जिस्म की प्यास
 
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जिस्म की प्यास

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अपडेट 30

रमेश के जाने के बाद सारा परिवार नाश्ता करता है। विमल की नजरें काम्या के ऊपर से हट ही नहीं रही थीं। काम्या ये सोच रही थी कि दूर रहता है इसलिए इस बार कुछ ज्यादा भावुक हो रहा है, उसे क्या मालूम था कि विमल अब उसे एक औरत की तरह देख रहा था, माँ की तरह नहीं।
सोनी विमल को कोहनी मारती है तो विमल बौखला कर नजरें झुकाता है और नाश्ता खतम करने लगता है।
सोनी अपना नाश्ता खतम कर के अपने इंस्टीट्यूट चली जाती है, वो अब शक को 5 बजे ही वापस आएगी। घर में रह जाते हैं विमल और काम्या।
काम्या टेबल से बर्तन उठाती है तो विमल उसकी मदद करता है। किचन में सारे बर्तन सिंक में रखने के बाद काम्या हॉल में आ कर बैठ जाती है और टीवी के चैनल इधर से उधर करने लगती है। विमल उसके पास आ कर उसकी गोद में सर रख कर लेट जाता है।
विमल अपना चेहरा अपनी माँ के पेट में धसा लेता है और उसके जिस्म की खुशबू सूँघने लगता है। विमल की इस हरकत से काम्या को गुदगुदी होती है और वो उसका सर अपने पेट से हटा देती है।
काम्या: ये क्या छोटे बच्चे की तरह चिपक रहा है। ठीक से लेट।
विमल: तो क्या बड़े की तरह चिपकूँ, तुम्हारे लिए तो मैं हमेशा छोटा ही रहूँगा।
कह कर विमल अपनी नाक काम्या की जाँघों के जोड़ पर ले आता है और उसकी चूत की खुशबू सूँघने की कोशिश करता है। विमल अपने चेहरे का जोर काम्या की जाँघों पर बढ़ाता है तो अनजाने में काम्या अपनी टाँगें चौड़ी कर लेती है और विमल का चेहरा उसकी साड़ी समेत बिल्कुल उसकी चूत के ऊपर आ जाता है।
विमल की हरकतें काम्या की चूत से थोड़ा ऊपर ही होती हैं पर इसका असर काम्या की चूत पर पड़ने लगता है। काम्या की चूत गीली होने लगती है और जैसे ही काम्या को इसका अहसास होता है, वो विमल को हटा देती है और उठ जाती है।
विमल हसरत भरी नजर से काम्या को देखता है। काम्या वहाँ से जाने लगती है तो विमल उसका हाथ पकड़ के खींचता है।
‘कहाँ जा रही हो माँ, मेरे पास बैठो ना।’
विमल के खींचने की वजह से काम्या उसके ऊपर गिरती है और विमल का मुँह उसकी छाती से लगता है। एक पल के लिए विमल का मुँह अपनी माँ के उरोज की नरमी महसूस करता है और उसका लंड खड़ा होने लगता है।
आह्ह्ह्ह्ह काम्या की सिसकी निकल जाती है जब विमल के चेहरे का दबाव उसके उरोज पर पड़ता है।
काम्या को गुस्सा चढ़ जाता है।
‘विमल, ये क्या बदतमीजी है?’ काम्या अपना हाथ छुड़ाती है और अपने कमरे में चली जाती है।
माँ तो नाराज हो कर चली गई, अब माँ को कैसे मनाऊँ। विमल सोफे पर बैठ यही सोचता रहता है। उसकी हिम्मत नहीं पड़ रही थी माँ के कमरे में जाने के लिए।
वो अपने कमरे में चला जाता है और अपना लैपटॉप खोल के बैठ जाता है। अपनी मेल चेक करता है तो सोनी की मेल आई हुई थी JKP के नाम से।
मेल पढ़ कर उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस लड़की को उसके बारे में इतना कैसे मालूम है।
उसका सर चकरा जाता है और वो लैपटॉप बंद कर फिर नीचे आ जाता है। उसकी माँ का कमरा बंद था, वो देखने की कोशिश नहीं करता कि अंदर से भी बंद है या नहीं।
उसकी आँखों के सामने फिर उसकी माँ का जिस्म घूमने लगता है, और जब उससे नहीं रहा जाता तो वो अपनी माँ के कमरे की तरफ बढ़ जाता है।

