं थोड़ा चौंकी, लेकिन मेरी चूत में खुजली और बढ़ गई।
अजय ने मुस्कुराते हुए कहा, “नाजिया, ये हमारा सरप्राइज है! ये रॉकी है, हमारा दोस्त। विदेशी है, और चुदाई में उस्ताद! आज हम तीनों मिलकर तेरी चूत का भोसड़ा बनाएँगे!”
रॉकी ने मुझे गहरी नजरों से देखा और बोला, “नाजिया, तू तो माल है! आज तुझे असली मजा दूँगा।” उसकी आवाज और अंदाज ने मेरे बदन में करंट दौड़ा दिया। मैंने सोचा, “तीन-तीन लंड! आज तो मेरी चूत और गांड की खैर नहीं!”
मैंने तीनों को अंदर बुलाया और दरवाजा लॉक कर दिया। मैंने बिकिनी में उनके सामने कैटवॉक की और कहा, “सालो, आज तुम तीनों मेरे गुलाम हो। जो चाहूँगी, वो करोगे!”
विक्की ने हँसकर कहा, “नाजिया, तू रंडी नहीं, रंडियों की रानी है!”
रॉकी ने मेरी कमर पकड़ी और बोला, “आज तुझे विदेशी लंड का स्वाद चखाऊँगा।”
मैंने रम की बोतल निकाली और चार गिलास में पैग बनाए। हमने चियर्स किया और पीना शुरू किया। मैं रॉकी के बगल में बैठ गई। उसका मस्कुलर बदन मुझे उत्तेजित कर रहा था। दो पैग के बाद नशा चढ़ गया। मैंने अपनी बिकिनी की टॉप उतार दी, और मेरे बड़े-बड़े स्तन आजाद हो गए।
तीनों की आँखें फटी रह गईं। मैंने कहा, “कपड़े उतारो, मेरे शेरों! आज मुझे तीन-तीन लंड चाहिए!”
अजय, विक्की, और रॉकी ने फटाफट अपने कपड़े उतारे। अजय और विक्की के लंड तो मैं जानती थी, लेकिन रॉकी का लंड देखकर मेरे होश उड़ गए। वो इतना लंबा और मोटा था कि मेरी चूत सिहर उठी। मैंने तीनों के लंड पकड़े और एक-एक करके हिलाने लगी।
मैंने पहले रॉकी का लंड मुँह में लिया। उसका टोपा इतना बड़ा था कि मेरा मुँह पूरा भर गया। मैं उसे चूसने लगी, और बाकी दो लंडों को हाथों से हिलाती रही। अजय और विक्की मेरे स्तनों को मसल रहे थे। मेरी सिसकारियाँ शुरू हो गईं, “उफ्फ… रॉकी… तेरा लंड… हाय… मार डालेगा!”
रॉकी ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी चूत पर मुँह रख दिया। उसकी जीभ मेरी चूत को चाट रही थी, और मैं पागल हो रही थी। उधर अजय मेरे मुँह में लंड डालकर चुदाई कर रहा था, और विक्की मेरे स्तनों को चूस रहा था। मैं चीख रही थी, “हाय… तीनों… मार डालो… उफ्फ… क्या मजा है!”
रॉकी ने मेरी चूत को चाट-चाटकर गीली कर दिया। फिर उसने कॉन्डम पहना और अपना विशाल लंड मेरी चूत पर रखा। मैंने कहा, “धीरे… साले… फाड़ देगा!”
वो हँसकर बोला, “नाजिया, तुझे तो ऐसा ही चाहिए!” उसने एक जोरदार धक्का मारा, और आधा लंड मेरी चूत में घुस गया। मैं चिल्लाई, “मादरचोद… मेरी चूत फट गई!”
रॉकी ने धीरे-धीरे पूरा लंड पेल दिया और चोदने लगा। अजय मेरे मुँह में लंड डाले रहा, और विक्की मेरे निप्पल्स को काट रहा था। मैं जन्नत में थी। मेरी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं, “रॉकी… और जोर से… अजय… चोद मेरे मुँह को… विक्की… हाय… चूस ले मेरे मम्मे!”
