जिस्म की प्यास
 
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जिस्म की प्यास

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अपडेट 20

रात को सोने से पहले राम्या ने सिमी के बूब्स की फोटो खींच ली और सुबह वो जल्दी उठ गई। सिमी अभी सो रही थी। राम्या ने अपना लैपटॉप खोला और विमल को सिमी के बूब्स की फोटो भेज दी।
एक रिमार्क के साथ: "पहलेवाले बूब्स चूसना चाहते हो या इन्हें, जवाब जल्दी देना।"
इसके बाद वो सिमी को उठाती है। दोनों तैयार होती हैं, नाश्ता करती हैं और अपने-अपने काम पे निकल जाती हैं। कल रात माँ को नींद नहीं आई, एक आदत सी पड़ गई थी राम्या के जिस्म की। दो रातों से लगातार राम्या के बदन के साथ खेलना और अपने बदन से खिलवाना माँ को अब अच्छा लग रहा था। माँ ने कभी लेस्बियन नहीं किया था सिवाय दो बार को छोड़कर जब उसने अपने पति के जोर देने पर देवर और देवरानी के साथ सामूहिक चुदाई की थी। इसके बाद उसने ये बंद कर दिया। देवर उसका दीवाना हो गया था।
माँ का दिल काम में बिल्कुल नहीं लग रहा था, वो इंतज़ार कर रही थी राम्या के आने का।
उधर विमल को JKP की जब मेल मिलती है तो वो बौखला जाता है। इस बार किसी और लड़की के बूब्स की फोटो भेजी गई थी। आखिर ये लड़की कौन है, क्या चाहती है? क्या गेम खेल रही है? वो मेल का कोई जवाब नहीं देता और सोच में डूबा रहता है। आखिर ये JKP कौन है, उसके पास मेरी मेल ID कैसे आई?
यहाँ विमल JKP को लेकर परेशान था जो उसे लगातार टीज कर रही थी। उधर उसके पिता को काम में बहुत बड़ा झटका लगा। एक बिल्डिंग जो उन्होंने तैयार कराई थी, उसकी छत में दरार आ गई।
किसी ने उन्हें एक नामी पंडित के पास जाने के लिए कहा तो पंडित महाशय ने बच्चों का दोष बताया जो शत्रु घर में बैठे थे। उपाय ये बताया कि सबके नाम बदल दो, खासकर लड़कियों के। और एक खास हवन करना होगा जिसके लिए उसने 25000 माँगे। 25000 देना कोई बड़ी बात नहीं थी, वो राम्या के पिता ने दे दिए।
अंदर ही अंदर वो बहुत परेशान थे, कैसे समझाएँगे सबको कि नाम क्यों बदलना है। और कितने झंझटों से गुजरना पड़ेगा।
खैर, अभी तो उन्होंने अपना ध्यान उस बिल्डिंग को सुधारने में लगाया।
यहाँ शाम को जब राम्या घर पहुँची तो सीधा माँ के गले लग गई। सिमी अभी तक नहीं आई थी।
माँ ने रात के खाने की कोई तैयारी नहीं की थी, तो राम्या ने कहा कोई बात नहीं, इस बहाने हम सिमी को बाहर ट्रीट दे देंगे। अब दोनों सिमी का इंतज़ार कर रही थी।