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अपडेट 31

विमल का यूं अपने साथ चिपकना और जिस्म को सहलाने की कोशिश करना काम्या को काफी नगवार गुजरा था। कमरे में अपने बिस्तर पर बैठी वो विमल के बारे में सोच रही थी। क्या विमल का दिमाग कुंदित हो गया है, या फिर ये वास्तव में काफी दिनों से हॉस्टल में रहने का परिणाम है जो वो इतना करीब आ गया। बच्चों के लिए माँ माँ ही होती है और हर परिस्थिति में माँ की कमी हमेशा खलती है। खासकर जब बच्चा हॉस्टल में रह कर पढ़ रहा हो। विमल पढ़ाई में शुरू से ही बहुत अच्छा रहा है और MBA में सबसे अच्छे इंस्टीट्यूट में दाखिला भी अपने बल-बूते पर लिया था।
वो जितना विमल के बारे में सोचती, उतनी ही उलझनें उसके दिमाग में घेरा डाल लेतीं।
सोनी के साथ जितना वो खुल चुकी है और जो कुछ भी उन दोनों के बीच में हुआ, वो एक माँ एक लड़की के साथ तो कर सकती है, पर बेटे के साथ ऐसा कुछ की कल्पना तक नहीं कर सकती।
शायद उसने जरूरत से ज्यादा विमल को डाँट दिया। विमल का मासूम उदास चेहरा उसकी आँखों के सामने लहराने लगा और माँ की ममता तड़पने लगी।
विमल नीचे आ कर माँ के कमरे के बाहर काफी देर खड़ा रहा, पर फिर हिम्मत न पड़ने पर हॉल में जा कर बैठ गया।
उसने टीवी देखने की कोशिश की ताकि मन कहीं और लगे, पर कोई फायदा न हुआ।
टीवी बंद कर वो वहीं बैठा रहा और आँखें बंद कर सोचने लगा कि क्या करे कि माँ का गुस्सा उतर जाए।
काम्या से भी बंद कमरे में बैठा नहीं जा रहा था। वो बाहर आती है और विमल को हॉल में आँखें बंद किए हुए बैठा पाती है।
काम्या उसके पास जा कर बैठ जाती है और प्यार से उसके बालों में हाथ फेरने लगती है।
विमल अपनी आँखें खोल काम्या को देखता है, काम्या को उसकी आँखों में एक दर्द दिखता है और माँ की अंतरआत्मा तड़प उठती है।
वो विमल को अपने सीने से बाँध लेती है।
‘बस बेटा, ज्यादा वक्त नहीं रह गया है, जब तू अव्वल दर्जे में अपनी MBA पूरी कर लेगा, तेरी माँ का सम्मान तेरी वजह से बढ़ जाएगा, तेरे पिता की छाती चौड़ी हो जाएगी, क्या अपने माँ-बाप को ये खुशी नहीं देगा?’
‘ओह माँ,’ विमल आगे कुछ नहीं बोल पाता और खुद को लानत देने लगता है, जो गलत खयाल उसके दिमाग में अपनी माँ के प्रति आए थे। आँखें बंद करता है और फिर उसे अपनी नंगी माँ नजर आती है अपने बाप से चुदते हुए।
उफ्फ्फ्फ्फ दिल और दिमाग में चुरियाँ चलने लगती हैं, या तो दिल बचेगा या दिमाग। वो अपनी माँ से अलग हो अपने कमरे की तरफ भाग के चला जाता है।
काम्या बैठी देखती रह जाती है, उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं। ये अचानक विमल को इस बार क्या हो गया है? वो उठ कर विमल के कमरे की तरफ जाती है और फोन बज उठता है। ट्रिन ट्रिन ट्रिन ट्रिन
काम्या के बढ़ते कदम रुक जाते हैं और वो फोन उठाने के लिए मुड़ती है।
फोन का रिसीवर उठा कर
काम्या: हेलो
उधर से: दीदी, कैसी हो, मैं सविता बोल रही हूँ।
काम्या: सविताAAAA, कैसी है रे, कितनों दिनों बाद इस बहन की याद आई, सब ठीक तो हैं ना घर में। जमाई जी कैसे हैं, राकेश और रितिका तो बहुत बड़े हो गए होंगे, क्या कर रहे हैं...
सविता: अरे अरे, एक-एक कर पूछो ना, आपने तो लाइन लगा दी (काम्या की बात को बीच में ही टोक देती है)।
काम्या: 5 साल बाद फोन करेगी तो उत्सुकता तो होगी ही, तेरी तो आवाज सुनने को तरस गई मैं।
सविता: दीदी, क्या करूँ, ये कहीं टिके तब तो, आज रियाद में नौकरी, तो कल दुबई में, फिर, बस इसी चक्कर में फोन नहीं कर पाती थी।
काम्या: रहने दे ये बहाने, खैर, कैसे हो तुम सब, बहुत दिल करता है तुम सब से मिलने के लिए।
सविता: बस दीदी, ये दूरी खत्म। हम वापस आ रहे हैं और अब ये अपना बिजनेस करेंगे, कह रहे थे कि अगर जीजा जी के साथ जुड़ जाएँ तो अच्छा रहेगा, क्या जीजा जी मान जाएँगे?
काम्या: सब हो जाएगा, तुम कब आ रहे हो... लाइन कट जाती है।
काम्या: हेलो हेलो हेलो, निराश हो कर वो फोन रख देती है, कुछ देर खड़ी रहती है कि घंटी अब बजी, अब बजी, 10 मिनट तक खड़े रहने के बाद उसे विमल का ध्यान आता है और वो उसके कमरे की तरफ चल पड़ती है।

