UPDATE 15
अगले दिन सुबह जब विमल सो के उठा तो उसे JKP की वो मेल याद आई, उसने फिर अपना लैपटॉप खोला और देखा कि JKP की कोई और मेल नहीं आई। वो फिर उसके बूब्स वाली फोटो खोल के बैठ गया और हसरत भरी नज़रों से उसे देखने लगा।
आह!!!! काश ये बूब्स इस वक़्त उसके हाथों में होते।
काश वो इन प्यारे से निप्पल्स को चूस पाता।
कौन है ये JKP? उसे कैसे जानती है? उसने ये मेल क्यों भेजी? बहुत से सवाल उसके दिमाग में घूम रहे थे पर लंड महाशय का तो अपना ही दिमाग था वो सर उठा के खड़ा हो गया।
विमल को फिर गर्मी ने घेर लिया और वो सारे कड़े उतार कर JKP के बूब्स को अपने हाथों में अपने होठों में मेहसूस करते हुए मुठ मारने लगा।
उसकी तड़प हर लम्हा बढ़ती जा रही थी। JKP ने उसके दिल-ओ-दिमाग को अपने कब्ज़े में कर लिया था।
उसकी उत्तेजना इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि 5 मिनट में ही वो धराशाही हो गया और अपना पानी निकाल बैठा।
उसे बेसब्री से JKP के जवाब का इंतज़ार था। अपने लंड को ठंडा करने के बाद वो फ्रेश हो कर तैयार हुआ और अपनी क्लासेस के लिए चला गया। पर आज उसका दिल क्लासेस में बिल्कुल नहीं लग रहा था।
वो जल्द से जल्द वापस हॉस्टल जाना चाहता था JKP की मेल चेक करने।
इधर रम्या और उसकी माँ जब सुबह उठते हैं तो दोनों का ही जिस्म टूट रहा था पर चेहरों पर रौनक थी। रम्या तैयार हो कर नाश्ता करती है और फिर अपने इंस्टिट्यूट चली जाती है।
दोपहर में वो इंस्टिट्यूट से वापस आती है और अपना लैप टॉप खोल के देखती है, अपनी मेल चेक करती है, विमल की मेल आई हुई थी, बड़ी बेसब्री से उसके बारे में पूछ रहा था।
रम्या फिर उसे JKP की आईडी से एक मेल करती है। ‘पहले अपने लंड की फोटो भेजो, मेरे काबिल भी हो या नहीं, फिर आगे बात करूँगी’
और नीचे अपनी माँ के पास चली जाती है। रम्या कब से ये सोच रही थी कि माँ से पूछे कि क्या अभी वो समूहिक चुदाई करती है चाचा चाची के साथ। पर उसकी हिम्मत नहीं पड़ रही थी। शायद अभी दोनों इतना आपस में नहीं खुली थी। अब भी एक गैप था दोनों के बीच।
शाम को रम्या और उसकी माँ तैयार हो कर सिमरन को लेने एयरपोर्ट चले जाते हैं।
UPDATE 16
रम्या और उसकी माँ सिमरन को एयरपोर्ट से पिक करती हैं और सीधे अपने घर आती हैं। रम्या सिमरन का सामान अपने कमरे में रख लेती है और उसका इंतज़ाम उसने अपने साथ ही किया हुआ था। माँ किचन में काम करने चली जाती है और दोनों एक दूसरे के गले लग जाती हैं।
रम्या: कितने टाइम बाद मिल रही है। याद नहीं आती थी क्या मेरी?
सिमरन: तुझे कैसे भूल सकती हूँ मेरी जान, क्या करूँ अकेले आ नहीं सकती थी और पापा काम में बिज़ी होते थे। खैर अब सारी दूरियाँ खत्म, अब तो हम यहीं रहेंगे मिलना जुलना तो अब होता ही रहेगा। ये बता तू इतनी बदल कैसे गई?
रम्या: क्यों क्या बदलाव नज़र आ रहा है तुझे?