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अपडेट 21

रात को राम्या सिमी को अपने कमरे में ले गई और फिर शुरू हुई सिमी की दास्तान।
सिमी: कुछ दिन तो विक्की मुझे सिर्फ़ सहलाता रहा, मेरे बूब्स सहलाता, मेरी जाँघें सहलाता, अपना लंड मेरी गांड में रगड़ता। मैं भी रोज़ गर्म हो जाती थी, पर मैं उसके आगे बढ़ने का इंतज़ार कर रही थी। एक दिन मम्मी-पापा कहीं गए थे और दो दिन बाद वापस आने का कह के गए। उस दिन दोपहर में मैं काफ़ी थक के आई थी और आते ही सो गई। विक्की भी उस दिन दोपहर में आ गया, रोज़ देर से आता था पर उस दिन जल्दी आ गया। उसके पास चाबी रहती है तो बिना बेल किए अपनी चाबी से ताला खोल के अंदर आ गया और सीधा मेरे रूम में आया। मैं सोई पड़ी थी, उसने अपनी शर्ट उतारी और मेरे साथ चिपक गया।
राम्या: अच्छा फिर?
सिमी: अरे बता रही हूँ ना।
सिमी: उसने मेरे बूब्स इतनी जोर से मसले कि मेरी चीख निकल गई और मैं उठ के बैठ गई। और उसे कुछ न कहकर मैं पेट के बल लेट गई। मेरी चुप्पी को उसने रजामंदी समझा और मेरी टॉप उठाकर मेरी कमर चूमने लगा। दिल तो मेरा कर रहा था कि मैं उससे चिपक जाऊँ और सारी हदें तोड़ दूँ। पर मैं उसे तड़पाना चाहती थी। ताकि वो सिर्फ़ मेरा ही बन के रहे, कहीं और मुँह न मारे।
राम्या: लड़के कभी किसी के सगे नहीं बन के रहते, जब तक उन्हें चूत मिलती है तब तक चिपके रहते हैं और जैसे ही शादी की बात करो तो छोड़ देते हैं किसी और चूत की तलाश में। और तूने कौन सी विक्की से शादी करनी है जो उसे बाँध के रखना चाहती थी।
सिमी: बाँध के तो उसे मैंने रख लिया है। जब तक हमारी शादी नहीं होती वो बाहर किसी लड़की के पास नहीं जाएगा। शादी के बाद उसे चूत मिल जाएगी और मुझे लंड। फिर सोचेंगे हम अपने इस रिश्ते को आगे कंटिन्यू रखें या नहीं।
राम्या: ओह हो, गुलाम बना लिया है तूने विक्की को।
सिमी: गुलाम नहीं, अपने जिस्म का यार, कभी-कभी तो दिल करता है कहीं दूर चले जाएँ जहाँ हमें कोई जानता न हो और शादी कर लें। खैर, बाद में देखेंगे क्या करना है।
राम्या: आगे बता ना।
सिमी: वो मेरी टॉप उठाता गया, कमर से लेकर पीठ पे चूमने लगा। फिर जब उसने मेरी ब्रा का हुक खोला तो मैं उठ के बैठ गई।
और हमारी बात इस तरह हुई:
सिमी: क्या कर रहा है विक्की, मेरी ब्रा क्यों खोल रहा है। तुझे शर्म नहीं आती, मैं तेरी बहन हूँ। कितने दिनों से देख रही हूँ तू रोज़ रात को मुझे छेड़ता है, और अब तू इतना आगे बढ़ने लगा।
विक्की: सिमी, मैं तुझसे प्यार करता हूँ।
सिमी: प्यार मायफुट, तू सिर्फ़ मेरा जिस्म चाहता है और भाई-बहन में ये सब नहीं होता।
विक्की: नहीं सिमी, अगर मैं सिर्फ़ तेरा जिस्म चाहता तो इतने दिन रुकता नहीं। मेरी आँखों में झाँक कर देख, क्या तुझे इसमें वासना नज़र आती है। लड़कियों की कोई कमी नहीं है मुझे, मैं सिर्फ़ तुझें पसंद करता हूँ।
सिमी: नहीं विक्की, ये गलत है।
विक्की: कुछ गलत नहीं है, तू लड़की है और मैं एक लड़का, हम दोनों को एक दूसरे की जरूरत है।
सिमी: आज तेरी जरूरत पूरी हो जाएगी तो फिर तू किसी और के साथ लग जाएगा, मेरा क्या होगा। और एक बार मेरी सील टूट गई तो शादी के बाद क्या मुँह दिखाऊँगी। क्या कहूँगी।
विक्की: आजकल कौन सी लड़की शादी तक कुंवारी रहती है। और मैं तुझसे वादा करता हूँ जिंदगी भर तुझे नहीं छोड़ूँगा।
सिमी: सच। अगर मुझे पता चला तू किसी और लड़की के साथ... तो जान से मार दूँगी तुझे भी और खुद को भी।
विक्की: नहीं मेरी जान, मेरी जिंदगी में और कोई लड़की नहीं आएगी।
और विक्की मेरे करीब आ गया। मैंने अपनी नजरें झुका ली। उसने मेरा चेहरा ऊपर किया और मेरे होंठों पे अपने होंठ रख दिए। आह्ह्ह्ह्ह मेरा पूरा जिस्म काँप उठा और मेरी आँखें बंद हो गई। मैं उसकी बाहों में खो गई। हमारे कपड़े कब उतरे पता ही नहीं चला।
मुझे लिटाकर वो मेरे ऊपर आ गया और मेरे होंठ चूसने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगी और उसके सर को थामकर अपने होंठ खोल दिए। उसकी जुबान मेरे मुँह में घुस गई और हम दोनों गहरे स्मूच में खो गए।
मेरे होंठों को चूसते हुए वो मेरे निप्पल को निचोड़ने लगा। उसका हाथ लगते ही मैं सिसक पड़ी उफ़फ़फ़ क्या बताऊँ, सीधा तरंगें मेरी चूत तक जाने लगी और मेरी चूत में हज़ारों चीटियाँ रेंगने लगी।
राम्या: अच्छा फिर?
सिमी: फिर की बच्ची, तू चुसकियाँ ले रही है और मुझे उसके लंड की याद आ रही है। अब सोने दे मुझे नहीं तो मेरी रात खराब हो जाएगी।
राम्या सिमी के ऊपर चढ़ जाती है और उसके होंठ चूसने लग जाती है।