कुछ देर बाद रॉकी ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड में लंड डाल दिया। विक्की मेरी चूत में लंड पेलकर चोदने लगा, और अजय मेरे मुँह में। अब मैं तीनों छेदों में चुद रही थी। मैं चीख रही थी, “सालो… फाड़ दो मुझे… मेरी चूत… गांड… मुँह… सब तुम्हारा है… उफ्फ… जन्नत है ये!”
तीनों ने अपनी स्पीड बढ़ा दी। मेरी चूत ने दो बार पानी छोड़ दिया। मैं बार-बार झड़ रही थी। आखिरकार रॉकी ने मेरी गांड में, विक्की ने मेरी चूत में, और अजय ने मेरे मुँह में कॉन्डम में झड़ दिया। हम चारों हाँफते हुए बेड पर गिर पड़े।
थोड़ी देर बाद हमने खाना खाया। खाते वक्त रॉकी ने कहा, “नाजिया, तू जैसी औरत मैंने विदेश में भी नहीं देखी। तू तो सेक्स की देवी है!”
अजय और विक्की ने हँसकर कहा, “ये रंडी हर रात नया तूफान लाती है!”
खाना खाने के बाद हम फिर बेडरूम में गए। इस बार मैंने कहा, “अब मैं तुम तीनों को राइड करूँगी!”
रॉकी बेड पर लेट गया, और मैं उसके लंड पर बैठ गई। उसका लंड मेरी चूत में पूरा समा गया। अजय मेरी गांड में लंड डालकर चोदने लगा, और विक्की मेरे मुँह में। मैं तीनों लंडों पर उछल रही थी। मेरी सिसकारियाँ चरम पर थीं, “हाय… तीनों साले… मार डालो… मेरी चूत… गांड… मुँह… सब फाड़ दो… उफ्फ… क्या लंड हैं!”
इस बार मैं तीन बार झड़ गई। तीनों ने भी कॉन्डम में झड़कर मुझे शांत किया। हम रात भर चार बार और चुदाई किए। सुबह रॉकी ने मेरी चूत, अजय ने मेरी गांड, और विक्की ने मेरे मुँह में एक बार फिर ठोका। सुबह की चुदाई का मजा हमेशा की तरह बेमिसाल था।
जाते वक्त मैंने तीनों को चूमा और कहा, “अजय, विक्की, रॉकी, तुमने मुझे असली जन्नत दिखाई। अब तुम तीनों मेरे यार हो। जब तक मेरा पति नहीं आता, रोज आना!”
रॉकी ने हँसकर कहा, “नाजिया, तू माँगेगी तो हम तुझे हर रात चोदेंगे!”
अजय ने कहा, “अगली बार और बड़ा सरप्राइज लाएँगे!”
उस बड़े सरप्राइज की बात सुनकर मेरी चूत फिर कुलबुलाने लगी। वो बड़ा सरप्राइज क्या था? और क्या मैंने उसका मजा लिया? ये सब अगली कहानी में बताऊँगी।
क्या आपको ये तीखी चुदाई की कहानी पसंद आई? अगले भाग में क्या होगा, अपनी राय बताएँ!
दोस्तों, मैं नाजिया, अपनी जलती-भुनती कहानी के अगले भाग के साथ हाजिर हूँ! पिछली बार आपने पढ़ा कि कैसे अजय, विक्की, और उनके विदेशी दोस्त रॉकी ने मेरे तीनों छेदों में लंड पेलकर मुझे जन्नत की सैर कराई। जाते वक्त उन्होंने एक और बड़े सरप्राइज का वादा किया। लेकिन इस बार कहानी में एक नया मोड़ आया – मेरी जिगरी सहेली रिया! कैसे? चलिए बताती हूँ!