सिमरन: नाक में ये सेक्सी रिंग, कपड़ों का रंग ढंग सब कुछ तो बदला हुआ है। कोई पटा लिया क्या? या किसी से पट गई?
रम्या: अरे नहीं यार। बाहर में मुँह मारती नहीं। बस कोशिश कर रही हूँ किसी को पटाने की। ये निगोड़ी जिस्म की प्यास बढ़ती ही जा रही है। तू बता तूने क्या गुल खिलाए हैं वहाँ।
सिमरन: यार बहुत थक गई हूँ। पहले नहा कर फ्रेश हो जाती हूँ। (बात का रुख पलट ती है)
रम्या सिमरन के कपड़े उतारने लगती है।
सिमरन: अरे क्या कर रही है।
रम्या: क्यों कोई लड़का हूँ क्या जो तुझे चोद डालूँगी, जो तेरे पास है वही मेरे पास है।
सिमरन भी उसके कपड़े उतारने लगती है।
सिमरन और रम्या
रम्या और सिमरन एक दूसरे को नहलाते हुए
दोनों नंगी हो कर बाथ रूम में घुस जाती हैं और एक दूसरे पे साबुन रगड़ने लगती हैं। अच्छी तरह एक दूसरे के जिस्म को साबुन के साथ मल मल कर अपने हाथ साथ में फेर्ती हैं। दोनों के जिस्म की प्यास बढ़ने लगती है।
नहाते हुए दोनों स्मूच करने लगती हैं
प्यास इतनी भड़का जाती है कि दोनों के होठ आपस में जुद जाते हैं। रम्या उसका निचला होठ चूसने लगती है और सिमरन उसका उपपर वाला। दोनों की जुबानें आपस में लड़ने लगती हैं। और दोनों ही अपने उरोज एक दूसरे से अच्छी तरह रगड़ती है। दोनों के हाथ एक दूसरे की चूत को सहलाने लगते हैं और उंगलियाँ एक दूसरे की चूत में घुस जाती हैं।
शावर का ठंडा पानी भी इन दोनों की तपिश को कम नहीं कर पाता और होठों की चुसाई के साथ साथ उंगलियाँ भी तेज़ गति से एक दूसरे को चोदने लगती हैं। रम्या की चूत टाइट थी पर सिमरन की खुली हुई थी। रम्या भाँप जाती है के सिमरन चुदवा चुकी है।
उंगलियों से ही दोनों एक दूसरे को झड़ा देती हैं और फिर साबुन उतार कर बाथरूम से बाहर निकलती हैं और अपने कपड़े पहन लेती हैं। रम्या सवालिया नज़रों से सिमरन को देख रही थी। सिमरन नज़रें चुराती है और आंटी को मिलने का कह कर नीचे चली जाती है।
विमल के लंड की फोटोस
सिमरन के नीचे जाने के बाद रम्या अपना लैपटॉप खोलती है। विमल की मेल आई हुई उसने अपने लंड की फोटोस भेजी थी। रम्या गौर से उसके लंड की फोटो देखती है और एक मेल उसे भेज देती है।
‘जाँदार लंड लगता है तुम्हारा चूसने में मज़ा आएगा’
इसके बाद रम्या अपना लैपटॉप बंद करती है और नीचे चली जाती है। हॉल में सिमरन उसकी माँ के पास बैठ कर बातें कर रही थी। रम्या भी उनके साथ लग जाती है।
अपडेट 17
रात को माँ को अकेले ही सोना पड़ा। वो सिमरन के सामने नहीं खुलना चाहती थी। राम्या सिमरन को अपने बेडरूम में ले गई और दोनों बिस्तर पर लेटकर आपस में बातें करने लगी।
राम्या: किस से चुदवा रही है तू?