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अपडेट 22

राम्या अननफनन अपने और सिमी के कपड़े उतार देती है और सीधे उसकी चूत पे हमला कर देती है।
राम्या: तेरे जिस्म की प्यास मैं बुझाती हूँ, तू बस चलो रह।
सिमी: औच्च्छ्छ्छ्छ आऱम से कर साली आह्ह्ह्ह बताती हूँ बाबा उफ़फ़फ़।
राम्या: तू ऐसे नहीं मानेगी (और जोर से सिमी की चूत चूसने लग जाती है)।
सिमी: आह आह आह उफ़ उफ़ उउउउउउईईईईईमम्मम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म।
सिमी: आह आह उसके बाद वो मेरे बूब्स चूसने लग गया उउउउफ़फ़फ़ आऱम से कर, खा जाएगी क्या ओह्ह्ह्ह्ह।
राम्या: बोलती रह (और फिर सिमी की चूत को चूसने लगती है)।
सिमी: वो मेरे निप्पल्स को एक-एक करके चूसने लगा ओउच्च्छ्छ्छ्छ इतनी जोर से चूस रहा था जैसे अभी दूध निकाल कर दम लेगा हैईईईईईईईईईईई उउउउउम्म्म्म्म्म्म्म।
सिमी: मेरे दोनों बूब्स को दबा रहा था, निचोड़ रहा था और मेरे निप्पल्स को कभी चाटता, कभी चूसता और कभी काटता। मैं तो सातवें आसमान पे उड़ने लगी थी।
आह्ह्ह्ह्ह्ह क्या मज़ा आ रहा था। मेरा पूरा जिस्म थरथरा रहा था। जिस्म में तरंगें दौड़ रही थी। मैंने उसका सर अपने बूब्स पे दबा दिया और वो मेरे बूब्स को ही निगलने की कोशिश करने लगा। काफ़ी देर तक वो मेरे बूब्स चूसता रहा और चूस-चूस कर लाल सुर्ख कर दिए। जगह-जगह उसके दाँतों के निशान भी पड़ गए।
फिर वो पीठ के बल लेट गया।
आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ कमिनी आराम से।
आह्ह्ह्ह्ह्ह फिर फिर उसने मुझे उल्टा कर अपने ऊपर लिया और मेरी चूत चूसने लगा उउउउउफ़फ़फ़ मेरी तो जान ही निकली जा रही थी। उसका लंड मेरी आँखों के सामने लहराने लगा और मैं उसे चाटते हुए अपने मुँह में ले गई और चूसने लगी उउउउफ़फ़फ़।
सिमी की दास्तान सुन-सुन कर राम्या की तड़प बहुत बढ़ गई और वो सिमी के ऊपर आ गई और अपनी चूत का रुख सिमी के मुँह की तरफ कर दिया। सिमी भी उसकी चूत चूसने लग गई। दोनों कभी अपनी जीभ एक दूसरे की चूत में डालती तो कभी जोर-जोर से चूसती तो कभी अपनी जुबान फेरने लगती।
काफ़ी देर तक दोनों एक दूसरे को अपनी जीभ से चोदती रही। और दोनों एक साथ झड़ पड़ी, दोनों ही एक दूसरे के रस की एक-एक बूँद पी गई और हाँफती हुई एक दूसरे की बगल में लेट कर अपनी साँसें संभालने लगी।