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अपडेट 32

काम्या बहुत खुश होती है, उसकी बहन आ रही थी पूरे परिवार के साथ। वो चहकती हुई विमल के कमरे में जाती है। विमल औंधे मुँह बिस्तर पर पड़ा था। काम्या के चेहरे पर हँसी आ जाती है।
वो विमल के साथ लेट जाती है और उसकी पीठ सहलाने लगती है, उसके कान के पास अपना मुँह ले जा कर फुसफुसाती है, ‘मेरा बड़ा बेटा अब छोटे बच्चे की तरह नाराज होता है, माँ को तंग करने में मजा मिलता है तुझको।’
विमल तड़प कर पलटता है और अपनी माँ से चिपक जाता है, उसकी आँखों में आँसू थे। उसके आँसू देख काम्या का दिल फट पड़ता है।
‘ऐ विमू, क्या हुआ बेटा, तेरी आँखों में आँसू, क्या माँ को इतना भी हक नहीं बेटे को सही रास्ते पर लाने के लिए थोड़ा डाँट दे?’
विमल जोर से रो पड़ता है, ‘माँ, जितना मर्जी डाँटो, जितना मर्जी मारो, मेरी खाल तक उधेड़ दो, पर मुझे अपने से दूर मत करा करो, मैं नहीं रह सकता आपके बिना।’
‘ओह विमू, मेरा विमू, ना बेटा, ना बेटा, रोते नहीं, मैं तुझें कभी अपने से दूर नहीं होने दूँगी।’ माँ का वात्सल्य रो उठता है, उसे ये नहीं पता था कि उसका बेटा अब उसे एक औरत के रूप में देखने लगा है।
तभी घर की बेल बजती है और काम्या खुद को नियंत्रण में कर दरवाजा खोलने चली जाती है। धोबी था जो कपड़े दे कर चला जाता है।
काम्या फिर विमल के पास चली जाती है और उसके साथ लेट कर उसके बालों में अपनी उंगलियाँ फिराने लगती है।
विमल उसके साथ चिपक जाता है और उसके दोनों उरोज के बीच अपना मुँह धसा लेता है। काम्या को कुछ अजीब लगता है पर वो कुछ नहीं बोलती। विमल उसके उरोज की सुगंध के साथ मस्त होने लगता है और उसका लंड खड़ा हो काम्या की चूत के पास दस्तक देने लगता है।
विमल काम्या से और चिपकता है और काम्या को उसके खड़े लंड का अहसास हो जाता है।
काम्या इस दुविधा में आ जाती है कि विमल को अपने से दूर करे, या फिर कुछ देर ऐसे ही पड़ी रहे।
विमल अपना चेहरा घुमाता है और काम्या के उरोज पर रख देता है। उसके चेहरे का दबाव अपने उरोज पर पड़ने पर काम्या के जिस्म में कुछ होने लगता है।
एक अजीब सी सनसनी उसके जिस्म में दौड़ जाती है और ना चाहते हुए भी वो विमल के सर को अपने उरोज पर दबा देती है। आह्ह्ह्ह्ह एक घुटी हुई सिसकी काम्या के मुँह में ही दबी रह जाती है।
विमल अपना मुँह खोल काम्या के उरोज को अपने मुँह में भरने की कोशिश करता है और अपनी एक टाँग काम्या की टाँग पर चढ़ा देता है, जिसकी वजह से काम्या को अपनी चूत पर उसके लंड की चुभन का अहसास होने लगता है।
अनजाने में विमल एक झटका मार देता है, जैसे काम्या की चूत में लंड डालने की कोशिश कर रहा हो। काम्या को बात बहुत आगे बढ़ती हुई नजर आने लगती है और वो झट से उठ जाती है। विमल को अपनी गलती का अहसास होता है और वो सकपका जाता है।
काम्या उसे माथे को चूमती है और ये कहते हुए कि वो खाने की तैयारी करने जा रही है, कमरे से बाहर चली जाती है।
विमल के दिमाग में डर बैठ जाता है, अब क्या होगा?
काम्या नीचे सीधा किचन में जा कर ठंडा पानी पीती है और गहरी साँसें लेने लगती है। विमल की हरकत के बारे में सोच कर परेशान होने लगती है, कि क्या करे और विमल को सही रास्ते पर ले के आए।