सिमरन: चुप, क्या बकवास कर रही है।
राम्या: बन्नो, हम से चालाकी नहीं चलेगी, तेरी चूत ने तेरा राज़ खोल दिया है। बता ना। कसम से ये राज़ सिर्फ़ मेरे पास रहेगा।
सिमरन: नहीं नहीं। कहीं गलती से भी तेरे मुँह से कुछ निकल गया तो लेने के देने पड़ जाएँगे और बदनामी अलग।
राम्या: बता ना यार, तू मुझे अपना राज़ बता, मैं तुझे अपना बताऊँगी। अब नखरे छोड़, जल्दी बता किसने तेरी सील तोड़ी।
सिमरन कुछ देर सोचती है फिर बोल पड़ती है 'विक्रांत ने'।
राम्या: 'क्याआआआआ विक्रांत भाई ने, कब? कैसे हुआ ये?'
सिमरन: दो साल हो गए हैं इस बात को। जब भी मौका मिलता है हम चुदाई कर लेते हैं।
राम्या: बड़ी तेज़ निकली तू, बड़े भाई को ही पटा लिया।
सिमरन: अरे मैंने नहीं, भाई ने ही मुझे पटाया था।
राम्या: शुरू से बता ना कैसे हुआ था, कैसे शुरू किया था।
सिमरन: अब तू पहले अपना राज़ बता।
राम्या: कोई खास राज़ नहीं है, बस विमल को पटाने की कोशिश कर रही हूँ। अब ये जिस्म की प्यास सही नहीं जाती और घर के बाहर मैं कुछ करना नहीं चाहती। एक ही रास्ता बचता है वो है विमल।
सिमरन: कैसे पटा रही है, अभी कुछ हुआ क्या?
राम्या: अरे कहाँ यार, अभी दो दिन ही तो हुए हैं, कोशिश करते हुए, सब बताऊँगी पहले तू बता विक्रांत ने कैसे पहल की और तू कब राजी हुई चुदने के लिए।
सिमरन: आधी रात को भाई मेरे बिस्तर में आ जाता था और मेरे बूब्स सहलाने लगता था। एक-आध दिन तो मुझे पता नहीं चला। एक दिन मेरी नींद कच्ची थी और भाई आकर मेरे बूब्स सहलाने लगा। मैं डर गई और चुपचाप पड़ी रही। मेरी तरफ से कोई हरकत होते न देख भाई की हिम्मत बढ़ गई, और वो रोज़ रात को मेरे बिस्तर पे आता और कुछ देर मेरे बूब्स सहलाता फिर अपने बिस्तर पे चला जाता। धीरे-धीरे मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं इंतज़ार करती कब भाई आएगा और मेरे बूब्स सहलाएगा।
अपडेट 18
राम्या: आगे बताना ना सिमी, चुदाई तक कैसे पहुँचे तुम दोनों।
सिमी: कुछ दिन तो विक्की सिर्फ़ मेरे बूब्स ही सहलाता रहा फिर एक दिन उसने मेरा टॉप ऊपर किया और मेरा पेट सहलाने लगा। मेरी तो जान ही निकलती जा रही थी। चूत से नदियाँ बहने लगी। बड़ी मुश्किल से अपनी आवाज़ को रोका।
राम्या: पूरा उतार दिया था क्या?
सिमी: टॉप तो नहीं, मेरा लोअर पूरा उतार दिया था। उफ़, उसके हाथ जब मेरी जाँघों को सहला रहे थे, दिल कर रहा था उसे से लिपट जाऊँ।
राम्या: हायyyyyy विमल मेरा साथ ऐसा कब करेगा? फिर क्या हुआ? चोदा क्या उसने तुझे?
सिमी: कोई रेप थोड़ी ना कर रहा था मेरा। बस उस दिन तो काफ़ी देर तक मेरी जाँघें सहलाई और फिर मेरे साथ चिपक के मेरे बूब्स सहलाने लगा और अपना लंड मेरी गांड के साथ चिपका दिया। उसका लंड मेरी गांड के अंदर घुस रहा था। अगर वो नंगा होता तो ज़रूर मेरी पैंटी फाड़ देता।
राम्या: मज़ा आया क्या तुझे?