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अपडेट 23

राम्या उठ के सिमी को चूमती है और चाट-चाट कर उसका चेहरा साफ कर देती है। सिमी भी उसके चेहरे को चाटती हुई साफ करती है और अपने रस का स्वाद चटखारे ले-ले कर करती। फिर दोनों एक दूसरे की बगल में चिपकती हुई लेट जाती हैं।
राम्या: चल तेरी प्यास बुझा दी। अब आगे सुना।
सिमी: बड़ी छिनाल होती जा रही है, दूसरों की चुदाई की दास्तान सुनने में बड़ा मज़ा आता है तुझे।
राम्या: है मेरी जान, अब तुझे क्या बताऊँ क्या-क्या हो गया है मेरे साथ। चल अब जल्दी बोलना शुरू कर।
सिमी: फिर क्या था, मैं उसका लंड चूस रही थी और वो मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर मुझे जीभ से ही चोदने लगा और मेरे जिस्म में करंट दौड़ती जा रही थी। उसका लंड चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था। मेरी चूत को चाट-चाट कर उसने लाल कर दिया था और उसका लंड मेरे मुँह में फूलने लगा। तब उसने अपना लंड मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया और मुझे चूमने लगा। उसके होंठों पे मेरी चूत का रस लगा हुआ था, मुझे अपने ही रस का स्वाद मिलने लगा।
मेरी आग बहुत भड़क चुकी थी और मैं उसके लंड को पकड़ के अपनी चूत पे लगाने लगी। वो मेरा इशारा समझ गया।
विक्की: डाल दूँ अंदर?
सिमी: अब और कितना तड़पाएगा, अब नहीं रहा जाता, मेरी चूत में तूने बहुत खुजली मचा दी है, अब उसे मिटा दे।
विक्की: सोच ले, पहली बार दर्द होता है।
सिमी: अब बक-बक मत कर और चोद डाल मुझे।
विक्की ने मेरी टाँगों को उठाकर अपने कंधों पे रख लिया और मेरी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया। मेरी चूत और ऊपर उठ गई, फिर उसने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत में फसाया और मेरी कमर को पकड़ एक जोर का धक्का मारा।
आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ।
मैं जोर से चिल्ला पड़ी, इतना तेज़ दर्द हुआ। उसका लंड थोड़ा सा ही अंदर घुसा था। मैं छटपटा रही थी कि उसने फिर एक तेज़ धक्का मारा और अपना आधा लंड मेरी चूत में घुसा दिया।
मैं फिर चीखी उउउउउउईईईईईई मम्मम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म निकाल बाहर।
विक्की: बस हो गया मेरी जान।
फिर विक्की मेरे आँसू चाटने लगा और मेरे होंठ चूसने लगा। मुझे थोड़ा आराम मिला तो वो धीरे-धीरे अपने आधे घुसे हुए लंड को अंदर-बाहर करने लगा। मुझे दर्द तो हो रहा था पर इतना नहीं और दर्द भी बहुत मीठा सा लग रहा था। मेरी सिसकियाँ निकलने लगी।
आह आह आह उफ़ उफ़ उफ़ सी सी उम उम ओह है आह।
मुझे मज़ा आने लगा और मेरी गांड ऊपर-नीचे होने लगी। विक्की ने तब अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और बीच में एक तेज़ धक्का मारकर अपना पूरा लंड अंदर घुसा दिया। इससे पहले मेरी चीख निकलती, उसके होंठ मुझसे चिपक गए।
राम्या: है, इतना दर्द होता है क्या?
सिमी: शुरू में तो होता है, फिर मज़ा भी बहुत आता है। और ये दर्द सिर्फ़ पहली बार होता है।
राम्या: कितनी देर चोदा उसने तुझे?
सिमी: जब उसका पूरा लंड अंदर घुस गया तो मेरा ध्यान दर्द से दूर करने के लिए मेरे होंठ चूमता, मेरे बूब्स चूसता। जब दर्द कम हुआ तो उसने फिर अपना लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे स्पीड पकड़ता गया।
अब वो किसी मशीन की तरह मुझे चोद रहा था और मेरी चूत भी अपना रस छोड़ती जा रही थी। मेरी सिसकियों के साथ-साथ मेरी चूत भी राग अलापने लगी। फच फच फच की आवाज़ होती जब उसका लंड बाहर आकर फिर अंदर घुसता। 10 मिनट तक वो ऐसे ही तेज़ गति से मुझे चोदता रहा और मैं अपनी गांड उछाल-उछाल कर मज़े लेती रही।
फिर मेरा जिस्म अकड़ने लगा और मैं उसके साथ चिपक गई। मेरी चूत ने अपना पहला बंद तोड़ दिया और मेरे नाखून उसकी पीठ पे गड़ते चले गए। ऑर्गेज्म में इतना मज़ा आता है, मुझे पहले नहीं पता था। उसने मुझे मेरे पहले मज़े को आराम से अपने अंदर समेटने दिया।
मैं निढाल होकर बिस्तर पे चित हो गई और वो सटासट फिर मुझे चोदने लगा। जब उसका छूटनेवाला था तो उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मुठ मारने लगा। एक मिनट के अंदर ही उसका वीर्य की पिचकारी मेरे ऊपर गिरने लगी।
जब उसका वीर्य निकल गया तो वो मेरे साथ गिर पड़ा और अपनी साँसें संभालने लगा। मज़े के मारे मेरी आँखें बंद हो चुकी थी।

