भाग 6: रात की मुलाकात
रात 9 बजे कमल आया। वो लुंगी और बनियान में था। शबनम पसीने से तर थी। उसने ब्रा नहीं पहनी थी, जिससे उसका ब्लाउज़ गीला होकर उभार दिखा रहा था। शबनम ने पसीना पोंछते हुए कहा, "चाचा, आप आ गए? मैं तो घर की सफाई में लगी थी।"
कमल ने कहा, "कितना पसीना है। मैं पोंछ दूँ? या पल्लू हटाकर हवा ले।"
शबनम ने पल्लू से हवा ली, जिससे उसकी बगल और उभार दिखने लगे। वो बोली, "मैं नहाने जा रही हूँ। कुछ चाहिए तो ले लेना।"
कमल ने कहा, "पहले पसीना पोंछने दे। इलाज़ के बाद नहा लेना।"
शबनम बाथरूम की ओर बढ़ी और बोली, "खाना खा लो, चाचा। मैं 10 मिनट में आती हूँ।"
कमल ने कहा, "अच्छे से नहा ले। बाद में बहुत पसीना आएगा। नहाने के बाद ढीले कपड़े पहनना।"
शबनम ने मज़ाक में कहा, "मतलब? आप ही मेरे लिए अलमारी से कपड़े निकाल दो।"
कमल ने शबनम की अलमारी से एक पारदर्शी काली नाइटी निकाली और उसके बटन तोड़ दिए। शबनम नहाकर टॉवल लपेटे बेडरूम आई और नाइटी पहन ली। वो किचन में कमल के सामने खड़ी हुई। कमल ने कहा, "वाह, बेटी, अब तो मस्त लग रही है। खाना परोस, भूख लगी है।"
भाग 7: कमल और शबनम की अंतरंग बातचीत
शबनम खाना परोसने लगी। झुकने से कमल को उसके उभार दिख रहे थे। कमल ने उसकी जाँघ सहलाते हुए कहा, "नीचे बैठकर परो। बार-बार झुकेगी, तो थक जाएगी।"
शबनम ने कहा, "नहीं, चाचा, फर्श गंदा हो जाएगा। और आप मुझे छूते क्यों हो?"
कमल ने शबनम का हाथ खींचा, जिससे वो उसकी गोद में बैठ गई। कमल ने कहा, "चाचा की बात मान। अब तुझे बताता हूँ कि इस नाइटी और इलाज़ का क्या रिश्ता है।"
शबनम ने नखरे किए, "खाना तो आप खुद खा लो। बच्चे जैसे हो।"
कमल ने शबनम के उभार पर हाथ रखा और कहा, "हर मर्द में एक बच्चा होता है। अब बेशर्म होकर मेरे सवालों का जवाब दे।"
शबनम ने कहा, "बेशर्म मतलब? कौन-से सवाल?"
कमल ने नाइटी का एक बटन खोला और कहा, "तेरे और तेरे पति के रिश्ते के बारे में पूछूँगा।"
शबनम ने शरमाते हुए कहा, "ठीक है, साफ-साफ जवाब दूँगी। लेकिन इसका कपड़ों से क्या लेना-देना?"
भाग 8: अंतरंग पल
कमल ने शबनम का उभार टटोला और कहा, "बता, तुम हफ्ते में कितनी बार मस्ती करते हो?"
शबनम ने कहा, "महीने में एक-दो बार।"
कमल ने हैरानी से कहा, "क्या? बस? क्यों, तुझे इच्छा नहीं होती?"
शबनम ने कहा, "इकबाल महीना-महीना बाहर रहते हैं। और वो थकान का बहाना बनाते हैं।"
कमल ने शबनम को गोद में लिटाया और उसकी नाइटी ऊपर की। वो बोला, "इसलिए मैंने ये नाइटी पहनने को कहा। इससे वासना जागेगी, और तू बेशर्म होकर इलाज़ लेगी। अब बता, इकबाल का हथियार कितना बड़ा है?"
शबनम ने बेशर्मी से कहा, "4-5 इंच का होगा। और वो तो घुसाने से पहले ही झड़ जाता है।"
कमल ने कहा, "इसलिए तुझे माँ बनने का सुख नहीं मिला। अब मैं तुझे मर्दानगी दिखाता हूँ।"
भाग 9: जुनून की रात
कमल ने शबनम की नाइटी उतारी और उसके उभार चूसने लगा। शबनम ने दर्द से कहा, "धीरे, चाचा।"
कमल ने कहा, "धीरे-धीरे तो इकबाल जैसे करते हैं। आज तुझे असली मर्द का मज़ा दूँगा।"
शबनम ने कमल का लंड सहलाया और कहा, "इतना बड़ा? मेरे मियाँ का तो इसके सामने कुछ भी नहीं।"
कमल ने कहा, "मेरे लंड की पूजा कर। तुझे माँ बनाऊँगा।"
शबनम ने कमल के लयन को चूमा और चाटा। वो बोली, "चाचा, आपका लंड इतना तगड़ा है। मेरी चूत का क्या हाल होगा?"
कमल ने शबनम को बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूत में लंड डाला। शबनम दर्द से चिल्लाई, लेकिन मज़ा भी ले रही थी। कमल ने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे। शबनम बोली, "चाचा, मेरी सुहागरात आज हो रही है।"
कमल ने कहा, "तेरी चूत इतनी टाइट है। मज़ा आ रहा है।"
भाग 10: चरम सुख
कई मिनटों तक कमल ने शबनम को चोदा। आखिरकार, दोनों एक साथ झड़ गए।
कमल ने शबनम को गले लगाया और कहा, "मज़ा आया, रंडी बेटी?"
शबनम ने कहा, "हाँ, चाचा। आज मेरी प्यास बुझ गई।"
15 दिन तक ये सिलसिला चला। नसीम बी के आने से पहले शबनम ने डॉक्टर से जाँच कराई और गर्भवती होने की खबर मिली। उसने पहले कमल को बताया और उसके पैर छुए। फिर नसीम बी को खबर दी। नसीम बी समझ गईं कि शबनम को सब पता है, लेकिन उन्हें कोई परेशानी नहीं थी।
जब शबनम ने बेटे को जन्म दिया, नसीम बी ने कमल को 2 लाख रुपये दिए। सबकी ज़िंदगी खुशहाल हो गई।
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