अजय, विक्की, और रॉकी के साथ चुदाई का सिलसिला मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा रोमांच बन चुका था। मेरा पति अभी भी लंदन में था, और मैं हर रात इन तीनों के लंडों की सवारी कर रही थी। रॉकी की “बड़े सरप्राइज” वाली बात मेरे दिमाग में घूम रही थी। मेरी चूत दिन-रात गीली रहती थी, सोच-सोचकर कि अब क्या नया मजा मिलेगा।
एक दिन मैं अपनी कॉलेज की दोस्त रिया से मिलने गई। रिया भी मेरी तरह चुदाई की शौकीन थी। कॉलेज में हम दोनों गंदी-गंदी बातें करते, और उसने ही मुझे चुदाई का पहला स्वाद चखवाया था। अब वो शादीशुदा थी, लेकिन उसका पति उसे संतुष्ट नहीं कर पाता था। मैंने उसे अजय, विक्की, और रॉकी की चुदाई की कहानी सुनाई।
रिया की आँखें चमक उठीं। वो बोली, “नाजिया, तू तो मजे ले रही है! मुझे भी इन लंडों का स्वाद चखवा दे!” मैंने हँसकर कहा, “चल, आज रात मेरे घर आ। मैं तुझे ऐसा तूफान दिखाऊँगी कि तू जिंदगी भर याद रखेगी!”
उस रात मैंने अजय को मैसेज किया, “साले, आज रात तुम तीनों आना। मेरी सहेली रिया भी होगी। चार लंड और दो चूतों का खेल होगा!”
अजय ने तुरंत रिप्लाई किया, “नाजिया, तू तो रंडी की औलाद है! आज रात तेरी और तेरी सहेली की चूत फाड़ देंगे!”
मैंने और रिया ने मिलकर खास तैयारी की। मैंने एक काली लेस वाली बिकिनी पहनी, और रिया ने लाल रंग की ट्रांसपेरेंट नाइटी। हमने बेडरूम को मोमबत्तियों और फूलों से सजाया। रिया मेरे बराबर हॉट थी – गोरी, भरे हुए स्तन, और गोल-मटोल गांड। मैंने सोचा, “आज तो ये तीनों पागल हो जाएँगे!”
रात 9:30 बजे दरवाजे पर खटखट हुई। मैंने दरवाजा खोला तो अजय, विक्की, और रॉकी खड़े थे। रिया को देखकर तीनों की आँखें फटी रह गईं। अजय बोला, “नाजिया, ये तो तुझसे भी बड़ी माल है!”
रॉकी ने रिया की कमर पकड़ी और बोला, “आज तो दो-दो हसीनाओं की चुदाई होगी!”
रिया ने शरारती अंदाज में कहा, “सुन लिया, नाजिया? ये लोग हमारी चूत और गांड फाड़ने आए हैं!”
मैंने चारों को अंदर बुलाया और दरवाजा लॉक कर दिया। मैंने और रिया ने बिकिनी और नाइटी में उनके सामने डांस किया। हमारी हरकतों से तीनों के लंड पैंट में तन गए। मैंने कहा, “सालो, कपड़े उतारो! आज तुम्हें दो रंडियों की चुदाई करनी है!”
मैंने व्हिस्की की बोतल निकाली और पाँच गिलास में पैग बनाए। हमने चियर्स किया और पीना शुरू किया। रिया अजय के बगल में बैठ गई, और मैं रॉकी और विक्की के बीच। दो पैग के बाद नशा चढ़ गया। मैंने अपनी बिकिनी उतार दी, और रिया ने अपनी नाइटी। हम दोनों नंगी उनके सामने खड़ी थीं।
तीनों की साँसें रुक गईं। रिया ने रॉकी का लंड पकड़ा और बोली, “नाजिया, तू सही कह रही थी! ये लंड तो जन्नत है!” मैंने अजय और विक्की के लंड पकड़े और हिलाने लगी।
मैंने रॉकी का लंड मुँह में लिया, और रिया ने अजय का। विक्की मेरे और रिया के स्तनों को बारी-बारी मसल रहा था। मैं और रिया एक-दूसरे को देखकर सिसकारियाँ ले रही थीं, “उफ्फ… रिया… ये लंड… हाय… मार डालेंगे!”
रॉकी ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी चूत चाटने लगा। अजय रिया की चूत में लंड पेलकर चोदने लगा। विक्की मेरे मुँह में लंड डालकर चुदाई कर रहा था। रिया चीख रही थी, “अजय… जोर से… फाड़ दे मेरी चूत… हाय… क्या लंड है!”