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अपडेट 24

राम्या: है मेरी बन्नो, कली से फूल बन गई और भाई को ही बहनचोद बना दिया।
सिमी: साली, तू भी तो मरी जा रही है विमल को बहनचोद बनाने के लिए।
राम्या: काश साला इस बार आ के चोद डाले बस, चाहे रेप ही कर दे।
सिमी: तू तो तैयार बैठी है, फिर रेप कैसा।
राम्या: उसे तो रेप ही लगेगा ना, उसे क्या मालूम कि मैं तैयार हूँ, और इतनी जल्दी थोड़ी ना मान जाऊँगी, साला फिर रंडी समझने लगेगा मुझे। खैर, देखते हैं कब तक वो मेरे हुस्न की तलवार से खुद को बचाएगा। तू अपना जारी रख, आगे क्या हुआ।
सिमी: अब चुद गई तो आगे क्या, उसके बाद जब उसका दिल करता उसने चोदा, जब मेरा दिल करता तो उसके ऊपर चढ़ गई।
राम्या: अरे, जब वो तुझे चोद के अलग हुआ तो फिर क्या किया तुम दोनों ने बाद में। सिर्फ़ एक बार तो चुदा नहीं होगी उस दिन।
सिमी: अब सोने दे यार, बाकी का किस्सा कल सुनाऊँगी।
दोनों बहनें ऐसे ही नंगी सो जाती हैं।
अगले दिन सिमी फिर जल्दी निकल पड़ती है और राम्या भी अपने इंस्टिट्यूट चली जाती है।
दोपहर को जब राम्या घर वापस आती है तो देखती है कि माँ कुछ उदास सी लग रही है।
राम्या जाकर माँ के गले लगी और बोली, 'क्या बात है मॉम डार्लिंग, ये सुंदर मुखड़ा आज उदास क्यों है।'
माँ: ये सिमी की वजह से मुझे रात को अकेले सोना पड़ रहा है और मुझे अब नींद नहीं आती अकेले।
राम्या: (अपने माँ के बूब्स दबाते हुए) ओह हो, डैड की बहुत याद आ रही है क्या, करूँ फोन, जल्दी से आ के माँ की लेलो, बहुत तड़प रही है।
माँ: आई बड़ी, अपने बाप से ऐसे बोलने वाली, हिम्मत है तुझमें, खाल उधेड़ देंगे तेरी। मुझे तेरे डैड की नहीं, अब तेरी जरूरत महसूस हो रही है।
राम्या: ओ तेरी की, ये तो गड़बड़ हो गई, अब डैड का क्या होगा, आप मेरे साथ चिपक जाओगी तो उनका कौन ख्याल रखेगा।
माँ: वो तो वैसे भी बाहर मुँह मारते रहते हैं। जब आएँगे तो उनका भी लेलूँगी।
राम्या: क्या लेलो गी?
माँ: तुझे जैसे पता नहीं, उनका लंड अपनी चूत में और क्या।
अब माँ बहुत ज्यादा खुल गई थी, राम्या को अपने रास्ते साफ होते हुए दिख रहे थे। जब जिस्म की प्यास भड़कती है तो सारे रिश्ते-नाते खत्म कर देती है। बस एक ही बात याद रहती है, अपने जिस्म की प्यास को बुझाना।
राम्या: तो आज रात को मेरे कमरे में आ जाना, जब हम सोने जाएँ, उसके आधे घंटे बाद।
माँ: पागल है क्या, सिमी के सामने...
राम्या: जो मैं कह रही हूँ वो करो बस, सिमी की तुम चिंता मत करो।
राम्या ने सिमी का राज़ अपनी माँ को नहीं बताया। अभी सिमी से बहुत काम निकालने थे उसको और वो सिमी को नाराज़ नहीं करना चाहती थी।
माँ: चल तू फ्रेश हो के आ, मैं खाना लगाती हूँ। (माँ के चेहरे पे हसी लौट आई थी, शायद रात के बारे में अभी से सोचने लगी थी)
राम्या अपने कमरे में फ्रेश होने चली गई और माँ किचन में।

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