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अपडेट 33

सोनी का दिमाग आज अपनी क्लास में बिलकुल नहीं लगता। कल रात जिस तरह विमल काम्या को चुदते हुए देख रहा था, उससे साफ जाहिर था कि काम्या उसके दिल में घर बना चुकी है और विमल काम्या पर आशक्त हो गया है। इस तरह तो विमल काम्या का दीवाना बन जाएगा और वो प्यासी की प्यासी रह जाएगी।
आज सोनी ने आगे बढ़ने का मन बना लिया था। उसे अपने जवान जिस्म की झलक किसी भी तरह विमल को दिखानी थी ताकि वो एक अनछुए जिस्म की तरफ दौड़ता चला आए। बस किसी तरह टाइम पास कर रही थी और आखिरी क्लास खत्म होने का वेट कर रही थी।
इधर काम्या किचन में चली जाती है और विमल की साँस अटकी हुई थी, कहीं माँ डैड से न शिकायत कर दे।
काम्या काम तो किचन में कर रही थी, पर उसका सारा ध्यान विमल पर था। वो सोच रही थी, क्या विमल की कोई गर्ल फ्रेंड नहीं, इस उम्र में तो सब लड़के गर्ल फ्रेंड बना लेते हैं। आज जो हुआ वो अचानक हुआ या फिर विमल उसके बारे में ऐसा कुछ सोचने लगा है। क्या विमल से इस बारे में खुल के बात करूँ?
अपनी सोचों में गुम काम्या एक मशीन की तरह किचन का काम कर रही थी।
विमल के दिमाग में जहाँ डर बैठ गया था, वहीं उसका दिल बार-बार उसे काम्या के पास जाने के लिए मजबूर कर रहा था - जो होगा देखा जाएगा। अपने दिल की बात सुन विमल नीचे किचन में जाता है। काम्या ने गैस पर सब्जी चढ़ाई हुई थी, पर उसका ध्यान कहीं और था। विमल गैस की आँच को कम करता है पर काम्या को कुछ पता नहीं चलता।
विमल काम्या के पीछे से उसे चिपक जाता है और उसकी कमर में अपनी बाँहें डाल उसे पकड़ता है और अपने होंठ उसके कान के पास ला कर धीरे से बोलता है। ‘मुझसे नाराज हो क्या माँ?’ काम्या होश में आती है और खुद को विमल की बाँहों में पाती है जो पीछे से उसके साथ चिपका हुआ था। काम्या थोड़ा पीछे को होती है तो उसे अपनी गांड में विमल का खड़ा लंड चुभता हुआ महसूस होता है। उसके जिस्म में एक झुरझुरी दौड़ जाती है।
‘विमू, छोड़ मुझे, बहुत काम करना है, सोनी और तेरे डैड आते ही होंगे।’
‘तुम अपना काम करो माँ, मैं कोई तुम्हें तंग तो नहीं कर रहा, अच्छा बताओ क्या मदद करूँ तुम्हारी?’
‘ओह हो! आज तुम मेरी मदद करोगे किचन में, कुछ आता-जाता है नहीं, सब बिगाड़ के रख दोगे, चलो तुम हॉल में जा कर टीवी देखो और मुझे मेरा काम करने दो।’
अब माँ कहीं उखड़ ही न जाए, विमल उसे छोड़ कर किचन की दीवार से सट के खड़ा हो जाता है।
‘अरे जा ना, यहाँ क्यों खड़ा है?’
‘वहाँ मैं अकेला बोर हो जाऊँगा, आप काम करो, मैं आपको काम करते हुए देखता रहूँगा।’
‘पागल कहीं का!’ काम्या हँस पड़ती है और फटाफट अपने हाथ चलाने लगती है।
विमल पीछे खड़ा काम्या की मटकती हुई गांड पर नजरें गड़ा देता है और उसके लंड में तूफान उठने लगता है।
काम्या को भी इस बात का अहसास हो जाता है कि विमल की नजरें उसकी गांड पर टिकी हुई हैं।