मैं भी सिसकार रही थी, “रॉकी… चाट ले मेरी चूत… विक्की… और अंदर डाल… उफ्फ!”
कुछ देर बाद रॉकी ने मेरी चूत में लंड पेल दिया, और अजय ने रिया की गांड में। विक्की मेरे और रिया के मुँह में बारी-बारी लंड डाल रहा था। मैं और रिया दोनों चुदाई के नशे में डूब चुकी थीं। मैं चिल्लाई, “सालो… फाड़ दो हमारी चूत… गांड… मुँह… सब तुम्हारा है!”
रिया भी चीख रही थी, “अजय… और जोर से… मेरी गांड फाड़ दे… हाय… मैं मर गई!”
तीनों ने पोजीशन बदली। अब रॉकी रिया की चूत चोद रहा था, अजय मेरी गांड में लंड पेल रहा था, और विक्की मेरे मुँह में। हम दोनों की सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं। मेरी चूत ने दो बार पानी छोड़ दिया, और रिया भी बार-बार झड़ रही थी।
रॉकी ने कहा, “नाजिया, रिया, अब तुम दोनों एक-दूसरे को चाटो!” मैं और रिया 69 की पोजीशन में आ गए। मैं उसकी चूत चाटने लगी, और वो मेरी। तीनों लंड हमारे मुँह, चूत, और गांड में बारी-बारी पेल रहे थे। मैं चीख रही थी, “रिया… तेरी चूत… उफ्फ… रॉकी… चोद मुझे… हाय!”
रिया भी सिसकार रही थी, “नाजिया… चाट ले… अजय… फाड़ दे मेरी गांड… विक्की… और जोर से!”
आखिरकार रॉकी ने रिया की चूत में, अजय ने मेरी गांड में, और विक्की ने मेरे मुँह में कॉन्डम में झड़ दिया। हम पाँचों हाँफते हुए बेड पर गिर पड़े।
थोड़ी देर बाद हमने खाना खाया। खाते वक्त रिया ने कहा, “नाजिया, तूने तो मेरी जिंदगी बदल दी! इन तीनों के लंडों ने मुझे स्वर्ग दिखा दिया!”
मैंने हँसकर कहा, “रिया, अभी तो शुरुआत है!”
रॉकी ने कहा, “नाजिया, रिया, तुम दोनों सेक्स की मल्लिकाएँ हो!”
अजय और विक्की ने हँसकर कहा, “अगली बार हम और बड़ा तूफान लाएँगे!”
खाना खाने के बाद हम फिर बेडरूम में गए। इस बार मैं और रिया ने तीनों को बारी-बारी राइड किया। मैं रॉकी के लंड पर उछली, और रिया अजय के लंड पर। विक्की हमारे मुँह में लंड डालकर चुदाई कर रहा था। हम दोनों तीन-तीन बार झड़ गईं। तीनों ने भी कॉन्डम में झड़कर हमें शांत किया।
रात भर हमने पाँच बार और चुदाई की। सुबह रॉकी ने मेरी चूत, अजय ने रिया की गांड, और विक्की ने मेरे मुँह में एक बार फिर ठोका। सुबह की चुदाई का मजा हर बार की तरह जन्नत जैसा था।
जाते वक्त मैंने और रिया ने तीनों को चूमा। मैंने कहा, “अजय, विक्की, रॉकी, तुमने हम दोनों को चुदाई की रानी बना दिया। अब तुम तीनों और रिया मेरे यार हो। रोज आना!”
रिया ने कहा, “नाजिया, अब मैं भी तेरे साथ हर रात चुदूँगी!”
रॉकी ने हँसकर कहा, “नाजिया, रिया, अगली बार हम और बड़ा सरप्राइज लाएँगे!”
उस बड़े सरप्राइज की बात सुनकर मेरी और रिया की चूत फिर कुलबुलाने लगी। वो सरप्राइज क्या था? और क्या हमने उसका मजा लिया? ये सब अगली कहानी में बताऊँगी।
क्या आपको ये चुदाई का तूफान पसंद आया? अगले भाग में क्या होगा, अपनी राय बताएँ!