सिमी: क्या बताऊँ यार, चूत में इतनी जोर की खुजली मचने लगी थी कि मुझसे और सहन नहीं हुआ। मैं हिल पड़ी और वो भाग के अपने बिस्तर पे चला गया। मैंने तो सोचा था मेरी पैंटी उतार देगा और आगे बढ़ेगा। पर उसने कुछ नहीं किया। थोड़ी देर बाद आया, मेरा लोअर ऊपर किया और फिर अपने बिस्तर पे चला गया।
राम्या: तू ही खींच लेती ना उसको अपने ऊपर।
सिमी: आई बड़ी, खींच लेती उसको, रंडी हूँ क्या मैं? मेरी तो समझ में ही नहीं आ रहा था क्या करूँ। रोज़ रात को आकर छेड़ता और चला जाता। ना मैं उसे रोक पाती और ना ही आगे बढ़ पाती।
राम्या: अच्छा फिर आगे कब किया उसने तेरे साथ।
सिमी: अगले दो दिन तो कुछ नहीं हुआ। बस मुझे घूरता रहता था और मैं नजरें बचाती रहती थी।
राम्या: फिर?
सिमी: फिर की बच्ची, अब सो जा, मेरी हालत खराब हो रही है, पता नहीं कैसे नींद आएगी।
राम्या: मैं तेरी हालत सुधार दूँगी, तू बस आगे बता।
और राम्या सिमी के उरोज सहलाने लगती है।
सिमी: क्यों मेरी प्यास भड़का रही है। तेरे पास लंड कहाँ है जो मेरी प्यास बुझा सके।
राम्या सिमी के होंठों पे होंठ रख देती है। और चूसने लग जाती है।
सिमी भी राम्या का साथ देने लगती है, दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगती हैं और अपनी जुबानें एक दूसरे से लड़ाने लगती हैं। दोनों ही एक दूसरे के उरोजों को बेरहमी से मसलने लगती हैं। कपड़े जिस्म का साथ छोड़ देते हैं।
अपडेट 19
दोनों के जिस्म की प्यास बढ़ जाती है और दोनों 69 पोज में आकर सीधा अटैक एक दूसरे की चूत पे करती हैं। सिमी की चूत में राम्या की पूरी जुबान घुस जाती है और वो लपालप उसे चाटने और जीभ से चोदने लग गई।
सिमी राम्या की चूत को अच्छे से चाटती है और फिर जितना हो सका अपनी जुबान उसकी चूत में घुसा देती है। राम्या को थोड़ा दर्द होता है और वो सिमी की चूत में दाँत गड़ा देती है। जिसकी वजह से सिमी भी उसकी चूत को पूरा मुँह में लेकर जोर से अपने दाँतों में दबाकर चूसती है और अपनी जुबान से उसकी तेजी से चुदाई शुरू कर देती है।
थोड़ी देर बाद दोनों पोजीशन बदलती हैं। अब सिमी ऊपर होती है और राम्या नीचे और एक दूसरे की चूत को चाटना, चूसना लगा रहता है, दोनों की जुबानें भी एक दूसरे की चूत के अंदर-बाहर होती रहती हैं।
आधे घंटे की मेहनत के बाद दोनों का जिस्म अकड़ने लगता है और दोनों ही अपना बंद एक साथ छोड़ देती हैं। लपालप दोनों एक दूसरे का पानी पी जाती हैं और हाँफती हुई अलग लेट जाती हैं।
सिमी ने आज पहली बार किसी लड़की के साथ सेक्स किया था और वो आँखें बंद कर उस अनुभव को अपने अंदर समेटती रहती है।
राम्या की साँसें जैसे ही संभलती हैं वो फिर सिमी के चेहरे को चाट कर अपने रस का स्वाद चखती है, सिमी भी उसका चेहरा चाट कर साफ कर देती है।
जब दोनों के चेहरे साफ हो जाते हैं तो राम्या उसे फिर सवाल करने लगती है।
राम्या: चल भुझ गई तेरी प्यास, अब बता आगे क्या हुआ?
सिमी: यार आज रहने दे बाकी कल बताऊँगी। मुझ से और स सहा नहीं जाएगा मैं फिर से गर्म हो जाऊँगी और कल बहुत काम करने हैं।
राम्या मन मसोस के रह जाती है और दोनों चिपक के सो जाती हैं।