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अपडेट 34

जब तक काम्या खाना तैयार करती, विमल किचन में ही खड़ा उसे निहारता रहता। एक तरफ जहाँ एक जवान लड़के द्वारा खुद को निहारा जाना उसे अच्छा लग रहा था, वहीं इस बात का बुरा भी लग रहा था कि वो उसका बेटा है। कोई और होता तो शायद काम्या के अंदर की औरत बहुत खुश होती।
इधर काम्या खाना तैयार कर लेती है, उधर घर की डोर बेल बजती है। विमल जा के दरवाजा खोलता है तो सामने सोनी खड़ी थी। सोनी बड़ी प्यासी नजरों से विमल को देखती है और अपने कमरे में चली जाती है फ्रेश होने के लिए। सोनी जब नीचे आती है तो न सिर्फ विमल, काम्या की भी आँखें फटी रह जाती हैं। सोनी ने ड्रेस ही कुछ ऐसी पहनी थी कि उसके आधे उरोज बेधड़क हो अपने जलवे दिखा रहे थे।
सोनी को आज अपनी माँ ही एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में दिख रही थी और वो किसी भी तरह विमल पर अपना आधिपत्य जमाना चाहती थी। अपने इस नए रूप का असर होता हुआ उसने देख लिया था, विमल की पैंट में तंबू बन चुका था।
काम्या: सोनी, ये कैसे कपड़े पहने हैं तूने?
सोनी: ओह माँ, तुम भी, अब सहेली की पार्टी में जाना है तो क्या पहनूँ, फैशन डिजाइनिंग में अपनी टूटू बजवानी वाली क्या गाँव की लड़कियों की तरह ड्रेसअप करेगी?
सोनी: विमल, चल मुझे जरा छोड़ दे और हाँ लने भी आना पड़ेगा।
विमल काम्या की तरफ देखता है, जैसे वो अभी सोनी को कपड़े बदलने का हुक्म देगी। काम्या कुछ नहीं बोलती तो वो बाहर की तरफ निकल पड़ता है।
सोनी काम्या के पास जा कर उसके गले लगती है और कान में कहती है, ‘पापा से फ्री हो कर रात को मेरे कमरे में आ जाना।’
काम्या का चेहरा लाल पड़ जाता है। इससे पहले वो कुछ बोलती, सोनी बाहर निकल जाती है।
बाइक पर सोनी विमल से चिपक जाती है और उसकी पीठ पर अपने उरोज रगड़ने लगती है। सोनी के उरोज का अहसास होने पर विमल से बाइक चलानी मुश्किल हो जाती है, फिर भी वो सोनी को कुछ नहीं कहता और 10 मिनट में उसे उसकी सहेली के घर छोड़ देता है। सोनी उसे 3 घंटे बाद लने के लिए कह कर अंदर चली जाती है और विमल घर की तरफ निकल पड़ता है।
काम्या के कान में अब भी सोनी के अल्फाज घूम रहे थे और उसकी चूत गीली होने लगती है।

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